Delhi Serial Blasts History: पहले भी धमाकों से दहल चुकी है दिल्ली, 2005 और 2008 में हो चुके थे सीरियल ब्लास्ट, पढ़ें पूरा इतिहास
Delhi Serial Blasts History: दिल्ली में लाल किले के पास 2025 में हुआ धमाका राजधानी को फिर झकझोर गया। जानिए 2000 से 2012 तक दिल्ली में कब-कब हुए आतंकी हमले और कैसे बदली सुरक्षा नीति।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली सोमवार 10 नवंबर 2025 की शाम एक बार फिर धमाके की गूंज से कांप उठी। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ विस्फोट इतना भयानक था कि देखते ही देखते कई गाड़ियों में आग लग गई। अब तक 9 लोगों की मौत और 24 से ज्यादा के घायल होने की खबर है। एनआईए और एनएसजी की टीमें मौके पर हैं, लेकिन अभी तक स्पष्ट नहीं है कि यह आतंकी हमला था या कोई अन्य विस्फोट। दिल्ली के लिए धमाकों का इतिहास नया नहीं है। 2000 से 2012 के बीच यह शहर कई बार खून में नहाया है। आइए देखते हैं, कैसे दिल्ली बार-बार आतंकी निशाने पर रही:
22 दिसंबर 2000: लाल किले पर आतंकी हमला
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने सीधे लाल किले में घुसकर फायरिंग की थी। इस हमले में 3 लोगों की मौत हुई और सुरक्षा व्यवस्था की कमियों ने देश को हिला दिया था।
13 दिसंबर 2001: संसद हमला
लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया। 9 लोगों की मौत और सभी हमलावरों की ढेर होने के बाद भी यह घटना राष्ट्र की सुरक्षा नीति के लिए चेतावनी साबित हुई थी।
21 मई 1996: लाजपत नगर धमाका
दिल्ली के रौनक भरे बाज़ार में बम फटा जिसमें 13 लोगों की जान गई और 39 घायल हुए। उस वक्त इसे कश्मीर के आतंकी गठजोड़ से जुड़ा गया था।
29 अक्टूबर 2005: तीन सिलसिलेवार धमाके
दिवाली से दो दिन पहले दिल्ली के सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी इलाके में तीन भयानक विस्फोट हुए। 62 लोग मारे गए और 210 से ज्यादा घायल हुए। इसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी।
13 सितंबर 2008: दिल्ली सीरियल ब्लास्ट
करीब 45 मिनट में करोल बाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश-1 जैसे इलाकों में 5 बम धमाके हुए। 90 से ज्यादा लोग घायल और 30 से अधिक मौतें हुईं। इंडियन मुजाहिद्दीन ने जिम्मेदारी ली थी।
27 सितंबर 2008: महरौली धमाका
सराय फूल मंडी में धमाका हुआ, 3 लोग मारे गए और 23 घायल। यह उसी श्रृंखला का हिस्सा माना गया जो सितंबर के सीरियल ब्लास्ट के बाद हुई।
7 सितंबर 2011: दिल्ली हाईकोर्ट ब्लास्ट
गेट नंबर 5 के पास हुआ विस्फोट 15 लोगों की जान ले गया और 79 को घायल किया। हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी ने जिम्मेदारी ली।
13 फरवरी 2012: इज़राइली राजनयिक हमला
दिल्ली में इज़राइल के राजनयिक वाहन को निशाना बनाया गया। इसे ईरान समर्थित गुटों से जुड़ा बताया गया था। इसके बाद 13 साल तक दिल्ली में कोई बड़ा आतंकी विस्फोट नहीं हुआ।
10 नवंबर 2025: लाल किले के पास धमाका
अब 13 साल बाद फिर राजधानी में धमाके की गूंज सुनाई दी है। लाल किले के पास हुआ यह विस्फोट फिलहाल रहस्यमय है। एनएसजी और एनआईए ने मौके से सैंपल इकट्ठे कर लिए हैं। सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली और सुरक्षा की नई चुनौती
सुरक्षा जानकारों का मानना है कि राजधानी में लंबे अंतराल के बाद ऐसा धमाका साइबर इंटेलिजेंस फेल्योर या लोकल नेटवर्क एक्टिवेशन का साफ़ इशारा हो सकता है। दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था में मेट्रो नेटवर्क, बाज़ार इलाकों और संवेदनशील स्थानों पर फिर से समीक्षा की जरूरत है।
दिल्ली का इतिहास कहता है कि यह शहर हमेशा से देश की राजनीतिक धड़कन के साथ-साथ आतंकी गठजोड़ का निशाना भी रहा है। 2025 का लाल किला धमाका याद दिलाता है कि भले सालों तक शांति रही हो पर सतर्कता कभी कम नहीं पड़नी चाहिए।