Delhi Mahila Samridhi Yojana: बीजेपी की महिला समृद्धि योजना पर विवाद, AAP बोली-दिल्ली की महिलाओं से विश्वासघात! जानें पूरी डिटेल्स
Delhi Mahila Samridhi Yojana: दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए महिला समृद्धि योजना को लेकर गाइडलाइन तैयार करना शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत, राज्य की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

Delhi Mahila Samridhi Yojana: दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए महिला समृद्धि योजना को लेकर गाइडलाइन तैयार करना शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत, राज्य की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। महिला समृद्धि योजना को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 8 मार्च, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मंजूरी दी थी। हालांकि, इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।
महिला समृद्धि योजना की शर्तें
- एक परिवार में केवल एक महिला: एक परिवार से सिर्फ एक ही महिला को योजना का लाभ मिलेगा। अगर एक बीपीएल कार्ड पर चार महिलाओं के नाम हैं, तो सबसे अधिक उम्र वाली महिला को लाभ दिया जाएगा।
- बीपीएल कार्ड अनिवार्य: योजना का लाभ लेने के लिए महिला के पास बीपीएल कार्ड होना जरूरी है।
- उम्र सीमा: महिला की उम्र 21 से 60 साल के बीच होनी चाहिए।
- बच्चों की संख्या: अगर महिला के तीन से अधिक बच्चे हैं, तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, अगर तीन बच्चे हैं, लेकिन वे सभी वैक्सीनेटेड नहीं हैं, तो भी लाभ नहीं मिलेगा।
- सीधे बैंक खाते में पैसा: योजना का पैसा सीधे महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
योजना की मॉनिटरिंग
इस योजना की मॉनिटरिंग जिला स्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
आप का आरोप
आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी पर महिलाओं के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया है। विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की महिलाओं से वादा किया था कि 8 मार्च तक उनके खातों में 2500 रुपये जमा कर दिए जाएंगे। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। महिलाएं गुस्से में हैं और ठगा हुआ महसूस कर रही हैं।"
दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत
फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शानदार जीत मिली थी। 27 साल बाद पार्टी ने दिल्ली में सत्ता में वापसी की और 48 सीटें जीतीं। वहीं, आप को 22 सीटों पर सफलता मिली, जबकि कांग्रेस एक बार फिर खाता नहीं खोल सकी।