7th Pay Commission DA Hike News: बढ़ जायेगा डीए! DA में इस बार वृद्धि से कैसे होगी सरकारी कर्मियों की बल्ले बल्ले, जानें पूरी खबर...

7th Pay Commission DA Hike News: हर साल जनवरी व जुलाई में वृद्धि होने वाले महंगाई भत्ते के इस बार जुलाई में बढ़ने से कर्मचारियों की बल्ले बल्ले हो जाएगी।

Update: 2024-05-14 07:26 GMT

7th Pay Commission DA Hike News: नई दिल्ली। प्रतिवर्ष जनवरी व जुलाई में वृद्धि होने वाले महंगाई भत्ते के इस बार जुलाई में बढ़ने से कर्मचारियों की बल्ले बल्ले हो जाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि यदि सब कुछ ठीक रहा तो सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को तय वेतन वृद्धि से ज्यादा फायदा पहुंचेगा। हालांकि डीए में वृद्धि एआईसीपीआई सूचकांक संख्या,जो सीपिएक्स महंगाई भत्ता स्कोर निर्धारित करती हैं के आधार पर होता है। पर बावजूद इसके हम आपको बताते है कि कर्मचारियों का फायदा कैसे होगा।

पहले जाने डीए होता क्या है?

डीए को यदि सरल शब्दों में समझे तो यह वेतन का एक प्रतिशत है जिसे हर 6 महीने में मुद्रास्फीति (जीवनयापन की वस्तुओं या सेवाओं की लागत में वृद्धि या निर्णय) के अनुसार संशोधित किया जाएगा। यह सरकार और कुछ निजी क्षेत्रों द्वारा कर्मचारियों को दिया जाने वाला एक मौद्रिक लाभ है। महंगाई भत्ता देने का प्राथमिक उद्देश्य समय के साथ वास्तविक आय के क्षरण को संतुलित करना है। यह जीवनयापन की लागत के समायोजन के रूप में कार्य करता है, यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में वृद्धि के साथ अपनी क्रय शक्ति बनाए रख सकते हैं। हर कर्मचारी के लिए महंगाई भत्ता अलग-अलग होता है. यह शहरी क्षेत्रों, अर्ध-शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों जैसे स्थान से भिन्न होता है।

डीए की गणना कैसे होती है?

वेतन के साथ महंगाई की क्षमता प्रदान करने वाले दिए में वृद्धि एआईसीपीआई संख्याओं द्वारा निर्धारित किया जाता है। एआईसीपीई इंडेक्स द्वारा या निर्धारित होता है। यह इंडेक्स श्रम ब्यूरो द्वारा हर महीने के अंतिम कार्य दिवस पर निर्धारित किया जाता है। हालांकि इसके आंकड़े एक महाभारत आते हैं सियानी की जनवरी के आंकड़े फरवरी में आएंगे। इसके सूचकांक की संख्या निर्धारित करती है कि महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा। श्रम ब्यूरो द्वारा हर महीने जीवन उपयोगी विभिन्न वस्तुओं को इकट्ठा किया जाता है और उसकी मार्केट रेट देखी जाती है इस आधार पर वह आंकड़े जारी करता है। श्रम ब्यूरो के गणना के आधार पर जनवरी 1 जुलाई में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है।

इसके लिए एक फार्मूला भी तय किया गया है। जो निम्न है

अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) का औसत –115.76)/115.76)*100 है। इसमें ब्यूरो द्वारा कई वस्तुओं का डाटा एकत्र किया जाता है इसके आधार पर सूचकांक निर्धारित किया जाता है।

कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा

यदि महंगाई भत्ते की दर बढ़ते बढ़ते मूल वेतन के 50% में पहुंचता है तो उसे मूल वेतन में समायोजित कर दिया जाता है। सीधे शब्दों में समझे तो यदि मान लीजिए किसी कर्मचारी की तनख्वाह 1 लाख रुपए है और महंगाई भत्ता बढ़ते बढ़ते उसे कुल डेढ़ लाख रुपए मिलते हैं ( एक लाख मूल वेतन+ 50 हजार रुपए भत्ते) तो 50 फीसदी भत्ता को मूल वेतन में समायोजित कर दिया जाता है। मतलब अब कर्मचारी का मूल वेतन डेढ़ लाख रुपए हो जायेगा।

अब इसके आगे जो भी डीए बढ़ेगा वह डेढ़ लाख मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर बढ़ेगा। पहले मान लीजिए एक लाख वेतन था और चार प्रतिशत डीए बढ़ता था तो कर्मचारी को चार हजार का फायदा होता था। अब मूल वेतन डेढ़ लाख रुपए है तो डेढ़ लाख का यदि चार प्रतिशत डीए बढ़ने पर कर्मचारी को 6 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब डीए का प्रतिशत नहीं भी बढ़े तो भी कर्मचारी फायदे में रहेंगे। डीए को मूल वेतन में समायोजित करने से यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20 हजार है तो यह तीस हजार हो जाएगा। हालांकि यह जुलाई में ही स्पष्ट हो सकेगा कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में समायोजित किया जा रहा है या नहीं।

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