Kolkata Gang Rape Case: कोलकाता गैंगरेप, वीडियो बनाने वालों पर भी रेप केस क्यों? कानून का ये पहलू जानकर चौंक जाएंगे आप

Kolkata Gang Rape Case: BNS की धारा 3(5) और 70(1) के तहत कोलकाता गैंगरेप केस में वीडियो बनाने वालों को भी बलात्कार का दोषी माना गया है। जानिए क्या कहता है कानून?

Update: 2025-06-27 14:56 GMT

Kolkata Gang Rape Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। एक कॉलेज की छात्रा के साथ उसके जानने वाले युवक ने बलात्कार किया और उसी वक्त दो अन्य युवक वीडियो बनाते रहे। ये घटना 25 जून की है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने उन्हें 10 जुलाई 2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

सिर्फ रेप करने वाला नहीं, वीडियो बनाने वाले भी आरोपी क्यों?

यह सवाल सोशल मीडिया से लेकर कानूनी गलियारों तक गूंज रहा है। आखिर वीडियो बनाने वालों को भी गैंगरेप के आरोप में क्यों पकड़ा गया? पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 127(2), 70(1) और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। लेकिन इनमें से सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो बनाने वालों पर भी गैंगरेप का आरोप लगा है। क्या सिर्फ रिकॉर्डिंग करने भर से कोई व्यक्ति बलात्कारी बन सकता है?

कानून क्या कहता है?

BNS धारा 70(1): सामूहिक बलात्कार का स्पष्ट प्रावधान

इस धारा के अनुसार, यदि एक या एक से अधिक व्यक्ति समान उद्देश्य से किसी महिला के साथ बलात्कार करते हैं, तो यह गैंगरेप माना जाएगा। मतलब सिर्फ शारीरिक रूप से शामिल होना ही नहीं, बल्कि किसी भी रूप में मदद करना जैसे वीडियो बनाकर पीड़िता को ब्लैकमेल करना भी इस अपराध में भागीदारी मानी जाती है।

BNS धारा 3(5): समान उद्देश्य की भागीदारी = समान सज़ा

यह धारा कहती है कि जब कोई आपराधिक कृत्य साझा इरादे से किया जाता है, तो सभी सहभागी उतने ही दोषी माने जाते हैं जितना कि मुख्य अपराधी। यानी वीडियो बनाने और धमकी देने वाले भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं जितना बलात्कार करने वाला।

घटना का दर्दनाक विवरण

पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि वह कॉलेज में फॉर्म से संबंधित काम से गई थी। तभी मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, जो कि छात्र नेता है और तृणमूल कांग्रेस (TMC) से जुड़ा बताया जा रहा है, ने दो अन्य युवकों के साथ मिलकर उसे एक कमरे में बंद कर दिया। वहां उसे रात 10 बजे तक बंधक बनाकर बलात्कार किया गया। जब उसने विरोध किया और छोड़ने की गुहार लगाई, तो वीडियो बना रहे युवकों ने धमकी दी कि अगर किसी से बताया तो वीडियो वायरल कर देंगे।

एकतरफा प्यार से हिंसा का हुआ जन्म?

पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसे पहले से जानता था और दोनों के बीच संबंध भी थे। हाल ही में आरोपी ने शादी का प्रस्ताव दिया था जिसे पीड़िता ने ठुकरा दिया। पुलिस के मुताबिक, इसी इनकार के बाद आरोपी ने यह कृत्य अंजाम दिया।

कॉलेज परिसर बना अपराध स्थल

यह पूरी घटना कॉलेज कैंपस में हुई, जहां आरोपी एक अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम करता था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक शिक्षण संस्थान की सुरक्षा और निगरानी ऐसी कैसे हो सकती है कि वहां किसी छात्रा के साथ घंटों तक यह सब होता रहे और किसी को भनक तक न लगे?

कोलकाता गैंगरेप केस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बलात्कार सिर्फ शारीरिक हमला नहीं, बल्कि मानसिक, साइबर और सहयोगात्मक हमले का भी नाम है। अगर कोई अपराध में किसी भी रूप में भाग लेता है जैसे वीडियो बनाकर, धमकी देकर या मदद करके तो वो भी कानूनी रूप से उतना ही अपराधी है जितना कि मुख्य दोषी। भारतीय न्याय संहिता (BNS) के नए प्रावधान इस तरह के सहयोगियों को भी बलात्कारी के तौर पर देखती है।

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