Bilaspur News: सिस्टम की मार झेल रहा नायब तहसीलदार और परिवार....पुलिस की दादागीरी के खिलाफ लगाई गुहार
Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा और परिवार के सदस्यों को सरकारी सिस्टम ने कुछ इस कदर परेशान कर दिया है कि अब उसे अपनी आपबीती बताने सामने आना पड़ गया है। सिस्टम से परेशान और लाचार और सरकंडा पुलिस की दादागीरी के आगे सरकारी सिस्टम का एक जिम्मेदारी अफसर लाचार और बेबस नजर आ रहा है। अचरज की बात ये कि सरकंडा थाने का टीआई ना तो कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी के निर्देशों को तव्वजो दे रहे हैं और ना ही पुलिस अधीक्षक की बातों को ही सुन रहे हैं। परेशान नायब तहसीलदार ने सरकंडा टीआई पर जांच के नाम पर प्रताड़ित करने साक्ष्य छुपाए का आरोप लगाया है। एसपी के निर्देश के बाद भी आजतलक एफआईआर रद्द नहीं की गई है।
Bilaspur News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने 17 नवंबर 2024 की रात सरकंडा थाना में उनके साथ हुई मारपीट और दुर्व्यवहार के खिलाफ न्याय की गुहार लगाई है। बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा कर उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
नायब तहसीलदार मिश्रा ने बताया कि घटना की रात उन्हें और उनके भाई को सरकंडा थाना लाया गया, जहां उनके साथ न केवल शारीरिक हिंसा की गई बल्कि अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया। उन्होंने थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग पर आरोप कि उन्होंने न केवल उनके साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई।
मिश्रा का कहना है कि घटना के बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की थी। पुलिस अधीक्षक ने झूठे एफआईआर को तीन दिन में समाप्त करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सीसीटीवी फुटेज और साक्ष्य का मुद्दा
पुष्पराज मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें पुलिस थानों में ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकंडा थाना में ऑडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है, जिससे घटना के साक्ष्य अधूरे हैं। मिश्रा ने मांग की है कि घटना की रात के सीसीटीवी फुटेज को ऑडियो सहित सार्वजनिक किया जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
जांच प्रक्रिया पर उठाए सवाल
नायब तहसीलदार मिश्रा ने विभागीय जांच में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अब तक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और आरोप पत्र की प्रति नहीं सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना चाहिए और उन्हें न्याय दिलाने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने चाहिए। प्रेस वार्ता के दौरान नायब तहसीलदार ने कहा कि वह सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उस व्यवस्था में सुधार के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें आम नागरिकों को न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
ये की है मांग और अपील
. झूठे एफआईआर को तुरंत समाप्त किया जाए।
. दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
. घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज को ऑडियो सहित सार्वजनिक किया जाए।
. विभागीय जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाए।