Bilaspur News: CG किशोरी के दुष्‍कर्मी की पहचान के लिए कब्र खोदकर निकाला गया नवजात का शव, हो DNA टेस्ट

Bilaspur News: दुष्कर्म के एक मामले में कोटा पुलिस ने शनिवार को एक नवजात का शव कब्र से खादकर बाहर निकाला और विशेषज्ञ चिकित्सकों के हवाले कर दिया।जरुरी परीक्षण के बाद चिकित्सकों ने शव पुलिस को सौंप दी। पुलिस ने अपनी मौजूदगी में परिजनों को शव को सौंपकर दोबारा दफन करा दिया है। नवजात का डीएनए टेस्ट से चिकित्सक उसके जैविक पिता के बारे में पता लगाएंगे। दुष्कर्म का आरोपी जेल में बंद है।

Update: 2024-11-09 13:29 GMT

Bilaspur News: बिलासपुर। दुष्कर्म के एक मामले में पुलिस ने नवाजत के शव को कब्र से बाहर निकालकर कुछ घंटों के लिए चिकित्सकों के हवाले कर दिया था। दरअसल नवजात के जैविक पिता के बारे में पता लगाने के लिए उसका डीएनए टेस्ट जरुरी है। यही कारण है कि कोटा पुलिस ने नवजात के शव को कब्र से खाेदकर निकालने के लिए एसडीएम से अनुमति मांगी। अनुमति मिलने के बाद अब जरुरी प्रक्रिया पूरी की गई है। बता दें कि दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की शिकायत पर आरोपी को जेल भेज दिया है। डीएनए रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस कोर्ट में पेश करेगी।

कोटा थाना प्रभारी डीएसपी रोशन आहूजा ने बताया कि क्षेत्र में रहने वाली किशोरी ने दुष्कर्म की शिकायत की है। पीड़ित ने बताया कि उसका गांव के लिए युवक से जान पहचान थी। इसका फायदा उठाते हुए युवक ने दो साल तक शारीरिक शोषण किया। इस बीच पीड़िता गर्भवती हो गई। पीड़िता ने इसकी जानकारी युवक को दी। इसके बाद भी वह किशोरी को गुमराह करता रहा। करीब 20 दिन पहले किशोरी ने एक बच्चे को जन्म दिया। जन्म के दौरान ही नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने इस मामले की शिकायत थाने में की। साथ ही नवजात के शव को दफना दिया। शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर आरोपी को दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इधर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए नवजात का डीएनए टेस्ट कराने शव को कब्र से निकालने एसडीएम से अनुमति मांगी थी। एसडीएम से अनुमति के बाद नवजात के शव को कब्र से निकालकर सैंपल लिया गया है। इसकी रिपोर्ट पुलिस न्यायालय में पेश करेगी।

 डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया

डीएनए परीक्षण के दौरान डॉक्टर रक्त, एमनियोटिक द्रव (गर्भावस्था के दौरान आपके बढ़ते बच्चे या भ्रूण के आसपास का तरल पदार्थ), त्वचा, बाल या ऊतक का नमूना लेते हैं। नमूने को विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है। लैब में तकनीशियन जीन, क्रोमोसोम या प्रोटीन में संशोधन की जांच करते हैं।

 इसलिए है डीएनए टेस्ट जरुरी

डीएनए पितृत्व परीक्षण के तहत बच्चे के जैविक माता-पिता को सटीक रूप से निर्धारित करने में मदद कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान या बच्चे के जन्म के बाद परीक्षण करा सकते हैं।

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