COLLECTOR नहीं रहेंगे अब कलेक्टर !…..पदनाम बदलने वाली कमेटी इसी महीने मुख्यमंत्री को सौंपेगी रिपोर्ट….. 5 IAS की कमेटी को दिया गया था नया पदनाम सुझाने का जिम्मा…. कई आफिसर एसोसिएशन विरोध में

Update: 2020-02-21 07:02 GMT

भोपाल 21 फरवरी 2020। जल्द ही मध्यप्रदेश में कलेक्टर का पदनाम बदल जायेगा। राज्य सरकार ने पदनाम बदलने के लिए जो कमेटी बनायी थी, वो जल्द ही मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। कमेटी की अलग-अलग वर्गों व कमेटी से मुलाकात का सिलसिला 23 फरवरी को खत्म हो जायेगी। सभी के सुझाव और प्रस्तावित पदनाम की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जायेगी। उस आधार पर राज्य सरकार आगे की प्रक्रिया बढ़ायेगी। समिति अभी राज्य प्रशासनिक सेवा और तहसीलदार संघ के प्रतिनिधियों से बात कर चुकी है। दोनों ही संगठनों ने पदनाम परिवर्तन के औचित्य पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश में कलेक्टरों का नाम परिवर्तन करना चाहते हैं।

पदनाम बदलने के लिए जो कमेटी बनायी गयी थी, उनमें वाणिज्य कर विभाग के अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी कमेटी के अध्यक्ष है। वहीं राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के एमडी विशेष गढ़पाले और सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल सहित एक अन्य आईएएस अफसर शामिल है। कमेटी को विचार-मंथन और अन्य अफसरों से सुझाव लेकर नए नाम का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था।

जानकारों का मानना है कि देश में ब्रिटिश राज के दौरान भारत के पहले गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स ने वर्ष 1772 में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर पद की शुरुआत करवाई थी। उस दौरान इंडियन सिविल सर्विसेज के सदस्य ही डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर हुआ करते थे जबकि देश की आजादी के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ही डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बनते हैं।

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