IAS Chandan Kumar Biography in Hindi: आईएएस चंदन कुमार का जीवन परिचय (जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस चंदन कुमार?

IAS Chandan kumar Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: चंदन कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2011 बैच के आईएएस है। मूलतः वे बिहार के रहने वाले हैं। आईआईटी से बीटेक करने के बाद अपने दूसरे प्रयास में आईएएस बने हैं। शांत स्वभाव के चंदन कुमार अपने बेहतर कामों व प्रशासनिक दक्षता के लिए जाने जाते है।

Update: 2024-05-04 16:21 GMT

IAS Chandan Kumar

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एनपीजी। चंदन कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2011 बैच के आईएएस है। आईआईटी से बीटेक करने के बाद अपने दूसरे प्रयास में उन्हें यूपीएससी में सफलता मिली है। चंदन कुमार को बेहतर रिजल्ट देने वाला अफसर माना जाता है। चार जिलों के कलेक्टर रहे चंदन कुमार विशेष सचिव रैंक के अफसर है। वर्तमान में उनकी पदस्थापना विशेष सचिव स्वास्थ्य व विशेष सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के पद पर है। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और परिवार:–

चंदन कुमार मूलतः बिहार राज्य से है। वे नालंदा जिले के बिहार शरीफ के रहने वाले है। उनका जन्म बिहार शरीफ में 17 जनवरी 1985 को हुआ था। चंदन कुमार के पिता एसएस प्रसाद बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। उनकी माता किरण देवी गृहणी है। उनके परिवार में मम्मी–पापा, तीन भाई व बहन है। पुलिस की नौकरी की वजह से चंदन कुमार के पिता अक्सर व्यस्त रहते थे पर उनकी माता गृहणी होने के बाद भी बच्चों को अच्छे शिक्षा के लिए प्रेरित करती थी। उनके माता-पिता का मानना था कि जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए शिक्षा ही महत्वपूर्ण साधन है। घर के संस्कारों के वजह से ही एसएस प्रसाद व किरण देवी की चारों संताने आज अच्छी जगहों पर है।

चंदन कुमार भाइयों में मंझले है। भाई बहनों में दीदी नीलू चक्रवर्ती सबसे बड़ी हैं। वे झारखंड में प्रधान पाठिका के पद पर है। दूसरे नंबर पर भाई शंभू कुमार है। जो साइंटिस्ट है। वर्तमान में वे एनआईसी दिल्ली में टेक्निकल डायरेक्टर है। भाई बहनों में तीसरे नंबर पर खुद चंदन कुमार है। उनके बाद सबसे छोटा भाई मनीष कुमार है। मनीष कुमार बिहार के पटना में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच के ब्रांच मैनेजर है।

शिक्षा:–

चंदन कुमार ने चौथी तक की शिक्षा अपने गृहनगर बिहार शरीफ के बाल कल्याण विद्याकुंज विद्यालय से पूरी की। शरारती चंदन कुमार को सुधारने के लिए उनके माता– पिता ने उन्हें रांची के हॉस्टल में भर्ती करवा दिया। पांचवी से दसवीं क्लास तक की शिक्षा चंदन कुमार ने रांची के बिशप वेस्ट कॉट स्कूल से हॉस्टल में रहते हुए प्राप्त की। वहां के माहौल में अच्छे शिक्षकों व सीनियरों के सानिध्य में चंदन कुमार को जिम्मेदारियों का एहसास हुआ। स्कूल की पढ़ाई में भी चंदन कुमार औसत थे। पर लगातार मेहनत के बाद उनके शैक्षणिक स्तर में सुधार आया और दसवीं में उन्हें 90% अंक प्राप्त हुए। बाद में आईआईटी प्रवेश परीक्षा निकाल भी उन्होंने निकाली और आईएएस भी बने। फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स विषय से उन्होंने बारहवीं उत्तीर्ण की। 11 वीं व 12वीं क्लास की शिक्षा उन्होंने डीएवी श्यामली स्कूल रांची से पूरी की।

आईआईटी में एडमिशन लेने के लिए बारहवीं के बाद जेईई एग्जाम चंदन कुमार ने दिलाया पर उनका चयन आईआईटी के लिए नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने ड्रॉप लेकर दिल्ली जाकर 1 साल तैयारी की। अगले साल जेईई एग्जाम क्रैक कर रुड़की आईआईटी से बीटेक किया। बीटेक में उनका ब्रांच प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल रहा। 2007 में बीटेक कंप्लीट होने से पहले ही उनका कैंपस सलेक्शन प्राइवेट सेक्टर के एक बैंक में हो गया। 2007 से 2008 तक उन्होंने प्राइवेट सेक्टर के बैंक में काम किया। जिससे उन्हें वर्क एक्सपीरियंस तो मिला ही साथ ही यूपीएससी की आगे की तैयारी के लिए आर्थिक सुदृढ़ता भी मिली। 1 साल जॉब करने के बाद वे जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए।

दूसरे प्रयास में यूपीएससी में चयन..

चंदन कुमार के मामा संजय कुमार इंडियन ऑडिट अकाउंट सर्विस के अफसर थे। चंदन कुमार अपने मामा के सानिध्य में लगातार कई वर्षों तक रहें। जब चंदन कुमार रांची में थे तब उनके मामा की पोस्टिंग रांची में रही। और जब उनके मामा की पोस्टिंग दिल्ली में हुई उस वक्त भी चंदन कुमार दिल्ली में रहे। लंबे समय तक मामा का सानिध्य पाकर और उनसे सिविल सेवाओं की महत्ता को सुन कर चंदन कुमार का भी मन सिविल सेवक बनने का हो उठा। उन्होंने भी सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की।

2009 में यूपीएससी का चंदन कुमार ने दिया। पहले प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा तो निकली पर मुख्य परीक्षा में चयन नहीं हो पाया। तब पूरे जोश के साथ चंदन कुमार तैयारियों में जुट गए और अपने दूसरे प्रयास में 195 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बने। वैकल्पिक विषय में उन्होंने भौतिकी और मनोविज्ञान चुना था। साक्षात्कार में भी काफी अच्छा प्रदर्शन चंदन कुमार कर रहा था। उन्हें 300 में से 206 नंबर मिले थे।

प्रोफेशनल कैरियर:–

चंदन कुमार ने 29 अगस्त 2011 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। मसूरी से ट्रेनिंग खत्म होने के बाद चंदन कुमार ने छत्तीसगढ़ कैडर ज्वाइन किया। फील्ड पोस्टिंग के लिए चंदन कुमार की पहली पोस्टिंग बिलासपुर जिले में 2012 में सहायक कलेक्टर के पद पर हुई। बिलासपुर में वे 2012 से 2013 तक सहायक कलेक्टर रहें। फिर बस्तर जिले में 2013 में एसडीएम बने। वे बस्तर व जगदलपुर अनुविभाग के एसडीएम रहें। बस्तर एसडीएम रहते वो अपने मुख्यालय में ही निवास करते थे। इस दौरान उस वक्त बड़ी कठिनाई से बनने वाला जाति प्रमाण पत्र लगभग 6 हजार की संख्या से बनाया। राजस्व संबंधी पेंडेंसी भी निपटाया।

जगदलपुर के एसडीएम के बाद वे कांकेर में एसडीएम बने और जिला पंचायत सीईओ के प्रभार में भी रहे। दो माह कांकेर एसडीएम रहने के बाद सीईओ के फूल फ्लैश प्रभार में आ गए। कांकेर में जिला पंचायत सीईओ रहते उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सबसे पहले गढ़ पिछवादी गांव को ओडीएफ मुक्त बनाया। उसके बाद अन्य गांव भी ओडीएफ मुक्त बने। ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान का अच्छे से क्रियान्वयनकर कीर्ति मान भी बनाया। अन्य जिलों ने इससे प्रेरणा ली।

कांकेर के बाद चंदन कुमार राजनांदगांव के सीईओ जिला पंचायत रहे। चंदन कुमार संभवतः प्रदेश के पहले ऐसे रेगुलर रिक्रूटेड आईएएस है जो लंबे समय तक जिला पंचायत सीईओ रहे। 20 माह तक चंदन कुमार कांकेर के जिला पंचायत सीईओ रहे। और 2 साल 8 माह तक राजनांदगांव के जिला पंचायत सीईओ वे रहे।

सुकमा में कलेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग हुई। यहां जगरगुंडा, किस्टाराम व भेज्जी में अंदरूनी नक्सल एरिया के जो स्कूल और अस्पताल बंद हो गए थे उन्हें चंदन कुमार ने खुलवाया। जिसके चलते नक्सल उन्मूलन में भी मदद मिली।

सुकमा के बाद चंदन कुमार कांकेर कलेक्टर बने। उनके कलेक्टर बनने के वक्त यहां कोविड फेस टू चल रहा था। उन्होंने इस तरह यहां प्रबंधन करवाया जिसके चलते मरीजों को कांकेर से बाहर नहीं जाना पड़ा। चंदन कुमार के समय कांकेर में मेडिकल कॉलेज, बीएड कॉलेज खुला। शहर के प्रसिद्ध ऊपर नीचे सड़क का विकास करवा सौंदर्यीकरण करवाया। भानु प्रतापपुर में जिले का सबसे बड़ा स्कूल खुलवाया। खुली किताब नामक लाइब्रेरी खुलवाया।

कांकेर के बाद चंदन कुमार जगदलपुर कलेक्टर बने। वे यहां 10 माह ही रहे।। अपने 10 माह के कार्यकाल में उन्होंने 30 गांव का समूह बनाकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम पर काम सेंट्रल फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन के सहयोग से करवाया। भारतवर्ष के ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार यह काम किया गया। जगदलपुर के बाद चंदन कुमार बलौदा बाजार के कलेक्टर बने यहां उनका कार्यकाल अल्प अवधि का रहा। यहां चंदन कुमार ने विधानसभा चुनाव 2023 संपन्न करवाया। जनवरी 24 में चंदन कुमार को विशेष सचिव स्वास्थ्य बनाया गया। वर्तमान में वे विशेष सचिव स्वास्थ्य व विशेष सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के पद पर है। चंदन कुमार की शादी अंकिता सुमन से हुई है। वे हाउस वाइफ है। दोनो का एक बेटा है।

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