Vishnudeo sai Sushasan Tihar: लैंडिंग की चर्चा लीमगांव की, हेलिकाप्टर उतरा बंदोरा में और चौपाल लगाया करिगांव में, टूटे माइक से खटिया पर बैठ सीएम विष्णुदेव ने ऐसे लगाया चौपाल

Vishnudeo sai Sushasan Tihar: छत्तीस़गढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का औचक निरीक्षण पूरे औचक रहा। जांजगीर में आकस्मिक निरीक्षण का पहला पड़ाव होगा, इसकी भनक लोगों को लग गई थी। मगर मुख्यमंत्री के रणनीतिकारों ने जिला और पुलिस प्रशासन को गच्चा देते हुए सीएम का हेलिकाप्टर लैंड कराया किसी गांव में और चौपाल लगाया किसी और गांव में। इससे अधिकारी, कर्मचारी भी भौंचक रह गए।

Update: 2025-05-05 07:56 GMT

Vishnudeo sai Sushasan Tihar: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज से महीने भर के राज्य के दौरे पर निकल पड़े। इस दौरान वे समाधान शिविर में लोगों की समस्याएं सुनेंगे। अचानक किसी गांव में उतर चौपाल लगाकर वे आम आदमी से बात करेंगे।


मुख्यमंत्री के पहले दिन का दौरा बेहद सस्पेंस भरा रहा। आज सुबह से यह खबर चल रही थी कि सीएम का हेलिकाप्टर जांजगीर जिले के लीमगांव में उतरेगा। लिहाजा, जांजगीर के कलेक्टर, एसपी ने लीमगांव के हिसाब से तैयारियां करा दी थी। मगर ऐसा हुआ नहीं। सीएम के रणनीतिकारों ने हेलिकाप्टर उतारा बंदौरा गांव में।

सीएम का हेलिकाप्टर मंडराता देखकर जब तक तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत अन्य सरकारी अमला दौड़ते-भागते बंदौरा पहुंचता, तब तक सीएम का काफिला पास के गांव करिआम के लिए रवाना हो गया था। करिआम में सीएम को अचानक देखकर लोग चौंक गए।

करिगांव पहुंचने पर मुख्यमंत्री के बैठने के लिए खटिया मंगवाया गया। फिर माइक के लिए आदमी दौड़ाया गया। माइक खराब निकला, तो दूसरा मंगाना पड़ा। वो भी टूटा-फूटा ही था।

करिगांव में पीपल के पेड़ के नीचे मुख्यमंत्री ने चौपाल लगाई और ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री खाट पर बैठकर सहज वातावरण में ग्रामीणों की समस्याएं सुनते रहे। ग्रामीणों और विशेषकर महिलाओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत कमल का फूल भेंट कर किया। मुख्यमंत्री ने सभी की बातें ध्यानपूर्वक सुनीं और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सुशासन का अर्थ है सीधे जनता के बीच जाकर उनकी वास्तविक स्थिति को समझना और त्वरित समाधान देना। प्रशासनिक व्यवस्था तभी सफल मानी जाती है जब अंतिम व्यक्ति की बात सीधे शासन तक पहुँचे।

चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने नोनी मैया दाई मंदिर के सौंदर्यीकरण की घोषणा की। साथ ही ग्रामीणों की शिकायत पर पटवारी को सप्ताह में एक दिन गांव में बैठकर राजस्व मामलों का निराकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने नया ग्राम पंचायत भवन निर्माण की घोषणा भी की।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार के तीसरे चरण में पूरी सरकार गांव में है। मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मेरे साथ हैं। हम गांव-गांव जाकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत चलाई जा रही योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषक उन्नति योजना, पीडीएस और आयुष्मान भारत योजना जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारी की स्थिति में ग्रामीणों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा आयुष्मान कार्ड से दी जा रही है।

मुख्यमंत्री साय ने गांव में आंगनबाड़ी और स्कूल के संचालन के बारे में जानकारी ली और बच्चों को दी जा रही सुविधाओं का भी जायजा लिया। साथ ही उन्होंने गिरते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाली फसलों की ओर ध्यान देने की सलाह दी।

गांव में तालाब के किनारे की जमीन को लेकर आई शिकायत पर मुख्यमंत्री साय ने तत्काल कलेक्टर को नापजोख करने और समाधान करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से कई आवेदन भी प्राप्त किए।

मुख्यमंत्री साय के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के अचानक गांव पहुंचने से ग्रामीणों में हर्ष और उत्साह का माहौल रहा। इस अवसर पर सरपंच कंचन मधुकर सहित बड़ी संख्या ने ग्रामीणजन उपस्थित थे।


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