सम्मान, सुरक्षा और कल्याण का आदर्श मॉडल छत्तीसगढ़, बुजुर्गों के लिए संवेदनशील नीतियों का सशक्त क्रियान्वयन कर रही विष्णुदेव साय की सरकार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने यह सिद्ध किया है कि संवेदनशील शासन, सुचारु क्रियान्वयन और मानवीय दृष्टिकोण मिलकर बुजुर्गों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं
रायपुर। भारतीय संस्कृति के केंद्र में हमारे बुजुर्ग हैं। जिनके अनुभव समाज को दिशा देते हैं और जिनकी स्मृतियां हमारी सभ्यता की नींव हैं, लेकिन बदलते सामाजिक परिदृश्य में पारिवारिक संरचना और सामाजिक दायरे सिमटने लगे हैं। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सहभागिता और गरिमामय जीवन सुनिश्चित करना शासन की प्राथमिकता बन जाता है। इसी भावना को साकार करती है छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशील नीतियां और सशक्त क्रियान्वयन।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने यह सिद्ध किया है कि संवेदनशील शासन, सुचारु क्रियान्वयन और मानवीय दृष्टिकोण मिलकर बुजुर्गों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठजनों के सम्मान को शासन प्रणाली में प्रमुख स्थान दिया है। उनका मानना है “माता-पिता की पूजा ही ईश्वर की पूजा है।” इसी सोच के साथ राज्य में ऐसे प्रकल्पों का विस्तार हो रहा है जो बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाते हैं। एक अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग में पीपीपी मॉडल के तहत आधुनिक वृद्धाश्रम स्थापित करने तथा असहाय बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए रायपुर में उपकरण सर्विस सेंटर खोलने की घोषणा की। इसी के साथ राज्य में “सियान गुड़ी” जैसे सामाजिक-आध्यात्मिक केंद्रों का विस्तार बुजुर्गों को मानसिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सहारा प्रदान कर रहा है। छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने वृद्धजन केंद्रित कार्यक्रमों को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनका कहना है “संवेदनशील शासन का अर्थ है, हर बुजुर्ग तक सेवा और सुरक्षा पहुँचाना।”
राज्य के 35 वृद्धाश्रम में रहते हैं 1049 बुजुर्ग
राज्य में 35 वृद्धाश्रम सक्रिय रूप से संचालित हैं, जहां लगभग 1049 वरिष्ठ नागरिक भोजन, आवास, स्वास्थ्य, परामर्श और मनोरंजन की सुविधाएँ प्राप्त कर रहे हैं। गंभीर रोगों या असहाय स्थिति में रह रहे बुजुर्गों के लिए रायपुर, दुर्ग, कबीरधाम, रायगढ़, बालोद और बेमेतरा इन 6 जिलों में प्रशामक देखभाल गृह संचालित किए जा रहे हैं, जहाँ 128 वरिष्ठजनों को निःशुल्क उपचार, दवाइयाँ और नियमित स्वास्थ्य देखभाल मिल रहा है। वरिष्ठजनों की समस्याओं के निवारण हेतु स्थापित हेल्पलाइन सेवा द्वारा अब तक 2 लाख 70 हजार से अधिक प्रकरणों का समाधान किया जा चुका है। यह सेवा न केवल उनकी पहुँच बढ़ाती है, बल्कि आत्मविश्वास और सुरक्षा बोध भी जगाती है।
14 लाख वरिष्ठ नागरिकों को मिलरहा पेंशन
वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 का राज्य में सख्ती से पालन किया जा रहा है। अनुविभाग स्तर पर भरण-पोषण अधिकरण, जिला स्तर पर अपीलीय अधिकरण इन व्यवस्थाओं ने बुजुर्गों को संपत्ति, सुरक्षा और भरण-पोषण से जुड़े मामलों में त्वरित न्याय दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को नियमित पेंशन सहायता प्रदान की जा रही है 60 से 79 वर्ष तक की आयु के बुजुर्गों को 500 रुपए प्रति माह और 80 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठजनों को 650 रुपए प्रति माह सहायता राशि दी जा रही है। वर्तमान में 14 लाख से अधिक बुजुर्ग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। यह सहायता उनके जीवन में आर्थिक सुरक्षा का आधार बनती है।
8 लाख से ज्यादा का निशुल्क इलाज
राज्य सरकार की योजनाएँ गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के अधिकार को सुदृढ़ कर रही हैं। आयुष्मान भारत और शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजनाओं के तहत 8 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क उपचार मिला है। साथ ही वरिष्ठ नागरिक सहायक उपकरण प्रदाय योजना के अंतर्गत 50 हजार से अधिक बुजुर्गों को व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, छड़ी, चश्मा जैसे उपकरण प्रदान किए गए हैं। आध्यात्मिक संतोष बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य का आधार है।
इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना और श्री रामलला दर्शन योजना के माध्यम से 2.5 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक, 278 व्यक्ति तीर्थयात्राओं का लाभ ले चुके हैं। यात्रा के दौरान भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। प्रत्येक वर्ष एक अक्टूबर वृद्धजन दिवस राज्य और जिला स्तर पर मनाया जाता है। इन कार्यक्रमों से समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान, संवेदना और सहयोग की भावना को प्रोत्साहन मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान केवल एक सामाजिक मूल्य नहीं, बल्कि एक कर्तव्य है।
बुजुर्गों की विशेष देखभाल के लिए राज्य में सियान गुड़ी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि वृद्धजन हमारे मार्गदर्शक और अमूल्य संस्कृति के वाहक हैं। वृद्धजनों की देखभाल सरकार और समाज दोनों की साझी जिम्मेदारी है। केंद्र और राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों के पेंशन, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन के लिए समर्पित योजनाओं को लगातार मजबूत बना रही है।
माता-पिता की सेवा ही ईश्वर की पूजा
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मेरे गुरु ने मुझे सिखाया है कि माता-पिता की सेवा ही ईश्वर की पूजा है। मैंने अपने गुरु के संस्कार और आदर्शों का हमेशा पालन किया है। सीएम साय ने कहा कि हम सभी को यह सच्चाई नहीं भूलनी चाहिए कि आज हमारे बुजुर्ग जिस अवस्था में है, कल हम सभी उसी अवस्था में होंगे। मुख्यमंत्री साय और अतिथियों ने जनता से अपील की कि वे वृद्धजनों का सम्मान करें और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में सहयोग करें, ताकि उनका जीवन और अधिक सुरक्षित, सम्मानजनक और खुशहाल बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बुजुर्गों के लिए संचालित पेंशन योजनाओं में 14 लाख से बुजुर्ग लाभान्वित हो रहे हैं। आयुष्मान भारत और शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत अब तक 8 लाख से अधिक बुजुर्गों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दी गई है।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि प्रदेश के 35 वृद्धाश्रमों में 1049 वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल की जा रही है तथा 6 जिलों में प्रशामक देखरेख गृह संचालित हैं। विभागीय हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक 54 हजार से अधिक वरिष्ठजनों की समस्याओं का समाधान किया गया है।
कोरिया में प्रदेश का पहला बुजुर्ग स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के दिन जिला अस्पताल परिसर में प्रदेश का पहला बुजुर्ग स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र का शुभारंभ हुआ था। इस स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र में बुजुर्ग अलग-अलग परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए पहुंचते है।
स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने कहा था कि उम्र बढ़ने पर घुटनों, एड़ियों और अन्य रोगों से पीड़ित होना सामान्य बात है। उन्होंने कहा, हम सबको इस अवस्था से गुजरना है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप यह बुजुर्ग देखभाल केंद्र शुरू किया गया है।
यह प्रदेश का पहला केन्द्र है, जहां बुजुर्गों को अस्पताल में लाइन लगने की जरूरत नहीं है, उन्हें एक ही छत के नीचे जांच, उपचार, दवाई और फिजियोथेरेपी और पंचकर्म जैसी सुविधाएं मिलने लगा है।
बुजुर्गों के लिए अत्याधुनिक उपकरण और थेरेपी
बुजुर्ग स्वास्थ्य केंद्र में अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें ट्राइसाइकिल, बैलेंस बोर्ड, फुट मसाजर, पैरेलल बार, स्टेयर क्लाइंबिंग, ट्रेडमिल, मसाज चेयर, ट्रैक्शन और वैक्स बाथ जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यहां फिजियोथेरेपी और पंचकर्म जैसी सेवाएं भी बुजुर्गों को मिलने लगी है।