Raipur News: नौकरी की मांग को लेकर डीएलएड अभ्यर्थियों ने किया जल सत्याग्रह, कर रहे नौ दिनों से आंदोलन...

Raipur News: नौकरी की मांग को लेकर डीएलएड अभ्यर्थियों के द्वारा जल सत्याग्रह कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया गया।

Update: 2024-10-09 12:02 GMT

Raipur News रायपुर। नौकरी की मांग को लेकर डीएलएड अभ्यर्थियों के द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। आज आंदोलन के नौवें दिन प्रदर्शनकारियों के द्वारा राजधानी के तूता स्थित धरना प्रदर्शन स्थल के समीप के तालाब में सांकेतिक जल समाधि लेकर सरकार तक अपना विरोध जताया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे हैं अभ्यर्थियों ने कहा कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाए।

2 अक्टूबर से लगातार डीएलएड अभ्यर्थी सुप्रीमकोर्ट /हाईकोर्ट के आदेश को जल्द लागू करने और अपनी सहायक शिक्षक पद पर जल्द नियुक्ति की मांगों को ले कर हजारों की संख्या में तूता धरनास्थल नया रायपुर मे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। कल मंगलवार को धरनास्थल से कुछ अभ्यर्थियों द्वारा रायपुर के चौक चौराहों पर पोस्टर के माध्यम से अपनी मांगों को आम जनता तक पहुंचाया गया था। अभ्यर्थियों का कहना है 2 अप्रैल को हाईकोर्ट का आदेश आया जिसमे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी ने कहा था की 6 सप्ताह के भीतर डिप्लोमा अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिया जाएं, हाईकोर्ट के इस आदेश को विभाग और सरकार ने नही माना और इस आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में बीएड अभ्यर्थी और सरकार दोनो ने 8 याचिका दायर किया था, सरकार और बीएड अभ्यर्थियों की इन सभी मामलों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी 28 अगस्त 2024 को सरकार और विभाग को आदेश दिया था की जल्द डीएड/डिप्लोमा अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिया जाएं, आज हाईकोर्ट के आदेश को आए 8 महीने हो गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आए 1 महिने से अधिक हो गया है, अभ्यर्थी काउंसलिंग करा कर साल भर से भटक रहें हैं।

अभ्यर्थियों की सरकार और विभाग से यही मांग है की जल्द से जल्द उन्हे नियुक्ति दिया जाए, और साथ ही तूता धरना स्थल मे बुनियादी सुविधा की भी तत्काल व्यवस्था किया जाएं।

जल्द से जल्द नियुक्ति की मांग के लिए नारेबाजी कर साय सरकार के सुशासन और मोदी की गारंटी पर सवाल उठाए की अगर बीजेपी की सरकार न्यायालय का सम्मान और संविधान का पालन नही कर सकती तो यह बिन न्यायालय आदेश पालन विष्णु का कैसा सुशासन और बिना संविधान के पालन मोदी की कैसी गारंटी।

छत्तीसगढ़ सरकार से अपील किए की अगर बीजेपी की साय सरकार संविधान विरोधी नही है तो न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए डीएड अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति दे अन्यथा विष्णु सरकार की जनता ,समाज और युवाओं के बीच न्याय विरोधी छवि बनेगी। "शपथ लेते समय हर नेता मंत्री संविधान का पालन करेंगे कहते है", अब समय आ गया है डीएड को नियुक्ति देकर संविधान का पालन कीजिए।

यह है मामला

यह हैं आंदोलन की वजह

सहायक शिक्षक के पदों पर बीएड डिग्रीधारियों को दी गई नियुक्ति को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध ठहरा दिया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक बीएड अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति नहीं दी गई है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी जाने के डर से बीएड अभ्यर्थियों ने सीएम से कोई रास्ता निकालने की मांग की थी। जिस पर सीएम ने उन्हें कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था।

अब तक डीएड अभ्यर्थियों को बीएड अभ्यर्थियों की जगह सहायक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई है। इसके अलावा स्कूलों में और भी पद सहायक शिक्षक के रिक्त हैं। पिछले दिनों बिलासपुर के अंबेडकर चौक से डीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने न्याय देने की मांग करते हुए न्याय यात्रा निकाली। नारेबाजी करते हुए बेरोजगार युवाओं मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा था। इसी तरह का प्रदर्शन अन्य जिलों में भी किया गया था। अभ्यर्थियों की मांग थी कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के हजारों स्कूलों को बंद करने का फैसला निरस्त किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग के 2008 के सेटअप कोई यथावत रखकर नई भर्ती की कार्यवाही शुरू की जाए। प्रदेश के स्कूलों में छत्तीसगढ़ी में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा धारियों के लिए पोस्ट क्रिएट कर भर्ती की जाए। भर्ती प्रक्रिया के लंबे समय तक नहीं होने पर उम्र सीमा बीत चुके अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाए।

डीएलएड प्रशिक्षित युवाओं का कहना है कि तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी,पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। आंदोलनकारियो ने बताया कि पिछले 1 सालों से हम मानसिक यातना और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। 2 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट और 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और विभाग को आदेशित किया है कि संविधान और न्यायालय का सम्मान कर योग्य डीएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति दी जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि साल भर की लड़ाई लड़ने के बाद जीत हासिल होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल पाई है। उन्होंने नियुक्ति देने की मांग की थी। अब इन्हीं मांगों को पूरा करने के लिए अनिश्चित काल तक राजधानी के तूता स्थित धरना प्रदर्शन स्थल पर धरना दिया जा रहा है।

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