PM Modi Dwarka City: प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्र में लगाईं डुबकी, गहरे पानी में डूबे द्वारिका नगरी के किए दर्शन, फोटो की शेयर...

PM Modi Dwarka City: द्वारका में एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पीएम मोदी ने स्कूबा डाइविंग की। इस दौरान पीएम मोदी गहरे समुद्र में गए और उस स्थान पर प्रार्थना की, जहां भगवान श्री कृष्ण का जलमग्न द्वारका शहर है।

Update: 2024-02-25 10:50 GMT

PM Modi Dwarka City नई दिल्ली। पीएम मोदी ने यहां रविवार को द्वारिका के पास अरब सागर में डुबकी लगाई। पानी के अंदर जाकर पीएम मोदी ने उस स्थान पर प्रार्थना की, जहां जलमग्न द्वारका शहर मौजूद है।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने पहले बेट द्वारका मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद सबसे लंबा केबल ब्रिज 'सुदर्शन सेतु' का उद्घाटन किया। इसके बाद पीएम मोदी ने द्वारका के पंचकुई समुद्र तट पर स्कूबा डाइविंग भी की। इस दौरान उनकी सुरक्षा में भारतीय नौसेना के अधिकारी तैनात रहे।

द्वारका में एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पीएम मोदी ने स्कूबा डाइविंग की। इस दौरान पीएम मोदी गहरे समुद्र में गए और उस स्थान पर प्रार्थना की, जहां भगवान श्री कृष्ण का जलमग्न द्वारका शहर है। यह प्राचीन शहर भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है, जो भव्यता और समृद्धि का केंद्र था। यह समुद्र के भीतर एक ऐसा स्थान है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संजोए हुए है।

पीएम मोदी स्कूबा डाइविंग के दौरान पानी के भीतर भगवान कृष्ण को अर्पण करने के लिए मोर पंख भी लेकर गए थे। वहा द्वारका के पास समुद्र में गहरे पानी के भीतर गए और वहां प्रार्थना की। पीएम मोदी ने इसके बाद एक्स पर लिखा कि ''पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।'' पीएम मोदी ने अपने भाषण में भी द्वारका में अपने दर्शन के अनुभव को साझा किया। पीएम मोदी ने स्कूबा डाइविंग के जरिए भगवान श्रीकृष्ण से अपने गहरे जुड़ाव को उजागर किया। उन्होंने इसको लेकर कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। पीएम मोदी इसके पहले लक्षद्वीप में भी स्कूबा डाइविंग कर चुके हैं और तब उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं।

गौरतलब है कि स्कूबा डाइविंग में पानी की गहराई में तैरना होता है। इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर व तैराकी वाले पोशाक और स्विमिंग गॉगल्स की भी जरूरत होती है। इसे सेल्फ कंटेंड अंडरवाटर ब्रीदिंग एपरेसट कहा जाता है। उन्होंने सबसे लंबा केबल ब्रिज 'सुदर्शन सेतु' देशवासियों को समर्पित किया। इस दौरान उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद थे। इस ब्रिज को बनाने में लगभग 978 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसकी लंबाई 2.5 किलोमीटर है। पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुदर्शन सेतु की फोटो साझा करते हुए एक पोस्ट में लिखा, ''आज द्वारका में "सुदर्शन सेतु" का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इस पुल का निर्माण विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे पर्यटन गतिविधि को काफी बढ़ावा मिलेगा।''

इससे पहले इस ब्रिज को सिग्नेचर ब्रिज के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब यह ब्रिज 'सुदर्शन सेतु' के नाम से जाना जाएगा। सुदर्शन सेतु के बन जाने से ओखा और बेट द्वारका आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों और लोगों के लिए रास्ता सुगम हो जाएगा। इससे पहले ओखा से बेट द्वारका सिर्फ नाव के जरिए ही जा पाते थे जिसमें करीब 5 घंटे लग जाते थे। लेकिन अब सुदर्शन सेतु बन जाने के बाद सिर्फ दो घंटे का वक्त लगेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2017 में इस सिग्नेचर ब्रिज का भूमि पूजन किया था।

इस ब्रिज में 12 व्यूइंग गैलरी बनी है। इसके साथ फुटपाथ के दोनों तरफ पर श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक और भगवान श्रीकृष्ण की छवि लगाई गई है। दोनों तरफ फुटपाथ के ऊपरी हिस्सों में सोलर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी।

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