MLA Shushant Shukla: बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला फिर निकलेंगे जनता की नब्ज टटोलने, अगले महीने शुरू होगी पदयात्रा
MLA Shushant Shukla: बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ध्वजा यात्रा के बाद दिसंबर में एक बार फिर जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं।
MLA Shushant Shukla: बिलासपुर। बेलतरा के भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बीते नवरात्रि के समय अपने विधानसभा क्षेत्र में पैदल ही ध्वजा यात्रा पर निकल गए थे। उनकी यह यात्रा विशुद्ध रूप से धार्मिक यात्रा थी। इसके साथ सनातनी परंपरा को नवरात्रि में निभाया, क्योंकि छत्तीसगढ़ में माताजी का विशेष स्थान है, इसे ध्यान में रख कर और मतांतरण के खिलाफ जनजागरुकता के लिए ध्वजा यात्रा की थी। दूरी का लक्ष्य 171 किमी था, मगर इसके विरुद्ध विधायक ने 209 किमी की पदयात्रा की। इस यात्रा को चौतरफा समर्थन मिला था और नवरात्रि में ही माता महामाया रतनपुर के दरबार में इसका समापन किया गया था।
ध्वजा यात्रा का रुट ऐसा बन सका था कि पूरा बेलतरा विधानसभा क्षेत्र कवर नहीं हो सका था। अब विधायक सुशांत दिसंबर में एक बार फिर जनता के बीच जाने की तैयारियों में जुट गए हैं। उनका यह अभियान हर साल चलता है। इस बार भी वे बिलासपुर शहर से लगे अपने विधानसभा क्षेत्र के शहरी इलाके के साथ गांवों में जाकर जनता की नब्ज टटोल कर उनकी जरुरत और विकास की वर्तमान स्थिति का जायजा लेंगे। लगभग एक माह चलने वाले इस अभियान के दौरान विधायक हर पंचायत और शहर के वार्ड में जाकर जनता के साथ चौपाल लगाएंगे। मौके पर ही जनता की बात सुनेंगे, समस्याओं के समाधान के लिए पहल करेंगे। विधायक का मानना है कि हर वोटर विधायक या शासन तक पहुंच पाने में सक्षम नहीं है। विशेष कर निम्न वर्ग के परिवार या असहाय बुजुर्ग अपनी बात रखने नहीं आ पाते हैं। इस कारण से वे हर साल जनता के बीच जाते हैं, जिससे उन्हें अपनी बात कहने का मौका मिल सके। इस बार चौपाल में आने वाले सुझावों के साथ विकास के लिए मिलने वाले आवेदनों के आधार पर भविष्य का प्लान बनाया जाएगा।
बेलतरा के गांवों में ज्यादा समस्याएं
बेलतरा विधानसभा क्षेत्र का आकार इस तरह है कि शहर में शामिल गांव से लेकर दूरस्थ गांवों की समस्याओं को निपटाना बड़ी चुनौती है। बेलतरा विधानसभा के 12 गांवों को शहर में शामिल कर 18 वार्ड में बांट दिया गया है। इस विसंगतिपूर्ण तरीके से विभाजन के कारण कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा और नगरीय व पंचायत चुनाव में डेढ़ वर्ष बीत गए थे। इस कारण विधानसभा का विकास कार्य प्रभावित हुआ है। इसके बाद भी विधायक सुशांत ने अब तक इलाके में 500 करोड़ रुपये का काम कराया है अथवा विकास कार्य की स्वीकृति हो चुकी है। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियों का निर्माण हो गया है। इस कारण अधोसंरचना की परेशानी भी सबसे ज्यादा आ रही है। अभी नाली और बिजली की सुविधाएं देने पर ज्यादा जोर है और इसके बाद सड़कों का निर्माण होगा।
जानिए कौन हैं सुशांत शुक्ला
सुशांत शुक्ला बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा से विधायक हैं, भाजपा ने पहली बार उन्हें प्रत्याशी बनाया था जिस पर सुशांत शुक्ला खरे उतरे, सुशांत शुक्ला के पिता का नाम हीरामणी शुक्ला है। बिलासपुर के सरकंडा के शिव घाट में रहने वाले सुशांत शुक्ला चार भाई बहनों में तीसरे नंबर के हैं। उनसे बड़े एक भाई व एक बहन है, व उनसे छोटी एक बहन है। सुशांत शुक्ला के पिता हीरामणि शुक्ला भी आरएसएस पृष्ठभूमि के रहे हैं। वे आरएसएस के प्रांत बौद्धिक प्रमुख रह चुके हैं। छतीसगढ़ी राजभाषा को पहचान दिलवाने वाले उनके बड़े पिता नंदकिशोर शुक्ला आरएसएस के कैडर बेस कार्यकर्ता रहे हैं। वे अटल बिहारी वाजपेयी के आरएसएस में सक्रिय होने के समय से आरएसएस में रहें हैं और प्रचारक की भूमिका निभाई है। नंदकिशोर शुक्ला ने छत्तीसगढ़ी को पहचान दिलाने के लिए साइकिल में मिलों लंबी यात्रा की है। वह पत्रकारिता से भी 30 वर्षों से जुड़े रहे हैं। उनके अथक प्रयासों से छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा मिला है। वे छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच व मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी संस्था के सरंक्षक है।
सुशांत शुक्ला ने राज्य ओपन स्कूल से वर्ष 2018 में हायर सेकेंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वह पेशे से व्यवसायी हैं। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में विश्वविद्यालय छात्र महासंघ पैनल बनाकर सुशांत शुक्ला काफी लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं। बेलतरा विधानसभा में स्थित गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलवाने के लिए चलाए गए आंदोलन में सुशांत शुक्ला और उनके विश्वविद्यालय छात्र महासंघ पैनल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 2009 में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद सुशांत शुक्ला का छात्र महासंघ पैनल ब्रदरहुड़ पैनल में परिवर्तित हो गया।
सुशांत शुक्ला राज्य युवा आयोग के सदस्य रहे हैं। इस दौरान उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा राष्ट्रीय कार्य समिति के 2011 से 2016 तक सदस्य रहें हैं। सुशांत शुक्ला 2016 से 2020 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक भी रहे हैं। वर्तमान में सुशांत शुक्ला प्रदेश सह प्रभारी भारतीय जनता युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ है। इसके अलावा संगठन प्रभारी चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र हैं। प्रदेश भाजपा मीडिया पैनलिस्ट में भी उनका नाम है। सुशांत शुक्ला का पूरा परिवार भी भाजपा व आरएसएस से लंबे समय से जुड़ा रहा है। उनके चाचा चंद्रभूषण शुक्ला भाजपा पार्षद रहने के साथ ही 1994 में नगर निगम नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। सुशांत शुक्ला के परिवार में चार मीसा बंदी और चार कार सेवक भी हैं.