High Court News: शिक्षक ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA पर लगाए गंभीर आरोप, याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, पढ़िए पूरा मामला

माओवादी गतिविधियों में संलिप्तता के मामले में NIA ने शिक्षक की पत्नी का मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त किया है। शिक्षक ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एनआईए के कब्जे से पत्नी का मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस दिलाने की मांग की है। याचिकाकर्ता शिक्षक ने एनआईए पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि माओवादी गतिविधियों की जांच के बहाने एनआईए के अफसर उसे नक्सल मामले में फंसाना चाहते हैं। जांच एजेंसी के अफसरों की दलीलों के बाद हाई कोर्ट ने शिक्षक की याचिका को खारिज कर दिया है।

Update: 2025-06-21 12:43 GMT

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बिलासपुर। शिक्षक ने एनआईए के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट से कहा कि जांच के बहाने अफसर उसे नक्सल मामले में फंसाना चाहते हैं। जांच एजेंसी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि शिक्षक पत्नी की मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस की जांच बेहद जरुरी है। नक्सल गतिविधियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की पूरी-पूरी संभावना है। अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने शिक्षक की याचिका को खारिज कर दिया है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय हित के मुद्दे की जांच बेहद जरुरी है। लिहाजा मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस की जांच के लिए एनआईए को फ्रीहैंड दे दिया है। इसके साथ ही डिवीजन बेंच ने शिक्षक की याचिका और आरोपों को खारिज कर दिया है।

मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के बाजार पारा, मानपुर में पदस्थ प्राइमरी स्कूल के शिक्षक अंगद सिंह सलामे ने एनआईए स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता शिक्षक ने अपनी याचिका में कहा है कि एनआईए ने बिना पूर्व सूचना के कई बार उससे पूछताछ की। उससे पूछताछ के बाद पत्नी के मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस भी जब्त कर लिया है। शिक्षक ने आरोप लगाया है कि एनआईए के अफसरों ने उससे एक संदिग्ध नक्सली को सरेंडर कराने की बात कही थी। सरेंडर ना कराने की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी।

एनआईए ने कहा- शिक्षक के खिलाफ सबूत

एनआईए की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता बी. गोपा कुमार ने पैरवी करते हुए डिवीजन बेंच को बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षक द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है। इसमें सच्चाई कुछ भी नहीं है। जांच के दौरान इकट्ठे किए गए सबूत से यह पुष्टि हो रही है कि नक्सल गतिविधियों में शिक्षक की संलिप्तता की पूरी संभावना है। जब्त किए गए सामान व इलेक्ट्रानिक डिवाइस की जांच बेहद जरुरी है। इससे खुलासे होने की संभावना है।

हाई कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा

मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित राज्य है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चुनौतियां है। केंद्र व राज्य सरकार बस्तर को नक्सल समस्या से मुक्त करने की पूरी कोशिश कर रही है। नक्सल गतिविधियों से राज्य की आंतरिक सुरक्षा के साथ ही आम लोगों को भी खतरा है। इससे राष्ट्रीय हित भी प्रभावित होता है। लिहाजा वर्तमान जांच को बाधित नहीं किया जा सकता।

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