High Court News: एक चूक ने अटकाई प्राचार्य पदोन्नति की फाइल, जानिए डिवीजन बेंच के फैसले के बाद सिंगल बेंच में क्यों अटका मामला
High Court News: प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा तय किए गए मापदंडों को लेकर आधा दर्जन से अधिक लेक्चरर्स ने हाई कोर्ट के सिंगल व डिवीजन बेंच में याचिका दायर की थी। डिवीजन बेंच ने पूर्व में लगाए स्टे को हटाते हुए याचिकाओं को खारिज करते हुए शासन के मापदंड व शर्तों को सही ठहराया था। इसी बीच सिंगल बेंच में नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका पर सुनवाई के बाद पदोन्नति आदेश पर रोक लगा दी गई। सिंगल बेंच में महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा इस बात की जानकारी ना दिए जाने के कारण पदोन्ति की फाइल अब तक अटकी हुई है। छोटी सी चूक के चलते मामला अटक गया है।
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High Court News: रायपुर। प्राचार्य पदोन्नति की फाइल शिक्षा विभाग के पास अटकी हुई है। कारण भी साफ है, हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के स्टे के कारण सरकार आगे की प्रक्रिया को पूरी नहीं कर पा रही है। हालांकि डिवीजन बेंच ने शासन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। डिवीजन बेंच के फैसले के बाद सरकार ने राहत की सांस ली थी। इसी तरह की एक याचिका सिंगल बेंच में लगी थी। जिसकी सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने पदोन्नति आदेश पर आगामी फैसले तक रोक लगा दिया था। हालांकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने डिवीजन बेंच द्वारा आदेश पर रोक लगाने की जानकारी दी थी। महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने सिंगल बेंच में डिवीजन बेंच के फैसले की जानकारी ना देने के कारण पदोन्नति की फाइल अब भी अटकी हुई है।
नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका पर सुनवाई के लिए 8 जुलाई को जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल के सिंगल बेंच में मामला लगा हुआ था। राज्य सरकार की ओर से डिवीजन बेंच के फैसले को मेंशन ना किए जाने कारण सुनवाई आगे टल गई है। शिक्षक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों की मानें तो अगली सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से सिंगल बेंच के सामने डिवीजन बेंच के आदेश की कापी सहित जानकारी देनी होगी कि डिवीजन बेंच ने प्राचार्य पदोन्नति से संबंधित सभी आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज करते हुए राज्य सरकार के नियमों व मापदंडों को सही ठहराया है। डिवीजन बेंच की फैसले की जानकारी के बाद ही सिंगल बेंच अपना फैसला सुनाएगा। इसके बाद ही प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता साफ होगा।
क्या कहते हैं पदाधिकारी-
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि प्राचार्य पदोन्नति में कोर्ट के स्टे पर शिक्षा विभाग के निर्णय करने वाले अधिकारी से संवाद किए है, उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग प्राचार्य पदोन्नति हेतु सजग है, वे सभी गतिविधि से वाकिफ है, पदोन्नति जल्द हो इसका प्रयास जारी है।
प्राचार्य पदोन्नति फोरम के अनिल शुक्ला ने कहा कि आठ जुलाई को सिंगल बेंच में याचिका की सुनवाई होनी थी। एजी आफिस की ओर से डिवीजन बेंच के फैसले की ना तो जानकारी दी गई और ना ही सिंगल बेच में मेंशन नहीं कर पाने के कारण पदोन्नति की फाइल अटक गई है है। सिंगल बेंच में मेंशन करने के साथ ही आदेश जारी हाेने के बाद पदोन्नति के संबंध में शासन स्तर पर जल्द आदेश जारी किया जाए।
फैक्ट फाइल-
स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 4690 है जिसमें वर्तमान में 1430 प्राचार्य कार्यरत है। पदोन्नति के कुल 3224 पद विगत कई वर्षों से रिक्त है स्कूल शिक्षा में वर्ष 2016 एवं आदिम जाति कल्याण विभाग जो कि अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन है। उसमें वर्ष 2013 में अंतिम बार पदोन्नति हुई थी। बीते 10 वर्षों से प्राचार्य की पदोन्नति नहीं होने के कारण चार संगठनों ने प्राचार्य पदोन्नति फोरम का गठन करते हुए 17 दिसंबर 2024 को इंद्रावती एवं महानदी भवन के समक्ष प्रदर्शन कर पदोन्नति के लिए दबाव बनाया था।
फोरम ने रखी सरकार के सामने इस तरह की मांग-
प्राचार्य पदोन्नति फोरम ने स्कूल शिक्षा विभाग से मांग किया है कि जिनका नाम 30 अप्रैल को जारी पदोन्नति आदेश में सम्मिलित है यदि वह सेवानिवृत हो गए हो तो भी उन्हें प्राचार्य पदोन्नति का लाभ देना चाहिए। फोरम की ओर से प्राचार्य पदोन्नति के लिए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य मंत्री एवं स्कूल शिक्षा विभाग के भारसाधक मंत्री विष्णुदेव साय तथा सचिव स्कूल शिक्षा एवं संचालक लोक शिक्षण के प्रति आभार व्यक्त किया है।