High Court News: एंबुलेंस नहीं मिलने से कैंसर पीड़िता की मौत, हाई कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 3 लाख रूपए का मुआवजा देने का दिया आदेश
High Court News: रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित महिला को एंबुलेंस नहीं मिलने से मौत की घटना को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. डिवीजन बेंच ने पीड़ित परिवार को 3 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है. रेलवे की ओर से एक लाख रुपए की राशि जमा कर दी गई है.
High Court News
High Court News: बिलासपुर। रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित महिला को एंबुलेंस नहीं मिलने से मौत की घटना को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. डिवीजन बेंच ने पीड़ित परिवार को 3 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है, इसमें 1 लाख रुपए रेलवे और 2 लाख रुपए राज्य शासन को देना है। आदेश देने के साथ ही कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी। गुरुवार को रेलवे की ओर से एक लाख रुपए की राशि जमा कर दी गई।
बुढ़ार एमपी निवासी 62 वर्षीय कैंसर पीड़ित महिला 18 मार्च 2025 को अपने परिजनों के साथ ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के जनरल कोच में रायपुर से बिलासपुर आ रही थी। उसे बिलासपुर में ट्रेन बदल कर बुढ़ार जाना था। इसी बीच उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। ट्रेन के बिलासपुर पहुंचने पर इसकी जानकारी महिला के परिजन ने रेल कर्मचारियों को दी। महिला यात्री की स्थिति खराब होने की सूचना पर जनरल कोच में स्ट्रेचर भेजा गया। यहां कुलियों ने स्ट्रेचर में रख कर महिला को गेट के बाहर लाकर छोड़ दिया। एक घंटे बाद एम्बुलेंस आई और मरीज की मौत हो जाने पर उसने ले जाने से इंकार कर दिया। बाद में परिजन दूसरे वाहन की व्यवस्था कर उसे ले गए।
मुफ्त की योजनाएं हैं, फिर भी सुविधाएं नहीं
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने पिछली सुनवाई के दौरान व्यवस्था सुधार को लेकर की जा रही कार्रवाई के संबंध में पूरी जानकारी प्रस्तुत करने कहा था। यह बताने भी कहा कि इमरजेंसी में एंबुलेंस सुविधा आखिर उपलब्ध क्यों नहीं हो पाती। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य सरकार की मुफ्त की योजनाएं हैं, फिर भी लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और रेलवे की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने राज्य शासन और रेलवे को शपथपत्र देने कहा था। सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि रेलवे की ओर से स्टाफ भेजा गया था, पर वहां कोई नहीं मिला। राज्य शासन की ओर से एंबुलेस सुविधा के संबन्ध में जानकारी दी गई। कोर्ट ने इसे पर्याप्त न मानते हुए मृतका के परिजन को रेलवे और शासन की ओर से 3 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए। साथ ही भविष्य में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा और एंबुलेंस उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए याचिका निराकृत कर दी।