ED Raid In Chhattisgarh: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला के घर ED का छापा,10 जिलों में चल रही नान घोटाले में ईडी की कार्रवाई

ED Raid In Chhattisgarh: 140 करोड के कस्टम मिलिंग नान घोटाले में ईडी ने पूर्व आईएएस अफसर आलोक शुक्ला के घर एक बार फिर दबिश दी है। छामामार कार्रवाइ के दौरान ईडी ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों के अलावा डिजिटल साक्ष्यों की भी जब्ती बनाई है। आज सुबह साढ़े पांच बजे के करीब ईडी की टीम रिटायर आईएएस आलोक शुक्ला के घर में दबिश दी।

Update: 2025-09-18 07:21 GMT

ED Raid In Chhattisgarh

ED Raid In Chhattisgarh: भिलाई। 140 करोड के कस्टम मिलिंग नान घोटाले में ईडी ने पूर्व आईएएस अफसर आलोक शुक्ला के घर एक बार फिर दबिश दी है। छापामार कार्रवाइ के दौरान ईडी ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों के अलावा डिजिटल साक्ष्यों की भी जब्ती बनाई है। आज सुबह साढ़े पांच बजे के करीब ईडी की टीम रिटायर आईएएस आलोक शुक्ला के भिलाई के घर में दबिश दी।

जानकारी मिली है कि छापेमारी के दौरान ईडी को मामले से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इसमें डिजिटल डाक्यूमेंट्स मिलने की बात भी सामने आ रही है। ईडी की कार्रवाई और छापेमारी के दौरान मिले महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बाद इस बात की भी चर्चा हो रही है कि नान घोटाले में और गिरफ्तारियां हो सकती है।

बता दें कि इससे पहले नान घोटाले में संलिप्तता के चलते EOW ने रिटायर्ड आईएएस अफसर अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। टुटेजा और ढेबर से पूछताछ के दौरान पूछताछ में कई अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत के अहम सुराग मिले हैं। अहम इनपुट के आधार पर ही रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला के निवास में ईडी की छापेमारी चल रही है।

एंबुलेंस व दो पहिया वाहनों में हुआ धान का परिवहन, सरकार को लगाया करोड़ों का चुना

कस्टम मिलिंग के तहत धान के परिवहन में बड़े पैमाने पर घोटाले को अंजाम दिया गया है।जांच में यह बात भी सामने आई है कि परिवहन के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया है। आलम ये कि जिन नंबरों के वाहनों से धान का परिवहन दिखाया गया है जांच में वह या तो एंबुलेंस निकला या फिर दोपहिया वाहनों के नंबर। फर्जी वाहन नंबरों के जरिए सरकार को करोड़ों का चुना लगाया गया है। कई जगहों पर धान की मिलिंग कागजों पर ही दिखाकर भुगतान उठा लिया गया। इसके अलावा अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली की गई। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस घोटाले का पैमाना 140 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

मार्कफेड के पूर्व एमडी सोनी व चंद्राकर ने खोले कई राज

जांच एजेंसी ने मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ के बाद करोड़ों रुपए के लेन-देन की परतें खुलीं। ED को अब इस पूरे घोटाले में कई बड़े अधिकारियों और मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की संलिप्तता के पुख्ता सबूत मिले हैं। यही वजह है कि भिलाई के अलावा राज्य के 10 जिलों में एक साथ छापे की कार्रवाई की जा रही है।

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