Dantewada News: जिला प्रशासन द्वारा दृष्टिबाधित ’पार्वती’ को दिया गया मोबाईल

Dantewada News: ब्लॉक दन्तेवाड़ा के ग्राम मटेनार के निम्न मध्यमवर्गीय कृषक परिवार की 18 वर्षीय दृष्टिबाधित ’’पार्वती’’ के लिए दृष्टिहीनता पढ़ाई में कभी बाधक नहीं बना पाई

Update: 2024-07-18 12:04 GMT

Dantewada News: ब्लॉक दन्तेवाड़ा के ग्राम मटेनार के निम्न मध्यमवर्गीय कृषक परिवार की 18 वर्षीय दृष्टिबाधित ’’पार्वती’’ के लिए दृष्टिहीनता पढ़ाई में कभी बाधक नहीं बना पाई शिक्षा के प्रति इसी ललक को दृष्टिगत रखते हुए प्रोत्साहन स्वरूप जिला प्रशासन द्वारा उसे आज एंड्रॉयड सेल फोन दिया गया। इस संबंध में ’’पार्वती’’ के बड़े भाई मनीराम ने बताया कि उसकी बहन जन्म से ही दृष्टिबाधित थी परन्तु पढ़ाई लिखाई के प्रति उसका झुकाव बचपन से ही रहा अपनी इसी इच्छाशक्ति के बल पर उसने अपनी प्राथमिक पढ़ाई ग्राम बड़े पनेड़ा से पूरा किया फिर हाई स्कूल तक की पढ़ाई के लिए उसने जावंगा स्थित सक्षम-2 में दाखिला लिया। ज्ञात हो कि एजुकेशन हब जावंगा स्थित सक्षम-2 आवासीय विद्यालय में दिव्यांग छात्र-छात्राओं के अध्ययन की विशेष व्यवस्था की गई है। इस तरह पार्वती पोडियाम ने यहां पर भी सफलतापूर्वक 12वीं की परीक्षा उर्त्तीर्ण की। वर्तमान में वह रायपुर स्थित डिग्री गर्ल्स कॉलेज में स्नातक प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। इस संबंध में उसके भाई का कहना था कि उक्त महाविद्यालय में इसी वर्ष ’’पार्वती’’ ने प्रवेश लिया है। जहां उसके ही समान दृष्टिहीन दिव्यांगों को विशेष तौर पर अध्ययन कराया जाता है। चूंकि अब आधुनिक मोबाईल या सेल फोनो दिव्यांगजनों को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रकार के एप की सुविधा उपलब्ध कराया गया है जिसमें दिव्यांग छात्र-छात्राएं सुनकर ही अपने पाठ्यक्रम को भलि भांति समझ कर पढ़ाई कर सकते है और ’’पार्वती’’ पोडियाम ने ब्रेल लिपि के माध्यम से ही जावंगा के सक्षम-2 आवासीय विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की है। परन्तु महाविद्यालय की पढ़ाई के लिए उसे एक एंड्रॉयड फोन की आवश्यकता थी। परन्तु अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते मोबाईल खरीदने में समस्या आ रही थी।

इसके लिए उसे समाज कल्याण विभाग से सम्पर्क कर मोबाईल के लिए आवेदन किया जिस पर जिला प्रशासन ने त्वरित पहल करते हुए उसे मोबाईल उपलब्ध करवाया। बहरहाल मोबाईल मिलने से प्रसन्नचित ’’पार्वती’’ जिला प्रशासन को साधुवाद देते हुए कहती है कि अब वह निश्चित होकर अपने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर सकेगी उसने आगे कहा कि भविष्य में वह शिक्षिका बनाना चाहती है ताकि उसके जैसे अन्य दिव्यांग छात्र-छात्रा शिक्षित होकर समाज में अपना स्थान बना सकें। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग से जानकारी दी गई कि विभागीय योजना के तहत अध्ययनरत दिव्यांग छात्र-छात्राओं को पूर्व में भी मोबाईल, टेबलेट भी दिये जा चुके है। कुल मिलाकर समाज कल्याण विभाग के इस संवेदनशील योजना से निश्चित ही दिव्यांगजनों का मनोबल बढ़ेगा और वे शिक्षा के प्रति प्रेरित होकर समाज के मुख्य धारा से जुड़ पायेगें।


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