Chhattisgarh Vidhansabha Monsoon Session 2025: छत्तीसगढ़ में 791 करोड़ की साइबर ठगी, सिर्फ 1820 पीड़ितों को मिली राहत

Chhattisgarh Vidhansabha Monsoon Session 2025: प्रदेश में साइबर क्राइम के दर्ज प्रकरणों पर आज विधानसभा में भाजपा विधायकों ने प्रश्न पूछा था। सवालों के जवाब में गृहमंत्री ने बताया है कि 67389 छत्तीसगढ़ के निवासियों ने एनसीआरपी पोर्टल पर ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज करवाई है। इनसे कुल 791 करोड़ रुपए की ठगी ढाई साल में हुई है। 1820 पीड़ितों को राशि वापस लौटाई गई है।

Update: 2025-07-17 06:15 GMT

Chhattisgarh Vidhansabha Monsoon Session 2025: रायपुर। विधानसभा में आज साइबर क्राइम के मामलों पर अलग-अलग भाजपा विधायकों ने प्रश्न उठाएं। विधायक गजेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ में डिजिटल अरेस्ट एवं ऑनलाइन ठगी की प्राप्त शिकायतों के निराकरण संबंधी तो वही विधायक सुनील सोनी ने प्रदेश में दर्ज साइबर क्राइम के दर्ज प्रकरणों की जानकारी मांगी। विधायक गजेंद्र यादव ने सवाल पूछा था कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023 से 23 जून 2025 तक कितने डिजिटल अरेस्ट एवं ऑनलाइन ठगी की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? कितने नागरिकों से ठगी की गई? राशि सहित विवरण देवें ? प्राप्त शिकायतों में से कितने का निराकरण किया गया है एवं कितने पीड़ितों की राशि वापस की गई है?

जिसके जवाब में गृहमंत्री विजय शर्मा में जवाब में बताया है कि 67389 व्यक्तियों द्वारा ठगी की शिकायतें एनसीआरपी पोर्टल में ऑनलाइन दर्ज की गई है। पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार ठगी की राशि लगभग 791 करोड रुपए है। प्राप्त शिकायतों में से 21195 शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं 1820 पीड़ितों की राशि वापस कराई गई है। ऑनलाइन ठगी की प्राप्त शिकायतें और डिजिटल अरेस्ट की प्राप्त शिकायतों का जिलेवार आंकड़ा भी गृहमंत्री ने प्रस्तुत किया है।

इसी तरह विधायक सुनील कुमार सोनी ने पूछा कि जनवरी 24 से जून 2025 तक छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध के कुल कितने केस दर्ज किए गए हैं एवं फोन पर अलार्म लगाने की क्या कार्रवाई की जा रही है? क्या इस अपराध में बैंक कर्मियों की भी भूमिका पाई जा रही है? जनवरी 2024 से जून 2025 तक कुल कितनी राशि के सायबर अपराध के प्रकरण दर्ज किए गए है? पीड़ितों को उनकी रकम दिलाने के लिए क्या प्रयास किया जा रहे हैं? अभी तक कितने पीड़ितों को उनकी राशि वापस दिलाई गई? सायबर अपराध पर लगाम लगाए जाने के लिए क्या किया जा रहा है? गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया है कि साइबर अपराध के कुल 1301 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए है। कुछ अपराधों में बैंक कर्मियों की भूमिका भी पाई गई है। 107 पीड़ितों को उनकी राशि वापस दिलवाई गई है।

साइबर अपराध पर लगाम लगाये जाने हेतु प्रयास-

साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए 01 राज्य साइबर पुलिस थाना, एवं रेंज स्तर पर 05 रेंज साइबर थाने संचालित हैं। जिला स्तर पर भी साइबर सेल संचालित है एवं कुछ जिलों में सायबर थानों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। साइबर अपराधों की विवेचना के दौरान संकलित डिजिटल साक्ष्य के परीक्षण हेतु आधुनिक सायबर टूल्स से लैस साइबर फोरेंसिक लैब, पुलिस मुख्यालय, रायपुर में संचालित है। साइबर अपराध अनुसंधान क्षमता विकास हेतु डार्क वेब/क्रिप्टो करेंसी जैसे जटिल विषयों पर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे C-DAC, सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के माध्यम से पुलिस अधिकारी / कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षित हो रहे है। गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार साइबर अपराध से लड़ने हेतु साइबर कमांडो योजना के तहत् हाल ही में राज्य से 01 राजपत्रित अधिकारी एवं 05 अन्य अधिकारी / कर्मचारी प्रशिक्षित हुये हैं। साइबर अपराध में संलिप्त सिमकार्ड एवं IMEI नम्बरों को अवरूद्ध कराया जा रहा है। साइबर अपराध को रोकने के लिये पुलिस मुख्यालय एवं जिला स्तर पर व्यापक जन-जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।

पीड़ितों को रकम वापस किये जाने हेतु किये गये प्रयास-

साइबर अपराध के पीड़ितों को अविलंब शिकायत दर्ज किये जाने की सुविधा प्रदान करने हेतु नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल संचालित है। राज्य में साइबर काइम हेल्पलाईन नंबर 1930 का आधुनिक कॉल सेंटर 24X7 संचालित है। कॉल सेटर में कार्यरत प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी / कर्मचारियों द्वारा बैंक, ई-वालेट और भुगतान गेटवे के नोडल अधिकारियों से सीधे समन्वय स्थापित कर संदिग्ध लेनदेन को होल्ड करवाया जाता है। साइबर अपराध के दर्ज प्रकरणों में माननीय न्यायालयों के आदेशानुसार रकम वापसी की कार्यवाही की जाती है। 01 जनवरी 2024 से 20 जून 2025 तक की अवधि में राज्य में 3.69 करोड़ की राशि, पीड़ितों को सफलतापूर्वक वापस कराई गई है।

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