Chhattisgarh Mission Karmyogi: छत्तीसगढ़ के युवाओं के सपनों को साकार करेगा मिशन कर्मयोगी, क्षमता विकास आयोग और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच हुआ एमओयू, कौशल विकास के बाद विष्णुदेव सरकार का एक कदम और...
Chhattisgarh Mission Karmyogi: युवाओं को रोजगार से आत्मनिर्भर बनाने छत्तीसगढ़ में कौशल विकास पर प्राथमिकता से कार्य चल ही रहा है, अब मिशन कर्मयोगी के लिए सरकार ने अहम एमओयू किया है।
Chhattisgarh Mission Karmyogi: रायपुर। बदलते वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य के अनुरूप कौशल विकास आज की अनिवार्यता बन गया है। इस नए युग के साथ निरंतर कौशल उन्नयन तथा शासन-प्रशासन में उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में मिशन कर्मयोगी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। छत्तीसगढ़ में जिस सुशासन की स्थापना के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है, उसे नई ऊँचाई प्रदान करने में एक ऐसा एमओयू किया गया है, जो मील का पत्थर सिद्ध होगा। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत हुए इस एमओयू पर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के महानिदेशक सुब्रत साहू तथा क्षमता विकास आयोग की ओर से सदस्य सचिव वी. ललिता लक्ष्मी ने हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में नवा रायपुर स्थित एक निजी होटल में भारत सरकार की क्षमता विकास आयोग एवं छत्तीसगढ़ शासन के मध्य एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्वप्नों को साकार करने वाला एक दूरदर्शी मिशन है। इस मिशन के माध्यम से देश के सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों में कर्मयोगी की भावना विकसित होगी और वे राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में चार लाख शासकीय सेवकों को सतत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अब तक लगभग 50 हजार अधिकारी-कर्मचारी इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण कर चुके हैं। इस साझेदारी के माध्यम से राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप नवीन प्रशिक्षण पद्धतियों को अपनाया जाएगा।
बेहतर होंगी जन सेवाएं
मिशन कर्मयोगी को पूर्ण समर्पण के साथ लागू करने तथा इसके लाभ को प्रशासन के प्रत्येक स्तर तक पहुँचाने हेतु राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ सरकार काम करेगी। सरकार निरंतर शासन एवं प्रशासनिक स्तर पर नवाचार और अभिनव पहलों के माध्यम से व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। ये पहल लोक सेवकों को नागरिकों की आवश्यकताओं के प्रति अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी बनाने में सहायक सिद्ध होगी, साथ ही जन-केंद्रित नीतियों और सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहयोग प्रदान करेगी। इन प्रयासों के माध्यम से कुशल और प्रेरित लोक सेवकों के सहयोग से विकसित छत्तीसगढ़ के स्वप्न को साकार किया जाएगा।
28 जिलों के 138 ब्लॉक में आदि कर्मयोगी अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में आदि कर्मयोगी जनजातीय बाहुल्य गांवों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाओं में जो भी ‘क्रिटिकल गैप’ शेष हैं, उनकी पहचान करेंगे। स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इससे हर ग्राम बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होगा। मुख्य सचिव अभिताभ जैन ने रायपुर में आयोजित आदि कर्मयोगियों के लिए राज्य स्तरीय उन्नमुखीकरण एवं जिला मास्टर ट्रेनर्स के चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी जनजातियों से सहज-सरल एवं उनकी ही भाषा व बोलचाल में मित्रवत जुड़ाव से आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य पूरा होगा। ऐसे आदि कर्मयोगी साथी को भी इस अभियान में जोड़ने की भी जरूरत है, जो गोड़ी, हल्बी, भतरी, सदरी आदि बोली-भाषा का ज्ञान रखते हैं। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी एक-एक आदिवासी परिवारों से मिलकर उनकी आजीविका, उनके रोजी-रोटी का साधन उनकी स्वास्थ्य, पोषण, सेरक्षित प्रसव टीकाकरण आदि विशेष विषय पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर, सरगुजा के दूरस्थ अंचलों में चर्चा के दौरान बच्चों में रूचिकर हुनर से भी जोड़ने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्हें व्यवहारिक शिक्षा के साथ ही तकनीकी शिक्षा, सहकारी साख समितियों से ऋण लेने तथा ऋण चुकाने की भी जानकारी देनी चाहिए।
कौशल से समृद्धि की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के युवाओं के कौशल प्रशिक्षण को सीधे रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। विष्णु देव साय सरकार का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर नवाचार और प्रभावी कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। सरकार की ये पहल स्वाभिमान के साथ स्वावलंबन की ओर एक मजबूत कदम साबित हो रही है। इस प्रकार युवाओं में न केवल तकनीकी दक्षता बढ़ा रहा है, बल्कि गांवों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए वर्ष 2025दृ26 के लिए जिलेवार प्रशिक्षण उपलब्धि और आबंटित बजट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास योजनाओं को युवाओं की आजीविका, आत्मनिर्भरता और भविष्य के निर्माण से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में सतत प्रयास करने के निर्देश दिए।
549 सरेंडर नक्सलियों को भी प्रशिक्षण
‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 549 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि पुनर्वास केंद्रों में 382 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम जनमन योजना के तहत अत्यंत पिछड़ी जनजाति के युवाओं को दिए जा रहे कोर्सवार प्रशिक्षण की भी समीक्षा की गई। 1 जुलाई 2025 से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत चेहरा-आधारित स्कैनिंग प्रणाली द्वारा प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और निगरानी में सुधार हुआ है।
‘कौशल तिहार 2025’ में 288 प्रतिभागियों का चयन
राज्य कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा 21 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक राज्य के सभी जिलों में 10 दिन तक ’’कौशल तिहार 2025’’ का आयोजन बड़े ही उत्साह और धूमधाम से किया गया। राज्य के सभी जिलों में चयनित प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में कुल 2 हजार 530 युवाओं ने भाग लिया, जिसमें से 288 प्रतिभागियों का चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए हुआ। इस आयोजन से प्रदेश के युवाओं को न केवल अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगारमुखी बनने की प्रेरणा भी मिली। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को कौशल विकास के प्रति जागरूक करना और उन्हें भारत स्किल्स 2026 व वर्ल्ड स्किल्स 2026 जैसी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना था।
मिल रही गुणवत्ता आधारित ट्रेनिंग
कौशल विकास विभाग ने निजी संस्थाओं के साथ किए गए एमओयू की जानकारी देते हुए बताया कि नांदी फाउंडेशन और महिंद्रा एंड महिंद्रा संस्थानों से किए गए समझौते शामिल हैं। इन संस्थानों के माध्यम से राज्य में गुणवत्ता आधारित प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है।
युवाओं के भविष्य को सशक्त बनाने की पहल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कौशल तिहार जैसा आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए आशा, आत्मविश्वास व अवसर का भी प्रतीक है। यह राज्य सरकार की युवाओं के भविष्य को सशक्त बनाने की एक मजबूत और सराहनीय पहल है। यह आयोजन न केवल रोजगार की दिशा में सहायक है, बल्कि आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की ओर एक सकारात्मक कदम भी है।
सीख रहे सपनों को साकार करने की कला
ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए जिला बेमेतरा के नवागढ़ ब्लॉक स्थित ग्राम टेमरी में 15 जुलाई से 13 अगस्त 2025 तक राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण एसबीआई आरसेटी बेमेतरा (रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट) के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के तहत प्रतिभागियों को राजमिस्त्री का व्यावसायिक कौशल सिखाने के साथ-साथ बैंकिंग ज्ञान और उद्यमिता विकास की भी जानकारी दी जा रही है, जिससे वे भविष्य में स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो सकें।
नए जिले के गठन के पश्चात इस वित्तीय वर्ष से ग्रामीण विकास मंत्रालय की पहल पर एसबीआई आरसेटी बेमेतरा की शुरुआत की गई है। यह संस्थान फिलहाल सिमगा रोड स्थित ग्राम चोरभट्ठी के लाइवलीहुड कॉलेज परिसर में अस्थायी रूप से संचालित किया जा रहा है। यहां 18 से 45 वर्ष के बीच के बेरोजगार युवक-युवतियों को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है।