Chhattisgarh Employees Strike: 22 को कर्मचारियों की हड़ताल को राजपत्रित अधिकारियों ने फेडरेशन का किया समर्थन, इस दिन से बेमुद्दत काम बंद!...
Chhattisgarh Employees Strike: छत्तीसगढ़ के राजपत्रित अधिकारियों ने फेडरेशन के आंदोलन का किया समर्थन।
Chhattisgarh Employees Strike: रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा प्रदेशभर में कर्मचारी हितों को लेकर व्यापक आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि केंद्र सरकार की "मोदी की गारंटी" को लेकर कर्मचारियों में भारी असंतोष है।
फेडरेशन द्वारा घोषित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की जमीन तैयार हो चुकी है । फेडरेशन के आह्वान पर 22 अगस्त को काम बंद, कलम बंद आंदोलन को प्रदेशभर में व्यापक समर्थन मिल रहा है। फेडरेशन 30 अक्टूबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान कर सकता है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ की आपात बैठक इंद्रावती भवन में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने अधिकारियों को आंदोलन की रणनीति, मांगों की वैधता और सरकार की उदासीनता से अवगत कराते हुए आंदोलन को प्रदेशभर में सफल बनाने आह्वान किया। उक्त प्रस्ताव का सर्वसम्मति से समर्थन किया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों को जिला/ब्लॉक स्तर तक कार्यरत अधिकारियों को आंदोलन में शामिल होने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिए सुझाव दिया गया। बैठक में विभागों के अधिकारियों ने बताया कि सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी एकजुट होकर आंदोलन में भागीदारी के लिए लामबंद हो रहे हैं।
फेडरेशन की प्रमुख मांगों में शामिल हैं
- केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
- DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
- सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
- लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
- सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।
- प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
- अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।
- दैनिक,अनियमित,संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।
- सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कई वर्षों से कर्मचारी वर्ग अपनी जायज़ मांगों को लेकर ज्ञापन, पत्राचार और शांतिपूर्ण विरोध करते आ रहा है, लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं हुई है। ऐसे में अब कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
प्रांतीय बैठक में अविनाश तिवारी, नंदलाल चौधरी, दिलदार सिंह मरावी, पूषण साहू, युगल वर्मा, ईश्वरी साहू, के के ध्रुव, एस के साहू, सुनील उपाध्याय, मीनू दास, नीरज शाह, राजेश गुप्ता, आर डी मेहरा सहित भारी संख्या में राजपत्रित अधिकारी उपस्थिति रहे।