CGMSC Scam: सीजीएमएससी घोटाले में ईओडब्लू ने दो जीएम, डिप्टी डायरेक्टर समेत 5 को किया गिरफ्तार, कुछ देर में पेश करेगी कोर्ट में...
CGMSC Scam: छत्तीसगढ़ ईओडब्लू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सीजीएमएससी में 600 करोड़ के रीएजेंट खरीदी कांड में पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें सीजीएमएससी के दो जनरल मैनेजर के साथ हेल्थ विभाग के एक डिप्टी डायरेक्टर शामिल हैं।

CGMSC Scam: रायपुर। विधानसभा का बजट सत्र कल समाप्त होने के बाद छत्तीसगढ़ की ईओडब्लू एक्शन में आ गई। बताते हैं, ईओडब्लू ने सीजीएमएससी के चर्चित रीएजेंट खरीदी घोटाले में देर रात पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया। इनमें सीजीएमएससी के दो जीएम शामिल हैं। ईओडब्लू ने हेल्थ विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ0 अनिल परसाई को भी गिरफ्तार किया है। पांचों आरोपियों को लेकर ईओडब्लू की टीम कोर्ट पहुंची है। इस मामले में ईओडब्लू ने सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शाशांक चोपड़ा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, छग मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड रायपुर के अधिकारियों एवं संचालनालय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मोक्षित कार्पोरेशन CB कॉरपोरेशन, रिकार्डर्स एवं मेडिकेयर सिस्टम, एचएसआईआईडीसी एवं शारदा इन्डस्ट्रीज के साथ आपराधिक षडयंत्र कर स्वास्थ्य विभाग में उपयोग होने वाले रीएजेंट एवं मशीन की बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर विक्रय कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाये थे। इस संबंध में ब्यूरो में दर्ज अपराध क्रमांक-05/2025, धारा-409, 120बी भादवि एवं धारा 13 (1) ए, सहपठित धारा 13(2), 7 (सी) भ्र.नि.अ. 1988 संशोधित अधिनियम 2018 में बसंत कुमार कौशिक (तत्कालीन प्रभारी महा प्रबंधक उपकरण एवं उप प्रबंधक कय एवं संचालक), छिरोद रौतिया (तत्कालीन बायो मेडिकल इंजीनियर), कमलकांत पाटनवार (तत्कालीन उप प्रबंधक उपकरण), डॉ. अनिल परसाई (तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर स्टोर) एवं दीपक कुमार बंधे (तत्का. बायो मेडिकल इंजीनियर) को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। प्रकरण में अग्रिम विवेचना जारी है।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन में करोड़ों के घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच तेज कर दी है। बता दें, ईओडब्लू ने दो आईएएस समेत सीजीएमएससी और हेल्थ विभाग के दर्जन भर अधिकारियों को तलब कर लंबी पूछताछ की थी।
इसके बाद कल रात वसंत कौशिक, डॉ0 अनिल परसाई, शिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनवार और दीपक बांधे को गिरफ्तार कर लिया। कुछ देर में ईओडब्लू इन्हें कोर्ट में पेश करेगी।
जानिये आरोपियों के बारे में...
1. वसंत कौशिक
जीएम टेक्निकल वसंत कौशिक। जीएम फायनेंस के बाद सीजीएमएससी का सबसे महत्वपूर्ण पद है जीएम टेक्निकल। टेंडर में सबसे बड़ा खेला टेक्निकल द्वारा किया जाता है। टेंडर में ऐसे-ऐसे क्लाज जोड़ दिए जाते हैं कि अपने पंसदीदा सप्लायरों के अलावा दूसरा कोई टिक नहीं सके। मोक्षित कारपोरेशन को टेंडर में उसकी सुविधा के अनुसार शर्तें जोड़कर उपकृत किया गया। रीएजेंट से लेकर दीगर मेडिकल इक्विपमेंट्स की खरीदी में मोक्षित कारपोरेशन को जीएम टेक्निकल द्वारा करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया गया।
वसंत कौशिक को हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद सीजीएमएससी से हटाया गया था। असल में, 2021 में नियम विरूद्ध किसी टेंडर के खिलाफ मामला हाई कोर्ट गया था। कोर्ट ने गंभीर प्रकरण मानते हुए जीएम टेक्निकल वसंत कौशिक को हटाने कहा। मगर अफसरों ने इसे नोटिस नहीं किया। इस पर अवमानना का केस लगा। इसके बाद हाई कोर्ट ने सीजीएमससी को जमकर फटकार लगाई। तब जाकर वसंत कौशिक को सीजीएमएससी के जीएम टेक्निकल पद से हटया गया।
2. डॉ0 अनिल परसाई
अनिल परसाई सीजीएमएससी के स्टोर इंचार्ज हैं। उन पर आरोप है कि दवाइयों और उपकरणों और रीएजेंट की जरूरत न होने पर भी लिख कर दिया कि सप्लाई की आवश्यकता है। परसाई की कृत्यों की वजह से सौ करोड़ से अधिक के रीएजेंट खरीद लिया गया, जिसकी जरूरत ही नहीं थी।
3. क्षिरौंद्र रावटिया
क्षिरोंद्र रावटिया बायोमेडिकल इंजीनियर हैं। बायोमेडिकल इंजीनियर का काम मेडिकल इक्विमेंट की खरीदी के दौरान जांच-पड़ताल करना होता है। मगर करोड़ों की मेडिकल इक्विमेंट की खरीदी में क्षिरौंद्र ने कुछ नहीं किया। इससे सीजीएमएससी को बड़ा नुकसान हुआ। आलम यह था कि पांच करोड़ के इक्विपमेंट 10 करोड़ में खरीदे गए।