CG Protest News: अतिथि लेक्चरर की भर्ती में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों की उपेक्षा को लेकर धरना, एकमुश्त वेतन और एज 65 साल करने की मांग
CG Protest News: छत्तीसगढ़ के स्कूल, कॉलेजों में अतिथि व्याख्याताओं की भर्ती में बाहरी लोगों को प्राथमिकता देने को लेकर छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों ने नवा रायपुर में धरना दिया। उनकी मांग थी कि अतिथि शिक्षकों की मेरिट लिस्ट फिर से जारी किया जाए, एकमुश्त वेतन मिले और आयु 65 वर्ष किया जाए।
CG Protest News: रायपुर। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में यूजीसी के मानकों के अनुरूप योग्य अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति के उद्देश्य से अतिथि व्याख्याता नीति 2024 लागू किया गया है जिसका परिपालन स्थानीय निवासियों के लिए उचित रूप से सुनिश्चित नहीं किये जाने के कारण राज्य के मूल निवासियों को पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहा है। इसीलिए छत्तीसगढ़ मूल निवासी अतिथि व्याख्याता तथा पी-एच.डी. नेट, सेट, एम.फिल., स्नातकोत्तर योग्य अभ्यर्थियों ने तूता धरना स्थल, नया रायपुर में धरना प्रदर्शन कर अतिथि व्याख्याता पद पर छत्तीसगढ़ मूल निवासियों की अनिवार्यता हेतु ज्ञापन सौपा है।
मंत्रिपरिषद की स्वीकृति से जारी किए गए नवीन अतिथि व्याख्याता नीति 2024 के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य के सभी शासकीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याताओं के माध्यम से अध्यापन कार्य संचालित हो रहा है इस नीति के कण्डिका क्रमांक 5.4 में लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जायेगी, परन्तु यह लगातार देखा जा रहा है कि राज्य के ज्यादातर विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता नहीं दिया गया है इसके बदले बाहर के राज्यों के लोगों को अतिथि व्याख्याता के पद पर नियुक्त किया जा रहा है।
अतिथि व्याख्याता नीति में उल्लेख होनें के बावजूद छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है जो अतिथि व्याख्याता नीति की सीधे तौर पर अवहेलना है। जारी किए गए अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता दिए जाने का विषय अस्पष्ट होनें के कारण इसका लाभ उठा कर मूल निवासियों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है इस बिंदु पर उच्च शिक्षा विभाग का कई बार ध्यान आकृष्ट किए जाने के बाद भी कोई स्पष्टिकरण जारी नहीं किया जा रहा है जिससे कारण प्रदेश के मूल निवासी पी-एच.डी. नेट, सेट, एम.फिल. एवं स्नातकोत्तर की योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी अतिथि व्याख्याता पद पर नियुक्ति पाने से वंचित हो रहें हैं। वर्तमान सत्र 2025-26 में स्थानीय को प्राथमिकता का उल्लेख नीति की कंडिका में होने के बाद भी मूलनिवासियों को वरीयता नहीं दी जा रही है, अलग-अलग संभागों में महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा जारी मेरिट सूची में भारी विसंगतियाँ विद्यमान है। स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक महाविद्यालय में कई अतिथि व्याख्याता अन्य राज्य से अवश्य मिल जाएंगे।
इसलिए छत्तीसगढ़ मूल निवासी अतिथि व्याख्याता तथा पी-एच.डी. नेट, सेट, एम.फिल., स्नातकोत्तर योग्य अभ्यर्थियों द्वारा मूल निवासी शिक्षित युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए अतिथि व्याख्याता नीति-2024 के कंडिका क्र.14.7 एवं 14.10 के तहत कंडिका 5.4 में संशोधन कर मूल निवासियों को प्राथमिकता के स्थान पर अनिवार्य शब्द स्थापित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। इनकी मांग है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश का ज्यादातर क्षेत्र अनुसूचित जाति एवं जनजातियों का है जिससे उच्च शिक्षा में कई मामलों में स्थानीय निवासी ज्यादा उपयुक्त है अतः छत्तीसगढ़ के मूल निवासी अभ्यर्थियों के लिए निर्मित अतिथि व्याख्याता नीति का अक्षरशः पालन करते हुए केवल राज्य के योग्य अभ्यर्थियों को ही मौका दिया जाए जिससे राज्य के पी-एच.डी., नेट, सेट, एम.फिल. एवं स्नातकोत्तर डीग्रीधारकों का रोजगार मिल सके। इसके साथ ही इन्होंने मांग की है कि अतिथि व्याख्याता नीति-2024 के तहत पूर्व में चयनित गैर-राज्यीय अभ्यर्थियों के स्थान पर पुनः विज्ञापन जारी कर मूल निवासियों को अवसर दिया जाए, 2025-26 सत्र के लिए जारी विज्ञापन की मेरिट सूची व पदस्थापना को निरस्त करते हुए कंडिका 5.4 के तहत् मूल निवासियों को अनिवार्यता देते हुए नवीन सूची तैयार कर स्थानीय निवासियों को नियुक्ति दी जाए, एकमुश्त मासिक वेतन दिया जाए तथा सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष करके स्थायीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ किया जाए। स्थानीय निवासियों के स्थान पर अन्य राज्य के अभ्यर्थियों को नौकरी देने के विरोध में नवा रायपुर में एक दिन का धरना दिया गया।
छत्तीसगढ़ के स्कूल, कॉलेजों में अतिथि व्याख्याताओं की भर्ती में बाहरी लोगों को प्राथमिकता देने को लेकर छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों ने नवा रायपुर में धरना दिया। उनकी मांग थी कि अतिथि शिक्षकों की मेरिट लिस्ट फिर से जारी किया जाए, एकमुश्त वेतन मिले और आयु 65 वर्ष किया जाए।