CG News: PM मोदी, CM विष्णुदेव और BJP नेताओं पर तीखे तंज कसने वाले को ईनाम्! मिल गई लाख रुपए वाली डायरेक्टर की नौकरी, अनुभव प्रमाण पत्र भी फर्जी?

CG News: छत्तीसगढ़ के पंचायत विभाग ने ऐसे शख्स को डायरेक्टर पद पर नियुक्त कर दिया है, जो अपने सोशल मीडिया पर लगातार पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम विष्णुदेव साय समेत बीजेपी नेताओं की रीति-नीति पर सवाल उठाते हैं...हमला करते रहते हैं। अपने फेसबुक पर उन्होंने साएं-साएं विकास पर भी तीखा तंज किया है तो ऑपरेशन सिंदूर से लेकर पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं को उन्होंने नहीं बख्शा। राहुल गांधी को उन्होंने जरूर अपने पोस्ट में कई जगह वाहवाही दी है। नौकरी के लिए एक एनजीओ का अनुभव पत्र लगाया है, वह भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि उसी अवधि के बीच वे स्वास्थ्य विभाग में डेटा अंकेक्षण का काम देख रहे थे। बहरहाल, नीचे पढ़िये खबर विस्तार से और उनके कुछ फेसबुक पोस्ट के केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर तीखे तेवर वाले कमेंट्स...

Update: 2025-09-03 13:12 GMT

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CG News: रायपुर। पंचायत विभाग ने कमाल की नियुक्ति की है। उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को सोशल ऑडिट का डायरेक्टर बना दिया है, जिसके सर्टिफिकेट पर सवाल तो है ही, सोशल मीडिया का उनका पोस्ट हैरान करता है। अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और बीजेपी के खिलाफ सोशल मीडिया में लगातार पोस्ट किए हैं। उनके पोस्ट भी सामान्य नहीं बल्कि बेहद तीखे और मारक हैं।

बात कर रहे हैं, सोशल ऑडिट के डायरेक्टर डॉ़0 जीतेंद्र सिंगरौल की। सिंगरौल को पंचायत विभाग ने मनरेगा के प्रशासनिक मद से सोशल ऑडिट का डायरेक्टर बनाया है। सीनियर अधिकारियों की टीम ने उन्हें इंटरव्यू कर इस पद पर चयनित किया है। इंटरव्यू लेने वालों में पंचायत सचिव, मुख्य सचिव के नॉमिनी, भारत सरकार के नॉमिनी, महालेखाकार के नॉमिनी जैसे बड़े अफसर शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि गफलत इंटरव्यू में नहीं हुई, आवेदनों की छंटनी कमेटी ने आंख मूंद लिया। सोशल मीडिया में उन्होंने क्या लिखा है, इसे एक बार इग्नोर करें तब भी जो अनुभव प्रमाण पत्र लगाए गए हैं, वो एक एनजीओ का है। बिलासपुर स्थित एनजीओ ने सिंगरौल को अवैतनिक सेवा देने का अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया है।

जीतेंद्र सिंगरौल को तीन साल के लिए डायरेक्टर सोशल ऑडिट बनाया गया है। इसके अलावे एक-एक साल का दो बार सेवा विस्तार भी दिया जा सकता है। याने पूरे पांच साल का इंतजाम। सोशल ऑडिट में मनरेगा के साथ ही पीएम आवास जैसे केंद्रीय योजनाओं का मूल्यांकन किया जाता है। भारत सरकार के नार्म में डायरेक्टर की नियुक्ति है। इसके लिए स्पष्ट रुल रेगुलेशन बनाया गया है।

शासन के द्वारा उक्त पद पर नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन में अनिवार्य अर्हता में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि उम्मीदवार को 15 साल के कार्य अनुभव के साथ ही कम से कम 2 वर्ष का सामाजिक अंकेक्षण क्षेत्र का अनुभव होना चाहिए।

अरोप है कि जीतेद्र सिंगरौला द्वारा सामाजिक अंकेक्षण के कार्य का जो अनुभव प्रमाण पत्र लगाया गया है वह एक राज्य स्तरीय/प्रतिष्ठित संस्था न होकर एक स्थानीय संस्था है जिसने बगैर किसी प्रमाण के फर्जी आधार पर अवैतनिक प्रमाण पत्र जारी किया है।

जानकारों का कहना है कि अवैतनिक कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है जो किसी भी वैधानिक नियुक्ति में पात्रता में शामिल नहीं किया जाता बावजूद चयन समिति ने इसे क्यों शामिल कर लिया यह जॉच का महत्वपूण विषय है।

एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि जितेंद्र सिंगरौल ने अपने अनुभव में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया है कि, उनके द्वारा “जिला डॉटा प्रबंधक बिलासपुर (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग) के पद पर मई 2012 से 03 मई 2014 तक कार्य किया है और इसी अवधि में 01 अप्रेल 2012 से 15 नवम्बर 2014 तक सामाजिक अंकेक्षण तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में अवैतनिक कार्य किया है अर्थात एक ही अवधि में एक साथ दो पदों पर कार्य?

नीचे देखिए जीतेंद्र सिंगरौल के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीन शॉट...







 





 


 



 


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