CG News: नेशनल-हाइवे पार करते दिखा हाथियों का झुंड, गजराज की शांति से लोगों की थमी सांसे, दशहत में ग्रामीण, प्रशासन ने बढ़ाई निगरानी
आज सुबह के वक्त तब हड़कंप मच गया जब हाथियों के कारण NH 43 जाम हो गया। नेशनल हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। सड़क जाम के बीच ना तो किसी की झल्लाहट सामने आई और ना ही विरोध। सभी सांसें राेके वाहनों के भीतर ही बैठे रहे। दरअसल हाथियों का एक बड़ा दल एनएच को बड़े आराम से चहल कदमी करते हुए पार कर रहा था। वन विभाग की टीम ने बतौर सतर्कता आधा किलोमीटर दूर से ही ट्रैफिक को रोक दिया था।
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सरगुजा। शुक्रवार की सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग NH 43 पर तब हड़कंप मच गया जब हाथियों का दल एनएच को पार करते दिखाई दिया। रघुनाथपुर के पास एनएच में ऐसा नजारा दिखाई दिया। आलम ये के हाथियों के एनएच को पार करने के कारण सड़क जाम हो गया। गजराज का आंतक ऐसा कि आधा किलोमीटर का पूरा एरिया सुनसान हो गया था। हाथियों के दल के आधा किलोमीटर दाहिने और इतना ही बाईं ओर की सड़क सुनी हो गई थी। इसके बाद दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारे लगी रही।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाथियों का यह दल कई घंटों से रघुनाथपुर के आसपास के जंगलों में घूम रहा था और सुबह करीब आठ बजे वे NH के किनारे पहुंच गए। हाथियों को सड़क पार करने के दौरान किसी तरह की दुर्घटना से बचाने के लिए वाहनों को दोनों ओर रोक दिया गया। इस वजह से करीब आधे घंटे तक यातायात प्रभावित रहा।
वन विभाग की निगरानी, इसी इलाके में घूम रहा हाथियों का दल-
वन विभाग की टीम लगातार हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह दल पिछले कुछ दिनों से इस इलाके में घूम रहा है, क्योंकि यहां गन्ने की फसल अधिक है और यह हाथियों का पसंदीदा भोजन है। गन्ने की मीठी खुशबू और पर्याप्त पानी की उपलब्धता उन्हें गांवों और खेतों की ओर खींच लाती है।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल-
इलाके में हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कई लोग खेतों में जाने से बच रहे हैं, वहीं वन विभाग बार-बार अपील कर रहा है कि लोग हाथियों के करीब न जाएं और सतर्क रहें। रघुनाथपुर और आसपास के गांवों में वनकर्मियों की विशेष गश्त जारी है।
सुरक्षा और बचाव के उपाय-
वन विभाग ने चेतावनी दी है कि हाथियों के दल के आसपास मोटरसाइकिल या अन्य वाहन लेकर न जाएं, क्योंकि अचानक उत्तेजित होने पर हाथी हमला कर सकते हैं। विभाग ने ग्रामीणों से रात के समय खेतों में अकेले न जाने की भी सलाह दी है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि जब तक हाथियों का दल जंगल के भीतर सुरक्षित रूप से नहीं लौट जाता, तब तक इस क्षेत्र में यातायात और ग्रामीण गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।