CG News: खराब सड़क की मरम्मत करना पड़ा भारी! डीईओ ने 4 शिक्षकों को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

CG News: स्कूल जाने के रास्ते के जर्जर सड़क पर जब प्रशासन और जिम्मेदार विभाग ने मरम्मत नहीं करवाया तो सुरक्षित रूप से समय पर अपने और बच्चों के स्कूल पहुंचने के लिए शिक्षकों ने खुद ही पहल कर ली और फावड़ा लेकर सड़क की मरम्मत में जुट गए। शिक्षकों के इस नेक काम का वीडियो वायरल होने के बाद डीईओ को गुस्सा आ गया और नेक काम करने वाले चार शिक्षकों को नोटिस थमा दिया।

Update: 2025-09-03 07:13 GMT

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CG News: बलरामपुर। बलरामपुर जिले में स्कूल जाने वाले जर्जर मार्ग की मरम्मत करना चार शिक्षक– शिक्षिकाओं को भारी पड़ गया। जब इस सड़क का निर्माण विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने नहीं करवाया तब सड़क की खस्ताहालत से परेशान होकर हायर सेकेंडरी स्कूल धंधापुर की दो शिक्षक और दो शिक्षिकाएं खुद ही सड़क की मरम्मत में जुट गए। वे रोज़ाना स्कूल तक पहुंचने के लिए जिस रास्ते से गुजरते थे, उसकी हालत इतनी खराब थी कि उन्हें खुद ही सड़क की मरम्मत करनी पड़ी। इस दौरान किसी ने उनका वीडियो बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो जैसे ही विभाग तक पहुंचा तो जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।

जर्जर नेशनल हाईवे-343 बना परेशानी की जड़-

बलरामपुर और आसपास के इलाके लंबे समय से खराब सड़कों की समस्या झेल रहे हैं। नेशनल हाईवे-343 पूरी तरह टूट-फूट गया है। इसकी वजह से रोजाना स्कूल जाने वाले शिक्षकों के लिए सफर बेहद कठिन हो गया था। मजबूरी में उन्होंने सूरजपुर से जुड़ने वाले एक जंगल के छोटे रास्ते का सहारा लिया। हालांकि यह रास्ता भी जगह-जगह गहरे गड्ढों से भरा हुआ था, जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता था।

पढ़ाई और सुरक्षा के लिए शिक्षकों ने थामा फावड़ा-

स्कूल समय पर पहुँचने और सुरक्षित लौटने की चिंता में चारों शिक्षकों ने खुद ही गड्ढे भरने शुरू कर दिए। कुछ दिन पहले उन्होंने मिलकर सड़क पर मिट्टी डालकर छोटे-छोटे गड्ढों को समतल कर दिया, ताकि आवागमन आसान हो सके। इस मानवीय पहल को किसी ने कैमरे में कैद कर लिया और फिर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

वायरल वीडियो पर हरकत में आया विभाग-

तीन-चार दिन पहले जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, मामला शिक्षा विभाग के संज्ञान में आ गया। शिक्षकों की इस अच्छी कोशिश को अन्यथा ले डीईओ ने सड़क मरम्मत करने वाले चारों शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिया। जिला शिक्षा अधिकारी डी.एन. मिश्रा ने बताया कि संबंधित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनका कहना है कि जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को इस तरह की गतिविधियों की अनुमति लेना जरूरी होता है। विभाग का मानना है कि शिक्षकों का काम पढ़ाना है, सड़क बनाना नहीं।

सवालों के घेरे में प्रशासनिक फैसला-

लेकिन अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि खराब सड़क की असली जिम्मेदारी किसकी है और क्या मजबूरी में सड़क सुधारने वाले शिक्षकों को दोषी ठहराना उचित है? यदि सड़क मरम्मत का काम समय रहते प्रशासन और लोक निर्माण विभाग ने कर लिया होता तो शिक्षकों को पढ़ाना छोड़ फावड़ा उठाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क इतनी जर्जर है कि स्कूल, अस्पताल और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुँचना दूभर हो गया है। ऐसे हालात में शिक्षकों का यह कदम अच्छी पहल है साथ ही सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है, न कि नियमों की अनदेखी।


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