CG News: हड़ताल स्थगित: इस आश्वासन पर पंजीयन और मुद्रांक संघ ने काम बंद हड़ताल किया स्थगित

CG News: आदिवासी जमीन की बिना कलेक्टर की अनुमति के रजिस्ट्री करने पर बिलासपुर कमिश्नर ने डिप्टी रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया था। इसके विरोध में रजिस्ट्री अधिकारी-कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया था।

Update: 2024-12-16 04:53 GMT

रायपुर। आदिवासी जमीन की बिना कलेक्टर की अनुमति के रजिस्ट्री करने पर बिलासपुर कमिश्नर ने डिप्टी रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया था। इसके विरोध में रजिस्ट्री अधिकारी-कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया था। संघ का कहना है कि डायवर्टेड लैंड की आड़ में सारे कलेक्टर ये खेला कर रहे हैं तो क्या सभी सस्पेंड होंगे। जाहिर है, कलेक्टरों की इस कृत्य की जांच हो जाए, तो वर्तमान से लेकर पूर्व के सारे कलेक्टर फंस जाएंगे। संघ के इस कड़े रूख के बाद शासन स्तर पर हलचल तेज हो गई थी। संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने एनपीजी को बताया कि शासन स्तर पर आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

बता दें कि सक्ती जिले की जिस जमीन की आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को रजिस्ट्री कर दी गई है। सक्ती के कलेक्टर अमृत तोपनो ने लिखकर दिया था कि डायवर्टेड आदिवासी जमीन की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने उसकी रजिस्ट्री कर दी।

बिलासपुर कमिश्नर महादेव कावड़े के संज्ञान में ये मामला आया। उन्होंने इसकी जांच कराई और प्रारंभिक तौर पर दोषी पाते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार प्रतीक खेमका को निलंबित कर दिया। हालांकि, नियमानुसार कमिश्नर की कार्रवाई सही है। क्योंकि, कलेक्टर की अनुमति के बिना आदिवासी जमीन डायवर्टेड हो या नॉन डायवर्टेड, उसकी रजिस्ट्री हो ही नहीं सकती रजिस्ट्री अधिकारी के निलंबन के विरोध में छत्तीसगढ़ पंजीयन एवं मुद्रांक संघ खड़ा हो गया है। संघ ने कहा है कि पूरे छत्तीसगढ़ के कलेक्टर डायवर्टेड ट्राईबल लैंड को अनुमति देने से पल्ला झाड़ ले रहे हैं। तो क्या उन्हें सस्पेंड किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के कलेक्टरों ने पिछले डेढ़ दशक से हजारों की संख्या में ऐसा खेला किया है।

संघ ने जताया था विरोध

संघ ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि इस मामले में प्रतीक खेमका की गलती सिर्फ इतनी था ,कि उसने कलेक्टर का आदेश का पालन करते हुए रजिस्ट्री किया। एक आदिवासी डायवर्टेड भूमि के रजिस्ट्री के अनुमति के लिए कलेक्टर के पास आवेदन लगाया गया था, कलेक्टर ने यह लिखकर आवेदन खारिज कर दिया कि “डायवर्टेड भूमि के मामले में अनुमति की जरूरत नहीं होती है। डायवर्टेड भूमि के मामले में 165 (6) लागू नहीं होता है.“ उप पंजीयक ने कलेक्टर के आदेश के आधार पर रजिस्ट्री किया।

कमिश्नर ने उप पंजीयक को सस्पेंड कर दिया। जबकि राज्य भर में डायवर्टेड जमीन का बिना कलेक्टर के अनुमति के रजिस्ट्री होता है और ऐसा करने के लिए स्वयं कलेक्टर ही आदेश पारित करते हैं। राज्य भर में अनेक आवेदन डायवर्टेड आदिवासी भूमि की बिक्री के अनुमति के लिए लगते हैं, और कलेक्टर ही लिख कर देते हैं कि इसमें अनुमति की आवश्यकता नहीं है। क्या सरकार इन सभी कलेक्टर को भी सस्पेंड करेगी।

उप पंजीयक द्वारा इस रजिस्ट्री में किसी भी रजिस्ट्री नियम या स्टांप नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। उप पंजीयक ने अपने पदीय कर्तव्यों का विधि पूर्वक निर्वहन किया। आयुक्त बिलासपुर द्वारा उप पंजीयक को निलंबन के पूर्व कोई सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया। छत्तीसगढ़ पंजीयन मुद्रांक संघ संभाग आयुक्त बिलासपुर के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता है। आयुक्त बिलासपुर का यह निलंबन आदेश एक कर्तव्यनिष्ठ शासकीय अधिकारी को हतोत्साहित, प्रताड़ित और भयभीत करने वाला है। कलेक्टर के आदेश का पालन करने पर कमिश्नर ने उप पंजीयक को निलंबित कर दिया, जिसका छत्तीसगढ़ पंजीयन एवं मुद्रांक संघ कड़ी निंदा करता है। संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र श्रीवास ने चेतावनी दी है कि सोमवार से पहले अगर प्रतीक खेमूका का निलंबन आदेश वापस लेने की मांग की है। वरना, संघ सोमवार से विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश एवं कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।

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