CG News: डायबिटीज की इस दवाई पर सरकार ने लगाया बैन, अमानक होने की आशंका पर आदेश जारी
CG:– छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा डायबिटीज की एक दवाई के कांबिनेशन पर बैन लगा दिया गया है। राज्य भर के अस्पतालों से उक्त बैच की दवाइयों को वापस मंगवाया जा रहा है। वही कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ ने इस पर स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगा है।
Raipur रायपुर। सरकार ने डायबिटीज की एक दवाई पर बैन लगा दिया है। उस दवाई की सीरीज और बेचों पर रोक लगाते हुए उक्त बेचों की दवाइयां को हेतु उपयोग पर तत्काल रोक लगाते हुए दवा गोदाम रायपुर में वापस भेजने के निर्देश दिए है।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड ड्रग वेयर हाउस कॉरपोरेशन लिमिटेड के स्टोर ऑफिसर के द्वारा आदेश जारी किया गया है। सभी सीएमएचओ,सिविल सर्जन,बीएमओ, चिकित्सा प्रभारी,हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को जारी आदेश में औषधीय के वितरण पर सुरक्षा की दृष्टि से प्राथमिक रूप से रोक लगाए जाने के निर्देश दिए गए है। जारी आदेश में कहा गया है कि आइटम कोड sp 19127 , आइटम नेम Metformin 500 mg Glimiopride 2 mg sustained Release Tab, Batch no. Mgc–506, मैन्युफैक्चरिंग डेट माह जुलाई वर्ष 24, एक्सपायरी डेट जून 26 पर बैन लगाया गया है।
उक्त उल्लेखित दवाओं, सामग्रियों पर उपयोग के दौरान गुणवत्ता संबंधित कुछ प्राथमिक शिकायतों स्वास्थ्य संस्था/ संस्थाओं द्वारा संज्ञान में लाई गई है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी सामग्रियां होने के कारण सुरक्षात्मक प्रणाली के अंतर्गत व्यापक लोकहित की दृष्टि से इन दवा समाधियों के दर्शित बेचों के उपयोग पर गुणवत्ता परीक्षण/ तकनीकी परीक्षण किए जाने पश्चात प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर आगामी निर्देश के अनुसार उपयोग हेतु नियमानुसार अन्य कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर आपको पृथक से अवगत करवाया जाएगा।
कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ ने लगाया आरोप:
कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वेयरहाउस कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा आदेश जारी करते हुए डायबिटीज के एक ड्रग कॉम्बिनेशन पर रोक लगाई गई है। प्रारंभिक शिकायतों के आधार पर यह रोक लगाई गई है। सरकारी अस्पतालों में लगातार मिलावटी दवाइयां मिल रही है जिससे या स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड दवा माफियाओं के गिरफ्त में है।
स्वास्थ्य मंत्री उन्हें लगातार बचाने में लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम को सुधारने में उनकी कोई रुचि नहीं है। अच्छे इलाज के बावजूद लगातार दवाईयों की गुणवत्ता नीचे जा रही है,जो संदेहास्पद है और इससे प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य मंत्री भी उसमें संलिप्त है, उन्हें नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए।