CG News: CG के इस शहर में अरपा नदी के उद्गम स्थल को संरक्षित रखने शुरू हुई भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

CG News:अरपा नदी को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर डिवीजन बेंच में एकसाथ सुनवाई हो रही है।

Update: 2024-11-14 05:39 GMT

CG News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहरवासियों के अलावा आसपास के सैकड़ों गांव के ग्रामीणों के लिए जीवनदायिनी अरपा नदी के संरक्षण व संवर्धन ना होने के कारण शहर में अरपा नदी का सेहत बेहद खराब है।

 छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में इसे लेकर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। जस्टिस संजय के अग्रवाल व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच को राज्य शासन ने शपथ पत्र पेश करते हुए बताया कि अरपा नदी के उद्गम स्थल को संरक्षित रखने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। जल संसाधन विभाग ने उद्गम स्थल के आसपास जमीन अधिग्रहण के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही के कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्दिशित किया था। इस पर कलेक्टर ने कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। बिलासपुर नगर निगम ने शहर के बड़े नाले व नालियों के गंदे पानी को अरपा नदी में रोकने की उनकी क्या योजना है,निगम के अफसर नहीं बता सके।

जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने जानकारी दी कि जल संसाधन विभाग ने उद्गम स्थल के आसपास जमीन अधिग्रहण के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही के कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्दिशित किया था। इस पर कलेक्टर ने कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। बिलासपुर नगर निगम ने शहर के बड़े नाले व नालियों के गंदे पानी को अरपा नदी में रोकने की उनकी क्या योजना है,निगम के अफसर नहीं बता सके।

एक्सपर्ट कमेटी बनी,सुझाव भी दिया,अमल अब तक नहीं

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश पर अरपा के संरक्षण व संवर्धन के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है। मंथन सभाकक्ष में अफसरों की मौजूदगी में बैठकें भी हुई। बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही के अधिकारियों, विशेषज्ञ और न्याय मित्र शामिल किया गया है। इनकी तरफ से सुझाव भी दिए गए। सुझावों पर अब जाकर अमल होना शुरू हुआ है।

अरपा नदी के उद्गम के करीब जमीन अधिग्रहण और निर्माण कार्यों के लिए 7 करोड़ 88 लाख 47 हजार रुपए की प्रशासकीय और वित्तीय मंजूरी देने की जानकारी राज्य शासन ने बीते सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच को दी थी। यह भी बताया था कि उद्गम स्थल के पास जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया 18 माह में पूरी कर ली जाएगी।

पांच साल से पीआईएल पर हो रही सुनवाई

अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला ने वर्ष 2019 में और गौरला पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रा निवासी राम निवास तिवारी ने वर्ष 2020 में हाई कोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिका दायर की थी। दोनों याचिकाओं में अरपा के उद्म से संगम तक संरक्षण संवर्धन और नाले- नालियों का गंदा पानी आने से रोकने की मांग की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने वर्ष 2020 में एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया था। हाई कोर्ट के सुझाव के बाद 13 मार्च 2020 को राज्य सरकार ने 12 सदस्यीय कमेटी बनाई। बिलासपुर व गौरेला- पेंड्रा मरवाही के कलेक्टर को कमेटी के साथ संयुक्त रूप से बैठक कर अरपा रिवाइवल प्लान बनाने का निर्देश दिया था।

शहर के भीतर अरपा की स्थिति बेहद खराब

शहर के दोनों छोर से 70 से अधिक नाले-नालियों का गंदा पानी बिना ट्रिटमेंट किए सीधे नदी में छोड़ा जाता है। वर्ष 2020 में नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देशभर में नदी, तालाबों में बिना ट्रिटमेंट के गंदे पानी को छोड़े जाने पर भारी भरकम जुर्माना भी ठोंका था। एनजीटी की कड़ाई और कड़े निर्देश के बाद नगर निगम ने तुर्काडीह पुल से दोमुहानी चेक डैम तक 17 किमी के दायरे में 70 नालों के पानी की सफाई के लिए 207 करोड़ का डीपीआर बनाया था। लेकिन अब तक इस पर काम नहीं किया जा सका है।

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