CG GeM Purchase Scam: छत्तीसगढ़ में सरकारी खरीद घोटाला, 1.49 लाख के TV की 10 लाख में खरीदी! मंत्री के क्षेत्र में इतना बड़ा खेला संयोग है या साजिश?

CG GeM Purchase Scam: छत्तीसगढ़ के आदिम जाति कल्याण विभाग में एक अकथित घोटाला उजागर हुआ है। विभाग ने 1.49 लाख रुपए की इंटरेक्टिव डिजिटल टीवी यूनिट को 10 लाख रुपए में खरीदा, और सिर्फ दो कमरों वाली फर्म से 5 यूनिट्स की डील कर दी, जिसके लिए सांसद निधि से ₹50 लाख का भुगतान भी कर दिया गया।

Update: 2025-07-18 11:07 GMT

CG GeM Purchase Scam: छत्तीसगढ़ के आदिम जाति कल्याण विभाग में एक अकथित घोटाला उजागर हुआ है। विभाग ने 1.49 लाख रुपए की इंटरेक्टिव डिजिटल टीवी यूनिट को 10 लाख रुपए में खरीदा, और सिर्फ दो कमरों वाली फर्म से 5 यूनिट्स की डील कर दी, जिसके लिए सांसद निधि से ₹50 लाख का भुगतान भी कर दिया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री सरगुजा संभाग से आते हैं। वह जिस बलरामपुर रामानुजगंज जिले से विधायक निर्वाचित हुए हैं वह जिला पहले अविभाजित सरगुजा जिला का हिस्सा हुआ करता था। उसी संभाग के संभाग मुख्यालय वाले जिले सरगुजा में आदिवासी विकास विभाग के अफसर में इंटरएक्टिव पैनल यानी डिजीटल टीवी खरीदने के नाम पर खेला कर दिया। एक लाख 49 हजार रुपए में आने वाले इंटरएक्टिव पैनल को 10 लख रुपए में खरीदी की गई। दो कमरों से चलने वाले फर्म से ऐसे पांच इंटरएक्टिव पैनल अर्थात डिजीटल टीवी खरीदे गए हैं। जिसके लिए सांसद निधि से मिले 50 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इस मामले में ट्राइबल विभाग के अफसरों ने खरीदी जैम पोर्टल से करने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया है।

महंगे सौदे की हकीकत

जानकारी के अनुसार, बगलामुखी इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म से 86 इंच के 5 डिजिटल इंटरेक्टिव पैनल विथ CPU खरीदे गए थे। यह फर्म कोरिया जिले में सिर्फ दो कमरों से संचालित होती है और पेंटर के बेटे द्वारा चलाई जाती है। मार्केट रेट के अनुसार, एक यूनिट की कीमत ₹1.49 लाख होनी चाहिए थी, लेकिन उसे ₹9.99 लाख में खरीदा गया, जिससे कुल घोटाले की रकम लगभग ₹42.55 लाख बैठती है।

GeM पोर्टल के नाम पर पल्ला झाड़े अधिकारी

ट्राइबल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह खरीदी GeM पोर्टल के जरिए हुई और उन्होंने केवल उत्पाद की क्वालिटी चेक की। लेकिन GeM पोर्टल की खुद की लिस्टिंग में एक यूनिट की कीमत ₹1.45 लाख ही बताई गई है। फर्म का न केवल गलत मोबाइल नंबर, बल्कि ज़रूरी दस्तावेजों की भी अनदेखी कर दी गई और बिना कोई तकनीकी जांच के सप्लाई पास कर दी गई।Full View

कांग्रेस का हमला

कांग्रेस ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया से लेकर विधानसभा तक उछाल दिया है। कांग्रेस के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल से एक व्यंग्यात्मक कार्टून शेयर किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष की तस्वीरों के साथ लिखा गया—"आओ ......, तुम्हें 50 लाख की स्क्रीन से इंटरेक्ट करवाता हूं!

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अधिकारियों का बयान

ललित शुक्ला (ट्राइबल विभाग अधिकारी) ने मीडिया से बातचीत में कहा “विभाग ने केवल क्वालिटी की जांच की थी, खरीदी में हमारा कोई रोल नहीं था। GeM पोर्टल से प्रक्रिया हुई और हमनें केवल स्कूलों में लगवाया।

घोटाले की गणित:

आइटम कीमत (प्रति यूनिट):  खरीदी गई कीमत (प्रति यूनिट):  कुल यूनिट्स अनुमानित नुकसान

86" इंटरएक्टिव पैनल विथ CPU: ₹1,49,000 ₹9,99,500 - 5 - ₹42,55,000

सिस्टम से सवाल?

  • GeM पोर्टल जैसी पारदर्शी प्रणाली में इतनी अनियमितता कैसे?
  • बिना Proper Document और Contact Verification के ठेका कैसे मिला?
  • मंत्री के क्षेत्र में इतना बड़ा खेला क्या संयोग है या साजिश?
  • क्या यह सिर्फ लापरवाही है या कोई सुनियोजित भ्रष्टाचार?
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