CG Mantralaya: मंत्रालय में मंत्रियों के लिए कमरा 12, संख्या हो गई 13, जुगाड़ू व्यवस्था के लिए जीएडी ने उपर से मांगा मार्गदर्शन....
CG Mantralaya: छत्तीसगढ़ में तीन नए मंत्रियों ने आज शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही सूबे में मंत्रियों की संख्या 13 हो गई है। मंत्रालय के मिनिस्ट्रियल ब्लॉक में 12 ही कमरे हैं। ऐसे में, जीएडी के अधिकारियों के हाथ-पांव फुल रहे कि छोटा कमरा देने पर कोई मंत्री प्रतिष्ठा का प्रश्न न बना लें। वो तो गनीमत है कि सरकार फिलवक्त संसदीय सचिवों की नियुक्ति नहीं करने का फैसला किया है। वरना, बवाल मच जाता। मंत्री ब्लॉक में संसदीय सचिवों के कमरों में अब सिकरेट्री बैठ रहे हैं। बहरहाल, जीएडी ने मंत्रियों के कमरे के लिए उपर से अनुमति मांगा है।
Mantralaya Chhattisgarh Raipur
CG Mantralaya: रायपुर। चूकि विधानसभा में सदस्यों की संख्या को देखते यह तय था कि छत्तीसगढ़ में 15 परसेंट के हिसाब से 12 से अधिक मंत्री नहीं होंगे, इसलिए महानदी भवन मंत्रालय में मंत्री स्तर के 12 ही कमरे बनवाए गए। उस समय किसी ने सोचा नहीं होगा कि हरियाणा में 13 मंत्री हो जाएंगे, उसके बाद छत्तीसगढ़ में भी मंत्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। छत्तीसगढ़ में अब 13 मंत्री बन गए हैं। हालांकि, कल तक मंत्रियों की शपथ और उनकी संख्या को लेकर उहापोह की स्थिति रही। मगर जैसे ही यह खबर पुष्ट हुई कि तीन मंत्री शपथ ले रहे हैं, सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी उलझन में पड़ गए।
दरअसल, महानदी भवन के मंत्री ब्लॉक में पांच फ्लोर है। पांचवे फ्लोर में मुख्यमंत्री बैठते हैं और उनके सचिवालय के अधिकारियों का चेम्बर है। उसके नीचे के चार फ्लोर मंत्रियों और उनके स्टाफ के लिए है। एक फ्लोर में तीन मंत्री के चेम्बर हैं। इस हिसाब से मिनिस्टर पुल में 12 कमरे हुए। मगर अब मंत्री हो गए 13। इस समय 10 मंत्री हैं, सो अभी दिक्कत नहीं थी। अब एकाएक तीन मंत्री बढ़ गए। और मंत्री लेवल के कमरे बचे हैं दो ही।
एक कमरे का जुगाड़
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीन में से दो मंत्रियों के लिए कमरा है, तीसरे के लिए नहीं। अफसरों को डर है कि तीसरे मंत्री के लिए कमरे की व्यवस्था कहां से करें। संसदीय सचिवों वाले कमरों में सचिव बैठ रहे हैं। जीएडी ने दो छोटे कमरों को जोड़कर एक मंत्री के लिए वैकल्पिक इंतजाम किया है। मगर दो कमरों को जोड़ने के बाद भी कमरा वैसा नहीं बन पा रहा, जैसे मंत्री पुल के 12 कमरे हैं। जीएडी के अधिकारियों ने इसके लिए उपर से मार्गदर्शन मांगा है कि किस मंत्री को छोटा कमरा दिया जाए। अफसरों को डर लग रहा कि छोटे कमरे से कहीं कोई मंत्री नाराज न हो जाए।
सचिवों के लिए टोटा
नए मंत्रालय का ड्राइंग-डिजाइन जब बना तब प्रमुख सचिव पी0 जॉय उम्मेन आवास पर्यावरण विभाग के हेड थे। उन्होंने सोचा कि मंत्री 12 से अधिक होंगे नहीं, इसलिए मंत्री ब्लॉक में 12 ही कमरे बनवाए। इसी तरह सचिवों का आंकलन करने में भी चूक हुई। उस समय दो-दो, तीन-तीन का आईएएस का बैच आता था। मुश्किल से 12-15 सचिव होते थे। मगर अब सचिवों की संख्या बढ़कर 50 से उपर पहुंच गई है। ऐसे में सचिवों के बैठने के लिए कमरे ही नहीं है। उन्हें संसदीय सचिवों के कमरों में बिठाया जा रहा है। सचिवों और मंत्रियों के कमरों की साइज भी काफी लंबी-चौड़ी कर दी गई। अगर साइज कम की गई होती तो फिर और कमरे निकल गए होते। हालांकि, नया रायपुर में जगह की कमी थी नहीं। अलबत्ता, सरकार अब मंत्रालय बिल्डिंग के एक्सपेंशन पर विचार कर रही है।