CG Liquor News: शराब पर विष्णुदेव का मास्टर स्ट्रोक, कैबिनेट ने बिचौलिये का सिंडिकेट किया खतम, शराब अब मिलेगी सस्ती और क्वालिटीयुक्त

CG Liquor News: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव कैबिनेट ने आज साहसिक फैसला लेते हुए विदेशी शराब की थोक खरीदी की लायसेंसी व्यवस्था समाप्त कर दी। लायसेंसी सिस्टम खतम करने से खटराल बिचौलिये हर महीने 100 करोड़ से अधिक की राशि अंदर कर रहे थे, वह अब बंद हो जाएगी। पिछली सरकार ब्रेवरेज का रोल खतम करके सीधे निर्माताओं से खरीदी करने की बजाए बिचौलिये से शराब खरीद रही थी। हालांकि, सरकार के इस कदम से बीजेपी के कुछ नेताओं को भी झटका लगेगा। क्योंकि, पिछले छह महीने से यही सिस्टम लागू था।

Update: 2024-06-19 16:08 GMT

CG Liquor News रायपुर। शराब के कारोबार को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए आज विष्णु देव साय की सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। आज आयोजित कैबिनेट की बैठक में विदेशी शराब की थोक खरीदी के लिए लायसेंसी-व्यवस्था को समाप्त करते हुए शराब निर्माताओं से सीधे शराब की खरीदी करने का निर्णय लिया गया है, इसके लिए छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को जिम्मेदारी दी गई है।

राज्य की विष्णु देव साय सरकार ने सत्ता में आते ही पिछली सरकार पर लगे व्यापक भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों की जांच शुरू कर दी थी, साथ ही सभी क्षेत्रों में पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने का वादा राज्य के नागरिकों से किया था। पिछली सरकार पर जिन घोटालों के गंभीर आरोप लगे थे, उनमें शराब घोटाला प्रमुख था। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई आबकारी नीति में संशोधन कर एफएल-10 लायसेंस का नियम बनाया और अपने चहेते फर्मों को सप्लाई का जिम्मा दे दिया। इससे राज्य में जहां अवैध शराब, नकली शराब की बिक्री धड़ल्ले से होने लगी वहीं नकली होलो ग्राम चिपकाकर बोतलों की स्कैनिंग किए बिना घटिया शराब बेची गई। इससे राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ और शराब उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को भी गंभीर क्षति हुई।

राज्य में शराब कारोबार में मनमानी पर अंकुश लगाने के क्रम में भारतीय जनता पार्टी की विष्णु देव साय सरकार ने हाल ही में शराब कांउटरों पर यूपीआई के माध्यम से भुगतान सुविधा शुरू की है, ताकि शराब की मनमानी कीमत पर बिक्री पर रोक लगाई जा सके और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपभोक्ताओं को मिल सके। इसके बाद आज कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय से विदेशी शराब की खरीदी के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की पुरानी व्यवस्था को फिर से स्थापित कर दिया गया है। इसके मुताबिक विदेशी शराब की खरीदी सरकार एजेंसी द्वारा की जाएगी और उसी की आपूर्ति शराब कांउटरों पर की जाएगी। इससे जहां उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिलना सुनिश्चित होगा, वहीं वे अपनी पसंद के ब्रांड के उत्पाद हासिल कर सकेंगे।

...इसलिए साहसिक फैसला

शराब किसी भी सरकार के राजस्व का बड़ा स्त्रोत होता है। सरकार के साथ सत्ताधारी पार्टी को शराब से बड़े स्तर पर चंदा जाता है। बिचौलिये के सिंडिकेट से हर महीने 100 करोड़ से अधिक वारा-न्यारा किया जा रहा था। बीजेपी सरकार में आई, इसके बाद भी पिछले छह महीने से यह सिस्टम चल रहा था। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी भी सवाल उठा चुकी थी। मगर सीएम विष्णुदेव साय ने एक झटके में लायसेंसी सिस्टम को खतम कर दिया। आज कैबिनेट में जब यह विषय आया तो किसी भी मंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी और न ही अंदेशा था कि ऐसा कुछ हो सकता है। चूकि आबकारी विभाग मुख्यमंत्री के पास है, इसलिए उन्होंने कैबिनेट में रखवाया और इस पर मुहर लग गया। जाहिर तौर पर इससे सीएम विष्णुदेव का कद बड़ा हुआ है। इस फैसले से बीजेपी का एक तबका भी खुश नहीं होगा। मगर करप्शन पर यह सरकार की बड़ी मार है। 

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