CG Land Guideline Controversy : जमीन गाइडलाइन पर सरकार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल की खुली चुनौती, जानें क्या कहां
CG Land Guideline Controversy : छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर चल रहे प्रदेशव्यापी विरोध के बाद राज्य सरकार द्वारा संशोधित गाइडलाइन जारी किए जाने पर सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन बदलावों को नाकाफी बताते हुए सरकार पर तीखा निशाना साधा है।
CG Land Guideline Controversy : जमीन गाइडलाइन पर सरकार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल की खुली चुनौती, जानें क्या कहां
CG Land Guideline Controversy : रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर चल रहे प्रदेशव्यापी विरोध के बाद राज्य सरकार द्वारा संशोधित गाइडलाइन जारी किए जाने पर सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन बदलावों को नाकाफी बताते हुए सरकार पर तीखा निशाना साधा है।
CG Land Guideline Controversy : बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करते हुए कहा है, गाइडलाइन दरों में अभी सुधार कहाँ हुआ? यह सुधार सतही है और जनता को बहुत कम राहत देने वाला है। दरअसल, अभी गाइडलाइन की दरों में सुधार नहीं हुआ है, बस एक जबरदस्ती थोपे गए नियम को वापस लिया गया है। थोड़े बहुत और परिवर्तन हुए हैं, वे बहुत असरकारी नहीं हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे चेतावनी देते हुए कहा, जब तक अनाप-शनाप बढ़ाई गई गाइडलाइन दरों को नहीं सुधारा जाएगा, काम नहीं बनेगा। जनता पर प्रॉपर्टी टैक्स का जो बोझ आने वाला है, वह तो अभी बरकरार दिखता है। सरकार को और संशोधन करना पड़ेगा और वह मजबूर होकर करेगी, लिखकर रखिए।"
सरकार ने क्या संशोधन किए?
पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया उन महत्वपूर्ण बदलावों पर आई है, जिन्हें केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। ये प्रमुख संशोधन निम्नलिखित हैं:
मूल्यांकन प्रणाली में सरलता: नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए इंक्रीमेंटल आधार पर गणना करने की पुरानी प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है। अब नगर निगम में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक के भूखंडों का मूल्यांकन स्लैब दर से होगा।
फ्लैट का मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया पर: बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान और कार्यालय के लिए बाजार मूल्य की गणना अब सुपर बिल्ट-अप एरिया के बजाय बिल्ट-अप एरिया के आधार पर की जाएगी। यह परिवर्तन लंबे समय से लंबित था।
रियायती मूल्यांकन: बहुमंजिला भवनों और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए मूल्यांकन में छूट दी गई है। बेसमेंट और प्रथम तल पर 10% तथा द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20% की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा।
आगे के लिए निर्देश
हालांकि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इससे पहले रविवार को संकेत दिए थे कि विभाग में मंथन जारी है और जरूरत पड़ने पर सरकार पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।
इसी क्रम में, केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने सभी जिला मूल्यांकन समितियों को निर्देश दिया है कि हालिया दर वृद्धि के बाद प्राप्त आपत्तियों, ज्ञापनों और सुझावों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक पुनरीक्षण प्रस्ताव भेजें, जिसके आधार पर बोर्ड आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा।