CG GAD: GAD का आदेश: दस्तावेजों की पूरी पड़ताल के बाद ही जारी करें नियुक्ति आदेश, फर्जीवाड़ा रोकने और अदालती झंझटों से बचने सामान्य प्रशासन विभाग ने बरती सख्ती
CG GAD: सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में दो टूक कहा है, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, व्यवसायिक परीक्षा मण्डल एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं की चयन सूची के बाद सफल अभ्यर्थियों के संपूर्ण दस्तावेजों की अपने स्तर पर पूरी पड़ताल के बाद ही नियुक्ति आदेश जारी करे। निर्देशों का गंभीरता के साथ पालन करने की हिदायत दी गई है।
GAD KA Aadesh: रायपुर। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में दो टूक कहा है,छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, व्यवसायिक परीक्षा मण्डल एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं की चयन सूची के बाद सफल अभ्यर्थियों के संपूर्ण दस्तावेजों की अपने स्तर पर पूरी पड़ताल के बाद ही नियुक्ति आदेश जारी करे। निर्देशों का गंभीरता के साथ पालन करने की हिदायत दी गई है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने आदेश में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में सभी विभागों के लिये छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, व्यवसायिक परीक्षा मण्डल एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षा का चयन सूची जारी के बाद दस्तावेजों का गहनता के साथ जांच पड़ताल करें उसके बाद ही नियुक्ति आदेश जारी करे।
पत्र में लिखा है कि राज्य शासन के ध्यान में यह तथ्य आया है कि कई विभागों द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, व्यवसायिक परीक्षा मण्डल एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षा का चयन सूची जारी उपरांत बिना पुलिस चरित्र सत्यापन तथा समस्त प्रमाण पत्रों का पूर्ण परीक्षण किये बिना नियुक्ति आदेश जारी किये जाते हैं, जिसके कारण नियुक्त अधिकारियों के विरूद्ध फर्जी जाति, दिव्यांग प्रमाण पत्र आदि के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हो रहें है तथा न्यायालयीन प्रकरण निर्मित हो रहे है।
प्रायः कई विभागों द्वारा कुछ दस्तावेजों के अभाव में शपथ पत्र (Undertaking ) लेकर नियुक्ति आदेश जारी किये जाते हैं, जो प्रशासनिक दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है। लिहाजा छत्तीसगढ़ राज्य में सभी विभागों के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, व्यवसायिक परीक्षा मण्डल एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों का नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व प्रशासकीय विभाग चयनित अभ्यार्थियों के समस्त आवश्यक मूल दस्तावेजों, प्रमाण पत्रों की पूर्ण जांच, सत्यापन करने के उपरांत ही नियुक्ति आदेश जारी किया जावे। उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई है।
अदालती उलझनों से भी होगा बचाव
आमतौर पर यह देखने में आता है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद जारी की जाने वाले चयन सूची और अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग के बाद मामला हाई कोर्ट पहुंच जाता है। जाति प्रमाण पत्र से लेकर फर्जी दस्तावेज पेश करने की शिकायतों का मामला सामने आता है। हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद विभागीय अफसर अदालती उलझनों में उलझ जाते हैं। नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले दस्तावेजों की गहनता के साथ पड़ताल कर लेंगे तो इस तरह के उलझनों से बचा जा सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग की सख्ती के पीछे इसे भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है।