CG Employee News: कर्मचारी नाराज: DA, 65 साल रिटायरमेंट उम्र करने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर फेडरेशन ने दिया आंदोलन की चेतावनी

CG Employee News: सरकार के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी मोदी की गारंटी का लाभ शासकीय सेवकों को नहीं मिला-फेडरेशन। विकसित राज्य बनाने में कर्मचारियों के योगदान को देखते हुए,रजत जयंती वर्ष में सरकार को कर्मचारी हित में ऐतिहासिक घोषणा की उम्मीद

Update: 2025-11-03 06:59 GMT

CG Employees News: रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर असंतोष है। महंगाई भत्ते और 65 साल रिटायरमेंट की उम्र करने समेत अन्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन लंबे समय से सरकार से अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन अब तक सरकार द्वारा इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जिससे नाराज छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि रजत जयंती के अवसर पर उनकी मांगों को लेकर सरकार कोई फैसला नहीं लेती है तो आंदोलन तेज किया जायेगा। 

आंदोलन की चेतावनी

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने कहा है, "कि सरकार के साथ हुई चर्चाओं के बावजूद अब तक किसी ठोस समाधान पर सहमति नहीं बना है। जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराज़गी व्याप्त है। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा,बी पी शर्मा,सचिव राजेश चटर्जी,प्रवक्ता द्वय जी आर चंद्रा,चंद्रशेखर तिवारी, रोहित तिवारी, संजय सिंह ठाकुर, अरुण तिवारी, मनीष मिश्रा एवं केदार जैन ने कहा कि जब राज्य विकास के नए आयाम गढ़ रहा है, तब कर्मचारियों को बुनियादी हक़ के लिए आंदोलन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेशभर के कर्मचारी,शिक्षक और पेंशनभोगी लगातार कर्मचारी-विरोधी निर्णयों से आहत हैं तथा फेडरेशन से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का मांग कर रहे हैं।

फेडरेशन ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस पहल की जाए तथा 11 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए। सरकार रजत जयंती के अवसर पर 11 सूत्रीय मांगों को लेकर शीघ्र निर्णय नहीं लेती तो संगठन को आंदोलन को और तेज करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

 22 अगस्त को हुआ था काम बंद

फेडरेशन द्वारा घोषित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की जमीन तैयार हो चुकी है। फेडरेशन के आह्वान पर 22 अगस्त को काम बंद, कलम बंद आंदोलन को प्रदेशभर में व्यापक समर्थन मिला है। फेडरेशन के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ विस्तार से चर्चा होने के बाद भी सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार बनने के पूर्व फेडरेशन के विभिन्न आंदोलनों में भाजपा के हर बड़े नेता शामिल होकर समर्थन दिए थे। मोदी की गारंटी के तहत कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन करने के लिए दो वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी सरकार निराकरण करने पहल नहीं की जा रही है।

कर्मचारियों को किया जा रहा परेशान

प्रदेशभर के कर्मचारियों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। प्रदेश के शासकीय सेवकों को शासन स्तर पर बैठे कुछ अधिकारियों द्वारा सिर्फ वाहवाही के लिए योजनाबद्ध तरीके से नए-नए टेक्नोलॉजी लागू कर परेशान किया जा रहा है। जिसके कारण प्रदेश के कर्मचारियों में भय और खौफ का माहौल बना हुआ है। इन अधिकारियों को सीएम और सीएस को यह अवगत कराना चाहिए कि विभागीय सेटअप अनुसार कितने पद स्वीकृत हैं और कितने पद रिक्त है? फेडरेशन ने दावा किया है कि विभागों में अधिकतर पद रिक्त होने के कारण शासकीय सेवकों को देर रात तक काम करना पड़ रहा है। शासकीय सेवकों के ऊपर मानसिक दबाव के चलते अधिकतर कर्मचारी-अधिकारी कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है।

क्या है फेडरेशन की प्रमुख मांग

1. केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।

2. DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।

3. सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।

4. लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।

5. प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।

6. सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए।नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।

7. अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।

8. प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।

9. अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।

10. दैनिक,अनियमित,संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।

11. सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे

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