CBI Raid in Bilaspur: PSC घोटाला मामले में कांग्रेस नेता के घर सीबीआई का छापा, बेटे को बनाया था डिप्टी डायरेक्टर

CBI Raid in Bilaspur: पीएससी भर्ती घोटाले मामले में आज सीबीआई की टीम ने बिलासपुर में कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के निवास पर छापा मारा है। राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का CBI Raid in Bilaspur: PSC घोटाला मामले में कांग्रेस नेता के घर सीबीआई का छापा, बेटे को बनाया था असिस्टेंट डायरेक्टर के पद के पर चयन हुआ है।

Update: 2024-08-07 04:30 GMT
CBI Raid in Bilaspur: PSC घोटाला मामले में कांग्रेस नेता के घर सीबीआई का छापा, बेटे को बनाया था डिप्टी डायरेक्टर

CBI Raid in Bilaspur

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CBI Raid in Bilaspur: बिलासपुर। पीएससी घोटाले में सीबीआई ने आज यानी बुधवार को छत्तीसगढ़ में छापा मारा है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सीबीआई की टीम पहुंची है। कांग्रेस नेता और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके राजेंद्र शुक्ल के यहां छापा मारा गया है। राजेंद्र शुक्ला के बेटे का चयन भी असिस्टेंट डायरेक्टर ट्राइबल  पद पर हुआ था।

आज कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ल के निवास पर सीबीआई की टीम ने छापा मारा है। एक महिला और 7 पुरुष अधिकारियों के साथ सीबीआई की टीम बिलासपुर पहुंची। सीबीआई की आठ सदस्यीय टीम सबसे पहले यदुनन्दनगर स्थित राजेन्द्र शुक्ला के पुराने मकान पहुंची। इसके बाद तिफरा परसदा स्थित उनके नए घर पहुंची। सुबह करीब 6 बजे अधिकारियों ने दरवाजे पर दस्तक दिया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि राजेन्द्र शुक्ला दो दिन से घर से बाहर है। फ़िलहाल घर के सदस्यों स पूछताछ जारी है।

दरअसल, सीबीआई ने पीएससी घोटाला मामले में छापा मारा है। 2018 में राजेंद्र शुक्ला कांग्रेस की टिकट पर बिल्हा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ल के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का  आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर चयन हुआ था। जिसकी जांच के लिए सीबीआई की टीम दबिश दी. सीबीआई ने पीएससी घोटाले के मामले में प्रदेश में यह पहला छापा मारा है।

बता दें, पीएससी 2022-23 को लेकर लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा था। सीबीआई की टीम जिसकी जांच में जुटी है। कांग्रेस की सरकार में पीएससी घोटाले की जमकर गूंज हुई थी। कांग्रेस नेताओ, पीएससी अध्यक्ष समेत कुछ अधिकारियों के बच्चों को बड़े पदों पर सिलेक्शन के मामले में हाईकोर्ट तक में याचिका लगी थी। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने याचिका दायर की थी जिसमें पीएससी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थें। भाजपा की सरकार आने पर पीएससी के दोषियों को नहीं छोड़ने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर की सभा में कही थी। भाजपा की सरकार आने पर पीएससी मामले में सीबीआई जांच की घोषणा की गई थी। अब बिलासपुर में ही सीबीआई की टीम पहुंची है।

इनकी नियुक्ति को हाइकोर्ट में दी थी चुनौती

नितेश, डिप्टी कलेक्टर, पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी का पुत्र, सरनेम छिपाया गया

साहिल, डीएसपी, पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई का पुत्र, सरनेम छिपाया गया

निशा कोशले, डिप्टी कलेक्टर, पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह के पुत्र नितेश की पत्नी

दीपा अजगले/आडिल जिला आबकारी अधिकारी, पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के भाई की बहू

सुनीता जोशी, लेबर आफिसर, पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी की बहन की पुत्री

सुमित ध्रुव, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्र

नेहा खलखो, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्री

निखिल खलखो, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्र

साक्षी ध्रुव, डिप्टी कलेक्टर, बस्तर नक्सल आपरेशन के डीआइजी ध्रुव की पुत्री

प्रज्ञा नायक, डिप्टी कलेक्टर कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार क पुत्री

प्रखर नायक, डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार का पुत्र

अन्यया अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता की पुत्री

शशांक गोयल, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का दामाद

भूमिका कटियार, डिप्टी कलेक्क्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की पुत्री।

खुशबू बिजौरा, डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की पुत्री।

स्वर्णिम शुक्ला, असिस्टेंट डायरेक्टर, ट्राइबल, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की पुत्र

राजेंद्र कुमार कौशिक, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता का पुत्र

मिनीक्षी गनवीर, डिप्टी कलेक्टर, गनवीर की पुत्री जो कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के साथ रहती हैं।

चीफ जस्टिस ने तब पूछा था, ऐसे कैसे हो सकता है

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने गहरी नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस ने पैरवी कर रहे वकील से पूछा है कि एक ही अधिकारी के चार-पांच रिश्तेदारों का कैसे चयन हो सकता है।


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