BJP Chintan Shivir: चिंतन शिविर में संघ की पाठशाला, बीजेपी नेताओं को भ्रष्ट आचरण से दूर रहने की दी गई हिदायत

छत्तीसगढ़ के मैनपाट में भाजपा का चिंतन शिविर जारी है इस शिविर को चिंतन शिविर कहें या फिर प्रशिक्षण शिविर इसका शेड्यूल पूरी तरह टाइट था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS की शिविर में जैसा शेड्यूल तय किया जाता है। उसी का स्वरुप बीजेपी के चिंतन शिविर में भी नजर आया। सुबह संघ की शाखा में विधायक व सांसद हाजिरी लगा रहे थे। संघ की शाखा में राष्ट्रहित की बातें, कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बैठाने के गुर सहित उन तमाम बातों को संघ के प्रशिक्षित शिक्षक सीखा रहे हैं जिनकी हर एक कदम पर जरुरत होती है। खासकर राजनीति और सामाजिक जीवन में रहने वालों के लिए संघ का सबक कितना कारगार होगा यह तो आने वाले दिनों में समझ में आएगा।

Update: 2025-07-09 05:36 GMT

BJP Chintan Shivir

BJP Chintan Shivir: रायपुर। मैनपाट में भाजपा के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में जो बातें सामने नहीं आई वह है संघ की पाठशाला। शिविर स्थल में पूरे दिन शाखा भी लगी। संघ की पाठशाला में सांसद व विधायकों की मौजूदगी को अनिवार्य किया गया था। दिनचर्या का यह अहम हिस्सा था। सांसद व विधायकों की सुबह की शुरुआत संघ की पाठशाला से ही हुआ करती थी। शिविर स्थल पर संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक शाखा लगाते थे। शाखा में विधायकों व सांसद मौजूद रहते थे फिर बौद्धिक स्तर को लेकर चर्चा की गई।अंतरराष्ट्रीय और प्रादेशिक मुद्दे जिससे आम आदमी सीधेतौर पर प्रभावित होते हैं उन विषयों पर गहन चर्चा हुई। आाचार विचार और बेहतर आचरण पर भी जोर दिया गया।

राजनीतिक प्रशिक्षण से इतर संघ के प्रमुख रणनीतिकारों और विषय विशेषज्ञ पूरे तीन संघ की पाठशाला में सांसदों व विधायकों को सबक सीखाते रहे। पाठशाला में उन विषयों और मुद्दों को प्रभावी ढंग से रखा जा रहा था,जिससे आम आदमी सीधेतौर प्रभावित होते हैं। जो बातें संघ के रणनीतिकार सीखा और समझा रहे थे,उस पर आगे अमल करने और इन बातों की मानिटरिंग की समझाइश भी दे रहे थे। संघ के रणनीतिकार साफ सुथरी राजनीति करने, लोगों के बीच संपर्क और समन्वय बनाए रखने के अलावा सद्व्यवहार करने की बार-बार हिदायत भी दे रहे थे। रणनीतिकारों के संदेश और दी जाने वाली हिदायत से साफ है कि आने वाले दिनों में दिल्ली कुछ इसी तरह का व्यवहार जनप्रतिनिधियों खासकर सांसदों व विधायकों से करने और रखने की उम्मीद कर रहा है। यही कारण है कि प्रशिक्षण शिविर के दौरान संघ की पाठशाला का खास और महत्वपूर्ण मायने है।

संघ की भाषा बोलते रहे दिग्गज भाजपाई-

संघ और दिग्गजों की पाठशाला की समानता क्या रही। इस बात पर चर्चा करें तो दिग्गज भाजपाई भी संघ की भाषा ही बोलते रहे। यह तो हाेना ही था, दिग्गजों की पृष्ठभूमि पर गौर करें तो संघ की पाठशाला से पढ़कर और निखरकर ही राष्ट्रीय राजनीति में अपना स्थान बनाया है। जाहिर सी बात है कि उनकी बातों और हिदायतों में वही कुछ नजर आया जो संघ की पाठशाला में सांसदों व विधायकों ने पढ़ी।

भ्रष्ट आचरण से दूर रहने की हिदायत-

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री से लेकर केंद्रीय संगठन पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के सांसदों व विधायकों को साफतौर पर भ्रष्टाचार से दूर रहने और अच्छा आचरण करते हुए राजनीति करने की हिदायत दी। कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर सामंजस्य बनाने की सीख दी।

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