Bilaspur News: हेड कांस्टेबल ने लगाई फांसी, घटना से पहले डीएसपी से विवाद! पुलिस जांच में जुटी...
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हेड़ कांस्टेबल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रधान आरक्षक का शव घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ में फंदे से लटका मिला। मृतक हेड़ कांस्टेबल का नाम लखन मेश्राम था और सरकंडा थाने में पदस्थ थे। वे गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के निवासी थे। बताया जा रहा है कि थाने के काम के चलते वो काफी परेशान थे। कुछ दिनों पहले ही सरकंडा थाने के मालखाने की जवाबदारी उन्हें मिली थी।
दरअसल, हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम 55 वर्ष गुरूवार को थाने से काम कर घर लौटे थे। रात में जब सभी सो गये थे, इसी दौरान लखन मेश्राम उठे और कहीं चले गये। रात में जब परिजनों की नींद खुली तो देखा कि वो अपने बिस्तर में नहीं। इसके बाद थाने में काॅल किया गया। लेकिन वहां भी वो नहीं थे। इधर पुलिस को सूचना मिलते सुबह हेड कांस्टेबल के घर पहुंची और उसकी तलाश शुरू की गई।
तलाशी के दौरान शुक्रवार की सुबह उनका शव घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ से लटका मिला। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि लखन मेश्राम को जब से मालखाने की जवाबदारी मिली थी, तब से ही उन पर काम को लेकर काफी दबाव था। उन्हें कभी भी फोन कर थाने बुलाया जाता था। आरोप लगाया जा रहा है कि घटना से एक दिन पहले ही सरकंडा थाने के टीआई (प्रशिक्षु डीएसपी) ने जब्त माल को कोर्ट में जमा करने के नाम पर लखन मेश्राम को जमकर फटकार लगाई थी।
बताया ये भी जा रहा है कि मेश्राम ने मालखाने का जार्च कुछ दिनों पहले ही लिया था। जिस वजह से उन्हें मालखाने में रखे सामान की जानकारी अच्छे से नहीं थी। इसी वजह से उन्होंने कुछ समय बाद जमा करने की बात डीएसपी से कही थी। इसी बात को लेकर थाना प्रभारी (प्रशिक्षु डीएसपी) ने फटकार लगाई थी। जिसके बाद से हेड काॅंस्टेबल काफी परेशान रहने लगे थे। वहीं, इस घटना के बाद साथी पुलिसकर्मियों में दुख का माहौल है। बताया जा रहा है कि लखन मेश्राम बहुत ही शांत और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है।