Bilaspur Highcourt News: सात नदियों के लिए राज्य सरकार ने बनाई कमेटी: हाईकोर्ट ने नदियों के उद्गम स्थल को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का दिया आदेश
Bilaspur Highcourt News: हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में प्रदेश की नदियों के संरक्षण,अवैध उत्खनन शाहिद अन्य मुद्दों पर सुनवाई हुई। इस दौरान शासन की ओर से प्रस्तुत जवाब में बताया गया है कि अरपा सहित सात नदियों के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। साथ ही 19 नदियों के संरक्षण के लिए भी काम किया जाएगा। हाई कोर्ट ने सभी नदियों के उद्गम स्थल को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का आदेश दिया है।
Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की नदियों के सूखते उद्गम स्थलों की खोज और उनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार अब विशेष कमेटी गठित करेगी। हाईकोर्ट ने अरपा नदी सहित प्रदेश की सभी नदियों और उनके उद्गम स्थलों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने का आदेश दिया है। अभी तक अधिकांश नदियों और उनके स्रोतों को रिकार्ड में सिर्फ 'नाला' दर्ज किया गया है। अरपा नदी सहित प्रदेश की अन्य नदियों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा था। शासन ने अपने जवाब में बताया है की नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार ने कमेटी बनाई है। जिस जिले में उद्गम स्थल होगा वहां के कलेक्टर इसके अध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही खनिज,वन और जिला पंचायत के अधिकारी कमेटी के सदस्य रहेंगे।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने 2018 में गठित भागवत कमेटी की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि नदियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को तय की है। अदालत ने स्पष्ट किया कि नदियों के उद्गम स्थलों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करना जरूरी है ताकि भविष्य में इनका संरक्षण और संवर्धन प्रभावी ढंग से किया जा सके।
सरकार ने दिया यह जवाब
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि महानदी, हसदेव, तांदूला, पैरी, केलो और मांड नदियों के लिए पहले ही कमेटी बनाई जा चुकी है। साथ ही 9 प्रमुख नदियों के रिवाइवल और अरपा नदी में सालभर पानी बनाए रखने की योजना पर भी कार्य जारी है।
अरपा नदी में नाले का जा रहा पानी, कोर्ट ने मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने नगर निगम बिलासपुर से अरपा नदी में नालों का गंदा पानी रोकने और एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की प्रगति को लेकर नया शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए। अदालत ने पूछा कि नालों का गंदा पानी नदी में जाने से रोकने की नगर निगम की कार्ययोजना कहां तक पहुंची है।
जिला स्तरीय कमेटी का गठन
राज्य सरकार द्वारा बनाई जाने वाली जिला स्तरीय कमेटी में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे। सदस्यों में जिला राजस्व अधिकारी, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता, अतिरिक्त कलेक्टर, जिला खनिज अधिकारी, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारी और नगर निगम आयुक्त या नगरपालिका सीईओ शामिल रहेंगे। जल संसाधन विभाग के अवर सचिव ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है।