Bilaspur High Court: सिम्स-यहां कुछ भी सहीं नहीं, कलेक्टर के जवाब पर सीजे ने कुछ ऐसा कहा...MBBS की 50 सीटें कम हो गई...

सिम्स का दिन ठीक नहीं चल रहा है। पहले एनएमसी ने एमबीबीएस की 50 सीटें रद कर दी। संकट से उबर भी नहीं पाए हैं कि अव्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नाराजगी जताते हुए कलेक्टर अवनीश शरणको खुद होकर व्यवस्था संभालने का निर्देश दिया है।

Update: 2024-08-13 10:38 GMT

Bilaspur High Court बिलासपुर। सिम्स की बदहाली को लेकर मीडिया में प्रसारित खबर को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वत:संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिया था। सीजे के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय ने इसे पीआईएल के रूप में रजिस्टर्ड कर सुनवाई के लिए लिस्टिंग की है। पूर्व में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर को शपथ पत्र के साथ जानकारी देने कहा था कि सिम्स में अव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए क्या किया जा रहा है। सारे काम कब तक पूरा हो जाएंगे।

स्वतः संज्ञान याचिका पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कलेक्टर को व्यवस्था दुरुस्त करने किये जा रहे कामों की जानकारी लेने के बाद शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित की गई है। सोमवार को डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। कलेक्टर ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर बताया कि, शासन द्वारा सिम्स की व्यवस्था को सुधारने के सारे उपाय किये जा रहे हैं। इसके बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि अस्पताल में सीपेज की समस्या है और ड्रेनेज सिस्टम खराब पड़ा हुआ है, उसे तत्काल ठीक करने की जरूरत है, इसके लिये जरूरी कार्रवाई की जाये।

सिम्स के डीन के पास 95 लाख का फंड

चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सीजी एमएससी के अधिवक्ता ने जवाब पेश करते हुए यह भी बताया कि सिम्स मेडिकल कालेज के डीन के पास 95 लाख का फंड है। दवा खरीदी और अन्य जरूरतों के लिए इस राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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