Bilaspur High Court News: मंदिर में रात को बजा लाउडस्पीक: जिला प्रशासन ने पेश की रिपोर्ट, हाई कोर्ट की रहेगी मानिटरिंग...
Bilaspur High Court News: सरकंडा क्षेत्र की एक आवासीय कालोनी में मंदिर में रात के समय लाउडस्पीकर बजने की शिकायत पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। पुलिस व प्रशासन की ओर से कोर्ट को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में बताया गया कि लाउडस्पीकर तेज आवाज में नहीं बजाया जा रहा था और अब उसे पूरी तरह हटा दिया गया है। तीन फरवरी को होगी अगली सुनवाई
Bilaspur High Court News: बिलासपुर। सरकंडा क्षेत्र की एक आवासीय कालोनी में मंदिर में रात के समय लाउडस्पीकर बजने की शिकायत पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। पुलिस व प्रशासन की ओर से कोर्ट को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में बताया गया कि लाउडस्पीकर तेज आवाज में नहीं बजाया जा रहा था और अब उसे पूरी तरह हटा दिया गया है। मामले में आगे की निगरानी के लिए हाई कोर्ट ने तीन फरवरी 2026 को अगली सुनवाई तय की है।
सरकंडा, बिलासपुर की एक आवासीय कालोनी में स्थित मंदिर में लाउडस्पीकर तेज आवाज में बजने की शिकायत स्थानीय निवासी द्वारा डायल 112 में की गई थी। इस शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने को लेकर खबर प्रकाशित हुई, जिसके बाद हाई कोर्ट ने मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई शुरू की। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई पड़ताल का विवरण रखा गया, जिसमें स्थानीय लोगों के बयान और मौके की स्थिति शामिल थी।
स्थानीय लोगों के बयान से स्पष्ट हुई स्थिति
जांच के दौरान मंदिर के आसपास रहने वाले कई लोगों से पूछताछ की गई। इनमें संध्या सिन्हा, सुशीला सिंह, प्रीति नायक और अजय कुमार शामिल थे। इन सभी ने बताया कि लाउडस्पीकर तेज आवाज में नहीं, बल्कि सुबह और शाम सीमित समय के लिए धीमी आवाज में बजाया जाता था। स्थानीय निवासियों के बयानों के आधार पर जांच रिपोर्ट में शिकायत को निराधार बताया गया।
पंचनामा में नहीं मिला लाउडस्पीकर
पुलिस द्वारा मौके पर पंचनामा तैयार किया गया, जिसमें मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का लाउडस्पीकर नहीं पाए जाने की पुष्टि की गई। इस पंचनामा पर शिकायतकर्ता अनुराग अग्रवाल के हस्ताक्षर भी दर्ज हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पहले लाउडस्पीकर केवल 10 से 15 मिनट के लिए उपयोग में लाया जाता था, लेकिन अब उसे पूरी तरह हटा दिया गया है।
निगरानी के लिए अगली सुनवाई तय
कोर्ट को बताया गया कि फिलहाल मंदिर परिसर में कोई लाउडस्पीकर नहीं है और स्थिति सामान्य है। इसके बावजूद भविष्य में किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए हाई कोर्ट ने मामले को मॉनिटरिंग के उद्देश्य से तीन फरवरी 2026 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।