Bilaspur High Court: जैजैपुर विधायक बालेश्वर पर कसा पुलिस का शिकंजा: हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई सशर्त रोक

Bilaspur High Court: जैजैपुर के कांग्रेस विधायक बालेश्वर साहू के खिलाफ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की अब सीएसपी की टीम जांच करेगी। इससे विधायक की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी सशर्त गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।

Update: 2025-11-07 17:48 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। धोखाधड़ी के आरोपी विधायक की याचिका पर सुनवाई के बाद डीविजन बेंच ने विधायक व फर्जीवाड़ा में सहयोगी को राहत देते हुए कहा है कि जब तक अंतिम रिपोर्ट सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत न कर दी जाए दंडात्मक कार्रवाई न कि जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चल रही जांच में पूर्ण सहयोग प्रदान करने और पूछताछ के लिए स्वयं को उपलब्ध कराने की हिदायत भी दी है।

विधायक बालेश्वर साहू और गौतम राठौर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक की मांग की थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीड़ी गुरु की डीविजन बेंच में हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता बीपी शर्मा और विवेक श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि कि आरोपित प्राथमिकी दुर्भावनापूर्ण इरादे से और राजनीतिक प्रतिशोध के परिणामस्वरूप दर्ज की गई है। इसमें लगाए गए आरोप, भले ही उनके अंकित मूल्य पर लिए जाएँ, किसी भी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं करते हैं। तर्क दिया गया है कि कथित घटना 2015 और 2020 के बीच की अवधि से संबंधित है, जबकि प्राथमिकी लगभग पाँच वर्ष बीत जाने के बाद, बिना किसी उचित स्पष्टीकरण के, 03 अक्टूबर 2025 को दर्ज की गई थी। यह भी प्रस्तुत किया गया है कि याचिकाकर्ताओं को जाँच के दौरान गिरफ्तारी की आशंका है और वे जाँच अधिकारी के साथ पूरा सहयोग करने को तैयार हैं। याचिकाकर्ताओं ने शिकायतकर्ता को देय बकाया राशि के आंशिक भुगतान के लिए 10 लाख रुपये का चेक लाया है। याचिकाकर्ताओं ने आगे दलील दी है कि उन्हें शिकायतकर्ता को देय सभी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कुछ समय दिया जाए। याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त विकल्प के संबंध में।शिकायतकर्ता ने अपनी अनिच्छा दर्शायी तथा कहा कि वह धन लेने में रूचि नहीं रखता है तथा याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा चलाना चाहता है।

डीविजन बेंच ने कहा कि सामग्री का अवलोकन करने के बाद, यह न्यायालय पाता है कि आरोपित प्राथमिकी में आरोप उक्त घटनाओं से संबंधित हैं।।2015 और 2020 के बीच घटित होने का अनुमान है, जबकि एफआईआर काफी देरी के बाद 03 अक्टूबर 2025 को दर्ज की गई है। मामले की जाँच चल रही है और सीआरपीसी की धारा 173 (बीएनएसएस, 2023 की धारा 193) के तहत अंतिम रिपोर्ट अभी तक प्रस्तुत नहीं की गई है।

याचिकाकर्ताओं द्वारा अपनी संभावित गिरफ्तारी के संबंध में व्यक्त की गई आशंका और जांच में सहयोग करने के उनके वचन पर विचार करते हुए, न्यायालय का मानना ​​है कि इस स्तर पर अंतरिम संरक्षण का मामला बनता है।


गिरफ्तारी पर रोक, पुलिस को निर्देश

याचिका की सुनवाई के बाद डीविजन बेंच ने पुलिस थाना चांपा, जिला जांजगीर-चांपा में धारा 420, 467, 468, 471, 34 आईपीसी के अंतर्गत पंजीकृत अपराध के संबंध में याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक कि अंतिम रिपोर्ट, यदि कोई हो, सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत न कर दी जाए दंडात्मक कार्रवाई न कि जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चल रही जांच में पूर्ण सहयोग प्रदान करें और पूछताछ के लिए स्वयं को उपलब्ध कराने की हिदायत भी दी है। कड़ी शर्तों के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत प्रदान की है।

जांच में सहयोग ना करने पर पुलिज़ को दी कार्रवाई की छूट

डीविजन बेंच ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करने में विफल रहते हैं या उचित नोटिस के बावजूद उपस्थिति से बचते हैं, तो इस आदेश के तहत दी गई सुरक्षा इस न्यायालय को आगे संदर्भ दिए बिना स्वतः ही निरस्त हो जाएगी। मामले की अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह बाद कि तिथि तय कर दी है।

एसपी ने गठित की जांच कमेटी

हाई कोर्ट के निर्देश के बाद एसपी जांजगीर चाम्पा ने जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू द्वारा धोखाधड़ी करने के मामले में जांच दल नियुक्त किया है। जारी आआदेश में लिखा है कि उच्च न्यायालय छ.ग. बिलासपुर द्वारा दिये गये निर्देशो का पालन करते हुए विधि अनुरूप प्रकरण की विवेचना कार्यवाही करते हुए समय पर प्रकरण का निराकरण करते हुए अभियोग पत्र न्यायालय पेश करने हेतु विवेचना अधिकारी योगिता बाली खापर्डे नगर पुलिस अधीक्षक जांजगीर, निरीक्षक मणीकांत पाण्डेय थाना प्रभारी जांजगीर व उप निरीक्षक उमेन्द्र मिश्रा थाना चांपा की टीम गठित की गई है।

फर्जी हस्ताक्षर से गबन का आरोप

विधायक के खिलाफ किसानों के फर्जी हस्ताक्षर और ब्लैंक चेक का उपयोग करने के आरोप में पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की है। धान खरीदी केंद्र में मैनेजर के रूप में पदस्थ रहते हुए बालेश्वर साहू पर आरोप है कि अपने सहयोगी के साथ मिलकर किसानों के फर्जी हस्ताक्षर और ब्लैंक चेक का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2015 से 2025 तक 42 लाख 78 हजार रुपये की अवैध निकासी की और किसानों की रकम गबन कर गए ।

विवादों से नाता-

कांग्रेस विधायक बालेश्वर का विवादों से पुराना नाता है। पड़ोसी से मारपीट के मामले में उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। एक वर्ष पूर्व एक बुजुर्ग शंकर प्रसाद राठौर से कालर पकड़कर मारपीट करने का आरोप है, जिसकी लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई है। दो-तीन साल पहले राजकुमार शर्मा के घर घुसकर बालेश्वर ने उनके परिवार से मारपीट की थी, जिसका सीसीटीवी सबूत मौजूद है और मामला न्यायालय में लंबित है।

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