Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ सरकार में 14 वें मंत्री: कांग्रेस के संचार प्रमुख की याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार...

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ सरकार में 14 वें मंत्री की नियुक्ति पर आपत्ति दर्ज कराने के साथ ही राज्य की भाजपा सरकार द्वारा संवैधानिक बाध्यताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के संचार प्रमुख की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला को कुछ इस तरह की सलाह दी है।

Update: 2025-12-12 09:12 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार में 14 वें मंत्री की नियुक्ति पर आपत्ति दर्ज कराने के साथ ही राज्य की भाजपा सरकार द्वारा संवैधानिक बाध्यताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के संचार प्रमुख की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला को कुछ इस तरह की सलाह दी है।

संवैधानिक बाध्यताओं का हवाला देते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने हाई कोर्ट में को-वारंटों याचिका दायर की थी। दायर याचिका में संवैधानिक व्यवस्थाओं के विपरीत मंत्रिमंडल में एक मंत्री अतिरिक्त 14 वें मंत्री की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताते हुए हटाने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता सुशील आनंद शुक्ला की को-वारंटों याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नए सिरे से जनहित याचिका दायर करने की सलाह दी है। बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल में 14 वें मंत्री की नियुक्ति को रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता वासु चक्रवर्ती ने जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी है। इस याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी मुद्दे पर हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर की गई है। एक ही मुद्दे पर दायर दोनों जनहित याचिकाओं की प्रकृति समान होने के कारण हाई कोर्ट ने दोनों पीआईएल को एकसाथ मर्ज कर दिया है और साथ-साथ सुनवाई हो रही है।

इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने हाई कोर्ट में एक नई याचिका दायर की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन में जब सुनवाई के लिए याचिका को रखा गया तब डिवीजन बेंच ने को-वारंटों याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से कहा कि आप इसमें याचिकाकर्ता की ओर से हस्तक्षेप के साथ ही एक नई जनहित याचिका दायर करें। को-वारंटों याचिका पर हाई कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा। इस याचिका के पहले से ही इसी मुद्दे पर हाई कोर्ट में दो जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई चल रही है।

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