Bans Geet, Cultural Programe: एक अनोखे आयोजन का न्यायधानी बनी गवाह: 150 से अधिक कलाकारों ने 12 घण्टे से ज्यादा समय तक दी बांस गीत गाथा की प्रस्तुति
Bans Geet, Cultural Programe: एक अनोखे आयोजन का न्यायधानी गवाह बनी, रविवार को 150 से अधिक कलाकारों ने 12 घण्टे से अधिक बांस गीत गाथा की शानदार प्रस्तुति दी। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा यह आयोजन अपने आप में अद्भुत है।
12 Ghante Bans Geet Gatha Ki Prastuti: बिलासपुर। एक अनोखे आयोजन का न्यायधानी गवाह बनी, रविवार को 150 से अधिक कलाकारों ने12 घण्टे से अधिक बांस गीत गाथा की शानदार प्रस्तुति दी। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा यह आयोजन अपने आप में अद्भुत है। कार्यक्रम के आयोजकों ने नाम दिया था बांस गीत गाथा। छत्तीसगढ़ के सात जिलों केमंझे कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
बांस गीत गाथा अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित बांस गीत गाथा समारोह में 150 से अधिक बांस गायक और वादक कलाकारो ने एक साथ बांस गीत, वादन और गाथा का प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार प्रस्तुति देकर रिकॉर्ड बनाया। 7 दिसंबर 2025 को पंडित देवकीनंदन दीक्षित सभा भवन इस अनूठे आयोजन का गवाह बना। लाल बहादुर शास्त्री स्कूल परिसर बिलासपुर स्थित पंडित देवकीनंदन दीक्षित सभा भवन में दोपहर 2 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हुई जो देर रात तक जारी रहा।
विधायक सुशांत ने कहा: पुरातन लोक कला को मंच मिलते रहना चाहिए
बांस गीत-गाथा समारोह के मुख्य अतिथि सुशांत शुक्ला विधायक बेलतरा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन अपने आप में अद्भुत है। छत्तीसगढ़ की अस्मिता और संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में बांस गीत समारोह मील का पत्थर साबित होगा। ऐसे पुरातन लोक कला को मंच मिले और लगातार आयोजन हो यही सभी से अपेक्षा है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रख्यात समाजसेवी पद्मश्री फूलबासन यादव राजनांदगांव ने कहा कि मै गर्व महसूस कर रही हूं कि आज रिकॉर्ड बनाने उपस्थित बांस कलाकारों के साथ उपस्थित हूं। मै इस आयोजन के लिए डा सोमनाथ यादव की भूरी भूरी प्रशंसा करती हूं। समारोह के अध्यक्ष रामशरण यादव पूर्व महापौर बिलासपुर ने कहा कि बांस गीत-गाथा अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा बीते 10 वर्ष से अलग-अलग स्थानों पर लगातार आयोजन किया जा रहा है। गांव गांव के बांस कलाकारों को मंच देकर उनका सम्मान कर रहे है जो प्रशंसनीय है।
बांस गीत ऐसी कला है जो भारत में अकेले छत्तीसगढ़ में गाया बजाया जाता है
बांस गीत-गाथा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ सोमनाथ यादव ने कहा कि बांस गीत पुरातन लोक कला है जो सरकार और समाज का संरक्षण नहीं मिलने के कारण विलुप्ति के कगार पर है। बांस गीत ऐसी कला है जो भारत में अकेला छत्तीसगढ़ में गाया बजाया जाता है। वाचिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए युवा उदासीन है। यादव जातीय गौरव के रूप में विख्यात बांस गीत-गाथा में महाभारत से लेकर वीर लोरिक और वर्तमान परिस्थिति तक का प्रसंग को गीत के माध्यम से बांस गायक अपने सहयोगी कलाकार के साथ प्रस्तुत करता है। डॉ सोमनाथ यादव ने कहा कि जिस तरह अन्य लोक कलाओं को सरकारी कार्यक्रमों में मंच दिया जाता है वैसे ही बांस गीत कलाकारों को मंच मिलना चाहिए जिससे बांस गीत का संरक्षण हो सके और युवा भी इस कला का आगे बढ़ाने में आगे आ सके।
10 जिले के कलाकारों ने दी प्रस्तुति
बांस गीतगाथा समारोह में बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर, बलौदाबाजार, कवर्धा, बेमेतरा, कोरबा, पेंड्रा, जांजगीर जिला के बांस गायक, वादक और सहयोगी कलाकार शामिल हुए। समारोह के प्रारंभ में वीर लोरिक पर केंद्रित प्रसंग को 150 से अधिक गीत और बांस वाद्य के कलाकरो द्वारा एक साथ प्रस्तुति दी गई। उसके बाद 40 दल ने अपने टीम के सदस्यों के साथ अलग-अलग ऐतिहासिक प्रसंग की प्रस्तुति दी।
इनको किया सम्मानित
कार्यक्रम में सिरगिट्टी, मस्तूरी, तखतपुर,मंगला, सकरी और बेलतरा रावत नृत्य महोत्सव समिति और सिलपहरी, भरनी, परसदा, खमतराई, बहतराई और बसिया रावत नृत्य दल के साथ समाज सेवी श्रीराम यादव मुंगेली का श्रीफल शाल, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। समारोह का संचालन अकादमी के अध्यक्ष डॉ सोमनाथ यादव ने तथा आभार प्रदर्शन महासचिव संतोष कुमार यादव ने किया।
सोशल मीडिया में जमकर हो रहा वायरल
न्यायधानी बिलासपुर में ई हुए इस अनोखे आगोजन की धमक अब सोशल मीडिया भी दिखाई देने लगी लगी है। सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्म पर वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
सफल आयोजन में इनकी रही विशेष सहभागिता
उपाध्यक्ष नीरज यादव,पार्षद लक्ष्मी यादव, बिलासपुर जिला यादव समाज अध्यक्ष शिवशंकर यादव, संजय यादव, जितेंद्र यादव, विजय यादव, अमित यादव, अनिल यादव, नंदकिशोर यादव, कमल यादव, गुड्डू यादव, श्रीराम यादव, अशोक यादव, भरत यादव, महेश यादव, हंस राम यादव, जलेश्वर यादव, घनश्याम यादव, रामफल यादव, गौरीशंकर यादव, सतीश यादव, डा मंतराम यादव, राम गोपाल यादव, भगवत यादव, नत्थू यादव, केशव यादव, जगदीश यादव, प्रकाश यादव, डा अजय पाठक,महेश श्रीवास, राघवेंद्र धर दिवान, डा जी डी पटेल, देवानंद दुबे, राजेंद्र मौर्य, आनंद प्रकाश गुप्त, रामेश्वर गुप्ता, अश्वनी पाण्डेय आदि प्रमुख पदाधिकारी गण, बिलासा कला मंच के सदस्यगण।