CG News: मां की गोद से छीनकर 9 महीने का बच्चा बेचा, गैंग का भंडाफोड़, पुलिस ने मासूम को सुरक्षित लौटाया

9 महीने के मासूम को मां की गोद से छीन कर आरोपियों ने सात लाख रुपए में बेच दिया। बच्चों से भीख मंगवाने वाले गैंग ने यह काम किया। पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Update: 2025-08-16 12:13 GMT

CG News: दुर्ग। एक संवेदनशील मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए नौ महीने से भी कम उम्र के मासूम बच्चे को अपहरण कर बेचने वाले दंपत्ति समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को पटना (बिहार) से गिरफ्तार कर लिया है। एक महिला आरोपी को पहले ही छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किया जा चुका है। बच्चा सकुशल बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया गया है।

महिला थाने से मिली जानकारी के अनुसार जिले में रहने वाली महिला ने अपने 8 माह 25 दिन के बेटे के अपहरण की शिकायत की थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसकी रिश्तेदार संगनी बाई और संतोष पाल ने बहला-फुसलाकर 20 जून को दुर्ग से कोरगांव, जिला कोंडागांव ले गए। इसके बाद दोनों उसे और उसके आठ माह 25 दिन के बच्चे को लेकर बिहार के जगनपुरा पटना विहार पहुंचे। उन्होंने महिला और उसके बच्चे को वहां किराए के मकान में रखा। आठ जुलाई को जब महिला को छत्तीसगढ़ वापस भेजा जा रहा था, उस दौरान आरा रेलवे स्टेशन पर बैठाकर आरोपियों ने बहाना बनाकर दानापुर स्टेशन पर बच्चे को उसकी गोद से जबरन छीन लिया और वहां से फरार हो गए। अकेली महिला अनजान जगह होने के कारण किसी तरह दुर्ग लौटी और परिवारजन को घटना बताई। महिला की शिकायत पर सेक्टर-06 स्थित थाने में अपहरण का मामला दर्ज कर मामले जांच शुरू की गई।

अधिकारियों के निर्देश पर दो स्पेशल टीम गठित की गई। पहली टीम ने मुख्य आरोपी संगनी बाई को ग्राम कोरगांव, जिला कोंडागांव से गिरफ्तार कर लिया। इधर दूसरी टीम को बिहार भेजा गया। बिहार पहुंची टीम ने पटना और आसपास के क्षेत्रों में तलाश व पूछताछ के बाद चार आरोपियों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया। इनमें संतोष पाल निवासी ग्राम नानंद, थाना सिलाव, जिला नालंदा, प्रदीप कुमार निवासी जगनपुरा, पटना, डॉक्टर बादल उर्फ मिथलेश निवासी जंदी नगर, थाना भदौर और गौरी महतो निवासी ग्राम चौधराईन चक तारतर, थाना घोसवरी शामिल हैं। आरोपियों के कब्जे से मासूम बालक को सकुशल बरामद कर उसकी मां को सौंपा गया।

सात लाख में बेचा था बच्चा,भीख मंगवाने करते बच्चे का उपयोग-

घटना का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर और पद्मश्री तंवर ने बताया कि बच्चों को संतोष पाल ने सात लाख रुपए में गौरी महतो को बेच दिया था। जिसमें से चार लाख रुपए खुद रखे और प्रदीप तथा मिथलेश को तीन लाख रुपए दिए। यह गैंग बच्चों को भीख मंगवाने जैसे अवैधानिक कृत्य में संलग्न करवाने के लिए अपहरण की घटना को अंजाम दिया था।

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