CG IPS Suspend: छत्तीसगढ़ में बंदी की मौत केस में आईपीएस विकास कुमार निलंबित, जानिए उनके बारे में
IPS Vikas Kumar Suspended: कवर्धा में हत्या के संदेही आरोपी की न्यायिक रिमांड में मौत हो गई। जिसके बाद कवर्धा के एडिशनल एसपी के पद पर तैनात आईपीएस विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
IPS Vikas Kumar Suspended: कवर्धा। कवर्धा में मचे बवाल के बीच आईपीएस विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया है। 2020 बैच के आईपीएस विकास कुमार वर्तमान में कवर्धा जिले में एडिशनल एसपी के पद पर पदस्थ थे। कवर्धा में रविवार को लोहारीडीह हत्याकांड के विचाराधीन बंदी प्रशांत साहू 27) की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने भी इस मामले में मोर्चा खोलते हुए पुलिस पर आरोप लगाए थे। वहीं मृतक प्रकाश साहू के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की भी घोषणा गृहमंत्री विजय शर्मा ने की है।
क्या है मामला
कवर्धा जिले के रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहारीडीह निवासी कचरू साहू का शव फांसी के फंदे पर लटकता मिला था। गांव के ही रहने वाले रघुनाथ के साथ कचरू साहू का जमीन विवाद था। जिसके चलते कचरू के परिजनों और अन्य ग्रामीणों को रघुनाथ पर शक हुआ। फिर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मिलकर रघुनाथ के घर को आग लगा दिया। आगजनी में रघुनाथ के परिजन झुलस गए। वही एक शव बुरी तरह जली हुई अवस्था में मिली। पुलिस को आशंका है कि यह शव रघुनाथ का है। इसकी शिनाख्त करवाई जा रही है। इस घटना को जानकारी लगते ही पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। तब गांव में घुसने को लेकर ग्रामीणों ने उनसे भी हुज्जत की थी। गृह मंत्री विजय शर्मा भी मौके पर पहुंचे थे।
जेल में हुई ही थी मौत
पुलिस ने इस मामले में 160 लोगों के खिलाफ नाम जब रिपोर्ट राज्य की है और 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। गिरफ्तार लोगों में प्रशांत साहू, उसका भाई और उसकी मां भी शामिल है। बुधवार की सुबह उसकी जेल में तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
प्रशांत साहू (27) की मौत के बारे में पुलिस का दावा है कि प्रशांत मिर्गी का मरीज था और उसने मिर्गी का अटैक आने के चलते दम तोड़ दिया है। इस पूरे मामले में एडिशनल एसपी विकास कुमार जांच का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने मीडिया को बताया था कि प्रशांत साहू मिर्गी का मरीज था। उसे स्वास्थ्य परीक्षण के पश्चात जेल में दाखिल करवाया गया था। मंगलवार को भी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लाकर इलाज करवाया गया और फिर जेल दाखिल किया गया था। बुधवार सुबह तबीयत बिगड़ने पर फिर से अस्पताल ले जाया जा रहा था तभी उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। जबकि मृतक के भाई ने दावा किया है कि उसका भाई स्वस्थ था, उसे किसी किस्म की कोई बीमारी नहीं थी।
मृतक की मां सरस्वती साहू और उसके भाई कन्हैया भी इस मामले में जेल में है। सरस्वती साहू को दुर्ग जेल वही कन्हैया को कवर्धा जेल भेजा गया है। मृतक के कन्या भाई परमेश्वर ने आरोप लगाया कि उसके परिवार को लड़ाई झगड़े के बारे में कुछ नहीं पता है। पुलिस वाले उसके घर आए और उसके भाई और मां को बेरहमी से मारते–पीटते और घसीटते हुए लेकर गए। परमेश्वर साहू के अनुसार उसके भाई और मां को उसके सामने ही बेरहमी से मारा पीटा गया। उसने भी भाग कर किसी तरह जान बचाई। परमेश्वर साहू ने बताया कि बाद में उसे भी रेंगाखार थाने ले जाया गया। थाने में 10 लाठियां और चमड़े का पट्टा टूटा हुआ पड़ा था। थाने में उसकी भी खूब पिटाई हुई। पिटाई से उसको भी निशान पड़ गया है। उसने मां और भाई के रिहाई की मांग की।
प्रशांत साहू की मौत पर कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी भी की। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया तो बड़ी संख्या में कांग्रेसी परिजनों के साथ मौजूद थे। सुरक्षा को देखते हुए जिला अस्पताल को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मामले में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा था। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था।
प्रशांत साहू की मौत के बाद गृह मंत्री विजय शर्मा उसके परिजनों के पास पहुंचे थे। उन्होंने मृतक के परिवार से चर्चा करने के बाद एडिशनल एसपी के पद पर पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को निलंबित करने के निर्देश जारी किए। वहीं मृतक के परिवार के लिए 10 लाख रुपए मुआवजा की घोषणा की।
मृतक की पत्नी का पूर्व में ही हो चुका है निधन, बच्चा हुआ अनाथ
मृतक के छोटे भाई परमेश्वर साहू ने बताया कि वे लोग तीन भाई हैं। सबसे बड़ा प्रशांत साहू था। उसकी पत्नी का निधन हो चुका है। उसका 8 साल का एक बेटा है। मां के बाद पिता की मौत से वह अनाथ हो गया है। जबकि मृतक प्रशांत साहू के दोनों छोटे भाई की भी शादी हो चुकी है। दोनों भाइयों के एक-एक साल के बच्चे हैं। इस केस के चलते परिवार ने बड़े बेटे को खो दिया जबकि एक बेटा और उनकी मां जेल में है।
कौन है आईपीएस विकास कुमार
बिहार के रहने वाले विकास कुमार 2020 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वे अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में आईपीएस की ट्रेनिंग के चरण में 100 दिन की फाउंडेशन कोर्स के लिए पुणे जाने वाले थे। पर उससे पहले ही कवर्धा के विवाद में वे निलंबित हो गए।