Gold Price in India: भारत में सोने की कीमत कैसे तय होती है? जानिए पूरा फॉर्मूला (Latest 06 October 2025)
Gold Price in India: शादी-त्योहारों से लेकर रुपए की कीमत तक, जानिए किन वजहों से बढ़ता-घटता है सोने का भाव
Gold Price in India: भारत में सोना (Gold) सिर्फ एक कीमती धातु नहीं, बल्कि आस्था और निवेश (Investment) दोनों का प्रतीक है। शादी हो त्योहार या मंदी का दौर, हर वक़्त भारतीय परिवार सोने-चांदी को सुरक्षित संपत्ति (Safe Asset) मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में सोने की कीमत (Gold Price) आखिर तय कैसे होती है? NPG News आप को विस्तार बता रहा है। तो आइये जानते है गोल्ड सिल्वर लेटेस्ट रेट का कैलकुलेशन (Calculation) कैसे होता है?
सोने के दाम का सीधा संबंध अंतरराष्ट्रीय बाजार (Global Market) होता है, रुपये की कीमत (Rupee Value) और सरकारी करों (Government Taxes) से लेटेस्ट गोल्ड प्राइस तय होता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार (Global Market Rates)
सोने की असली कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लंदन बुलियन मार्केट (London Bullion Market) या COMEX (Commodity Exchange) के रेट से तय होती है। भारत में आयात (Import) होने वाला सोना इन्हीं अंतरराष्ट्रीय भावों पर टिका होता है। अगर डॉलर के मुकाबले सोने की कीमत बढ़ती है, तो भारतीय बाजार में भी गोल्ड रेट (Gold Rate) बढ़ जाता है।
रुपए की मजबूती या कमजोरी (Rupee Exchange Rate)
भारत में सोने की कीमत डॉलर में तय होती है। इसलिए अगर रुपया कमजोर (Weak Rupee) होता है, तो सोना महंगा हो जाता है। मिसाल के लिए, अगर डॉलर ₹80 से बढ़कर ₹84 का हो जाए, तो उसी सोने की कीमत में 2,000–3,000 प्रति 10 ग्राम तक का फर्क आ सकता है।
सरकार की इंपोर्ट ड्यूटी और टैक्स (Import Duty & Taxes)
भारत अपनी ज़रूरत का लगभग 90% सोना इंपोर्ट (Import) करता है। इस पर सरकार इंपोर्ट ड्यूटी (Import Duty) और GST (Goods and Services Tax) लगाती है। इसका सीधा बोझ उपभोक्ताओं को झेलना पड़ता है। जैसे ही सरकार ड्यूटी घटाती या बढ़ाती है, सोने की कीमत पर सीधा असर पड़ता है।
त्योहारों और शादी-ब्याह का सीजन (Festive & Wedding Demand)
भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि संस्कृति (Culture) का हिस्सा है। अक्टूबर से फरवरी के बीच आने वाले त्योहारों (Festivals) और शादी सीजन (Wedding Season) में इसकी मांग (Demand) तेजी से बढ़ जाती है। मांग बढ़ने पर व्यापारी कीमतों में बढ़ोतरी कर देते हैं। यानी भाव मौसम के हिसाब से बदलता है।
सोने की शुद्धता (Purity of Gold)
भारत में ISO (Indian Standard Organization) द्वारा हॉलमार्क (Hallmark) जारी किए जाते हैं जो सोने की शुद्धता बताते हैं।
कैरेट (Carat) शुद्धता प्रतिशत मार्किंग नंबर
24K 99.9% 99923K 95.8% 95822K 91.6% 91621K 87.5% 87518K 75% 750
भारत में सबसे ज्यादा 22 कैरेट गोल्ड (22 Carat Gold) की बिक्री होती है क्योंकि यही ज्वेलरी (Jewellery) के लिए बढ़िया होता है। 24 कैरेट गोल्ड (24 Carat Gold) सबसे शुद्ध होता है, लेकिन इससे आभूषण नहीं बनाए जा सकते।
हॉलमार्किंग क्यों जरूरी है (Importance of Hallmarking)
सोना खरीदते समय ग्राहकों को केवल हॉलमार्क (Hallmark) वाला सोना ही लेना चाहिए। यह निशान ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) की ओर से जारी किया जाता है और यह सोने की सरकारी गारंटी (Government Guarantee) होती है। हॉलमार्किंग योजना BIS Act के तहत चलती है, जो सोने की क्वालिटी, शुद्धता और लेनदेन में ट्रांसपरेंसी को मजबूत करता है।
घर बैठे ऐसे जानें आज का गोल्ड रेट (How to Check Gold Rate via Missed Call)
22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के खुदरा दाम जानने के लिए 8955664433 पर मिस्ड कॉल दें। कुछ ही सेकंड में आपको SMS के जरिए ताज़ा रेट (Latest Gold Rate) मिल जाएगा। साथ ही, आप रोज़ाना अपडेट के लिए ibja.co या ibjarates.com वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं।
22K और 24K गोल्ड में फर्क (22K vs 24K Gold)
24 कैरेट गोल्ड (24K Gold): 99.9% शुद्ध, लेकिन जेवर के लिए सही नहीं है।
22 कैरेट गोल्ड (22K Gold): 91% शुद्ध, बाकी 9% में तांबा, चांदी और जिंक जैसी धातुएँ मिलाई जाती हैं ताकि सोना मजबूत रहे।
इसलिए अगर आप गोल्ड ज्वेलरी (Gold Jewellery) खरीद रहे हैं, तो 22 कैरेट गोल्ड ही सबसे सही विकल्प (Option) है।
सोना भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन दोनों का अभिन्न हिस्सा है। आज की बढ़ती ग्लोबल अनिश्चितता (Global Uncertainty) और महंगाई (Inflation) के बीच यह लोगों के लिए एक सुरक्षित निवेश (Safe Investment) बन गया है। शादी-ब्याह और त्योहारों की डिमांड आने वाले महीनों में गोल्ड प्राइस (Gold Price) को और ऊंचा ले जा सकती है।