रिटायर्ड DIG की पत्नी को उम्रकैद: जुर्माना भी लगा, 2 साल से थी फरार... जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2022-12-13 06:50 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मालती शर्मा हत्याकांड मामले में अलका मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। रिटायर्ड डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा कोर्ट से दोषी करार होने के बाद पिछले 2 साल से फरार चल रही थीं। रविवार देर शाम लखनऊ पुलिस ने अलका मिश्रा को गाजीपुर से गिरफ्तार किया था। सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

दरअसल जून 2004 में बीजेपी नेता की हत्या मामले में मालती के पति प्रेमनाथ ने गाजीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया था कि 7 जून को मालती दवा लेने गई थी लेकिन उनका शव कुकरैल बंधे पर मिला था। उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मालती मूलरूप से जौनपुर की रहने वाली थीं।

गोमती नगर पुलिस ने सिपाही राजकुमार राय और अलका के करीबी रोहित यादव को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया था। जांच में पता चला था कि मालती की हत्या की साजिश विकासनगर की तत्कालीन पार्षद अलका और आलोक दुबे को ने ही रची थी।

इस मामले में कोर्ट ने 9 दिसंबर को चारों आरोपियों को दोषी ठहराया था, लेकिन अलका मिश्र कोर्ट से फरार हो गई थी। इस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसके बाद पुलिस ने रविवार को अलका मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कोर्ट ने सोमवार को सभी आरोपियों को आजीवन कारवास की सजा सुनाई।

कोर्ट ने अलका मिश्रा और आलोक दुबे को हत्या की साजिश रचने, राजकुमार राय को हत्या, अपहरण, साजिश रचने व आर्म्स एक्ट और रोहित सिंह की हत्या और आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराया है। साथ ही अलका मिश्रा व आलोक दुबे पर 10-10 हजार, राजकमार राय पर 35 हजार और रोहित सिंह पर 15 हजार जुर्माना भी लगाया है।

बता दें कि रिटायर्ड डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा की मालती से सियासी वर्चस्व को लेकर अदावत थी। दोनों ही भाजपा की नेता थीं। अलका बीजेपी के अवध क्षेत्र की पूर्व उपाध्यक्ष रहीं हैं। इस हत्याकांड में नाम आने के बाद भाजपा ने अलका मिश्रा को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया था। वहीं लोगों ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी।

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