IPS Shivdeep Lande: बिहार के ‘’सिंघम’’ ने इस्तीफे को लेकर तोड़ी चुप्पी, पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कही बड़ी बात..
IPS Shivdeep Lande: हाल ही में बिहार के बहुचर्चित IPS अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद शुक्रवार को पटना में शिवदीप वामनराव लांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने 'कनेक्ट विद शिवदीप' नामक ऐप लॉन्च किया. ऐप को प्ले स्टोर पर उपलब्ध कराया गया है. ऐप के जरिए लोग शिवदीप लांडे से जुड़ सकेंगे और अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे. कौन है बिहार के सिंघम के नाम से प्रसिद्ध शिवदीप लांडे जानने के लिए पढ़े पूरी खबर.....

IPS Shivdeep Wamanrao Lande: बिहार के चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे ने हाल ही में इस्तीफा दिया था. जिसके बाद आईपीएस अधिकारी ने शुक्रवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस लिया. इस दौरान उन्होंने अपनी नई पहल 'कनेक्ट विद शिवदीप' ऐप लॉन्च किया.
'कनेक्ट विद शिवदीप' ऐप के जरिए शिवदीप बिहार के लोगों से सीधे जुड़ने का प्रयास करेंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे. शिवदीप लांडे ने बताया कि यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा, जिससे लोग सीधे उनसे संपर्क कर सकेंगे और अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवदीप लांडे ने अपने भविष्य की दिशा को लेकर भी कुछ अहम बातें साझा कीं. जब उनसे राजनीति में आने को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा, "मैं 4 मार्च से पहले युवाओं से मिलकर अपनी आगे की दिशा तय करूंगा." उनका कहना था कि वह 4 मार्च के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचेंगे, जब वह ग्राउंड पर जाकर युवाओं से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को समझेंगे. उन्होंने अपनी मां से पूछा कि क्या वह बिहार के युवाओं के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो उनकी मां और उनकी पत्नी ममता ने उनका पूरा समर्थन किया.
दोनों की सहमति के बाद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया. लांडे ने इस कदम को उठाने की अपनी वजह बताते हुए कहा कि उन्हें रोजाना हजारों संदेश आते थे, जिसमें लोग उनसे मिलने और अपनी समस्याएं साझा करने की इच्छा जताते थे. इस पर उन्हें महसूस हुआ कि अब उन्हें लोगों के बीच जाकर काम करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, "मैंने खाकी छोड़ी है, लेकिन खाकी मेरे अंदर हमेशा बसी हुई है. मेरे ऊपर यूनिफॉर्म नहीं है, लेकिन मेरी चमड़ी पूरी तरह से खाकी बन चुकी है."लांडे ने कहा कि उनका करियर मुंगेर से शुरू हुआ था और अब 4 मार्च से वह मुंगेर के युवाओं से मिलकर अपनी यात्रा का नया कदम शुरू करेंगे.
शिवदीप लांडे का इस्तीफा
बिहार के चर्चित और ईमानदार आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने 19 सितंबर 2024 को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से इस्तीफा दे दिया था. वह उस समय पूर्णिया में IG (Inspector General) के पद पर तैनात थे. शिवदीप लांडे का यह इस्तीफा तब काफी सुर्खियों में आया, जब वह 6 सितंबर 2024 को पूर्णिया रेंज के IG पद का चार्ज संभालने के महज कुछ ही दिन बाद इस्तीफा देने का निर्णय लेते हैं. उनके इस्तीफे के बाद विभिन्न अटकलें सामने आईं कि क्या वह अपना इस्तीफा वापस लेंगे या नहीं.
शिवदीप लांडे के इस्तीफे की पेशकश के बाद बिहार पुलिस विभाग ने उन्हें तत्काल मुख्यालय बुला लिया और उनके स्थान पर राकेश राठी को पूर्णिया का IG नियुक्त किया गया. मुख्यालय में लांडे को IG प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन इस्तीफे को लेकर किसी स्पष्ट कारण का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. यह स्थिति कई सवालों को जन्म देती है और इस बारे में चर्चा का बाजार गर्म हो गया था.
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने 29 जनवरी को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था, "जल्द आप लोगों के बीच आ रहा हूं." इसके बाद, 6 फरवरी को उन्होंने अपनी वर्दी की तस्वीर पोस्ट की और लिखा, "वर्दी एक युवा मन का सपना होता है, लेकिन इतना समय समर्पित करने के बाद, अब यह समय अपनी माटी से जुड़ने का है." वर्दी की तस्वीर के साथ वह बिहार के नक्शे के सामने खड़े हुए थे, जिसमें वह नदी के किनारे सूर्य को प्रणाम कर रहे थे. उन्होंने इस तस्वीर के साथ लिखा था, "एक कदम माटी के कर्ज की ओर."
शिवदीप लांडे का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शिवदीप लांडे का जन्म 5 जून 1985 को महाराष्ट्र में हुआ था. उनके परिवार में शिक्षा और समाज सेवा का गहरा महत्व था. लांडे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा महाराष्ट्र में प्राप्त की और इसके बाद पुणे विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की. शिवदीप लांडे ने 2006 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की परीक्षा पास की और बिहार कैडर में सेवा देने के लिए चयनित हुए. लांडे ने बिहार में कई अहम पदों पर कार्य किया, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से मुंगेर, पूर्णिया, और पटना में अपने कार्यों के दौरान काफी पहचान बनाई.
शिवदीप लांडे की लव स्टोरी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. उनकी मुलाकात महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विजय शिवतारे की बेटी ममता शिवतारे से एक दोस्त की शादी में हुई थी. धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार पनपा और 2014 में उन्होंने शादी करने का फैसला लिया.
शिवदीप लांडे, एक चर्चित और ईमानदार आईपीएस अधिकारी रहे हैं, बिहार में अपनी निष्पक्षता और साहसिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं. उनके कई क़िस्से और घटनाएँ हैं जिन्होंने उन्हें एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया. आइए जानते हैं उनकी कुछ खास बात..
घूस लेने वाले पुलिस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी (2015): यह क़िस्सा सबसे ज्यादा चर्चित था, जब शिवदीप लांडे ने एक घूस लेने वाले पुलिस इंस्पेक्टर को फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार किया था. घटना पटना के डाक बंगला चौराहे की है, जहाँ यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर सर्वचंद ने दो व्यापारी भाइयों से एक पुराने केस को खत्म करने के लिए पैसे मांगने की कोशिश की थी. जब शिवदीप को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने इंस्पेक्टर सर्वचंद को पकड़ने के लिए एक प्लान बनाया. उन्होंने खुद को सामान्य कपड़ों में ढाल लिया और सिर पर दुपट्टा लपेट कर चौराहे पर इंस्पेक्टर का इंतजार किया. जैसे ही सर्वचंद घूस लेने आया, शिवदीप ने उसे गिरफ्तार कर लिया. यह क़िस्सा बिहार में बहुत सुर्खियों में रहा और लांडे की छवि एक ईमानदार अधिकारी के रूप में बनी.
स्ट्राइक के दौरान प्रदर्शन: लांडे का एक और क़िस्सा 2014 में हुआ जब वे मुंगेर जिले में तैनात थे. इस दौरान उन्होंने एक प्रमुख प्रदर्शन के दौरान कड़ी कार्रवाई की थी. इस क़िस्से में उन्होंने स्थिति को काबू में रखते हुए प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए थे, जिसके बाद उन्हें व्यापक समर्थन मिला. उनके इस कदम ने यह सिद्ध किया कि वह सिर्फ कानून का पालन करने में ही नहीं, बल्कि उसे लागू करने में भी बेहद दृढ़ हैं.
बिहार में अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई: शिवदीप लांडे ने हमेशा बिहार में अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की. वे कई ऐसे अभियानों का हिस्सा रहे हैं जिनमें उन्होंने बड़े गैंगस्टरों और अपराधियों को गिरफ्तार किया. खासतौर पर उनकी नकेल उन अपराधियों पर पड़ी, जिन्होंने राजनीतिक संरक्षण का दावा किया था. लांडे के कड़े कदमों ने बिहार के पुलिस विभाग को एक नई दिशा दी और उनके काम की सराहना की गई.
कर्मभूमि के रूप में बिहार की पहचान: शिवदीप लांडे का कहना था कि उनका जन्म भले ही महाराष्ट्र में हुआ हो, लेकिन उनकी पहचान और कर्मभूमि बिहार है. उन्होंने हमेशा बिहार के विकास के लिए काम किया और बिहार के लोगों के लिए अपना समर्पण दिखाया. यही कारण था कि उन्होंने आईपीएस की नौकरी को छोड़ने का निर्णय लिया और राज्य के युवाओं के बीच जाकर काम करने की ठानी.
नक्सलियों के खिलाफ सफल अभियान: लांडे को नक्सलवाद के खिलाफ भी एक कठिन और सफल अभियान के लिए जाना जाता है. उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में कड़ी कार्रवाई की और कई नक्सली अभियानों को सफलतापूर्वक नाकाम किया. उनकी यह भूमिका भी बिहार पुलिस के लिए महत्वपूर्ण रही है.