IPS Ramgopal Garg Biography in Hindi: आईपीएस रामगोपाल गर्ग का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस रामगोपाल गर्ग?

IPS Ramgopal Garg Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– आईपीएस रामगोपाल गर्ग छत्तीसगढ़ कैडर के 2007 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः पंजाब राज्य के रहने वाले है। इंजीनियरिंग करने के बाद रामगोपाल गर्ग ने यूपीएससी क्रैक की है। सीबीआई में भी 7 वर्ष रामगोपाल डेपुटेशन पर रहे हैं।

Update: 2024-06-17 16:25 GMT

IPS Ramgopal Garg

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एनपीजी। रामगोपाल गर्ग छत्तीसगढ़ कैडर के 2007 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः पंजाब राज्य के रहने वाले है। तीसरे प्रयास में 152 वें रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक रामगोपाल ने की है। सात वर्षों तक सीबीआई में डेपुटेशन में रहे रामगोपाल छत्तीसगढ़ में भी महत्वपूर्ण पोस्टिंग्स पर रहे हैं। वे वर्तमान में आईजी दुर्ग रेंज हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में....

जन्म और शिक्षा:–

रामगोपाल गर्ग छत्तीसगढ़ कैडर के 2007 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। उनका जन्म 2 मई 1980 को हुआ है। रामगोपाल गर्ग पंजाब के भटिंडा के रहने वाले हैं। उनके पिता की छोटी सी कपड़े की दुकान थी। वे दो भाई व दो बहन है। दसवीं तक की पढ़ाई उन्होंने एक प्राइवेट स्कूल से पंजाबी मीडियम में की। फिर 11वीं व 12वीं फिजिक्स केमेस्ट्री मैथ्स विषयों के साथ शासकीय इंटर कॉलेज से की। रामगोपाल गर्ग को कॉमर्स विषय में रुचि थी। पर उनके पिता चाहते थे कि उनका एक पुत्र इंजीनियर बने। इसलिए रामगोपाल गर्ग ने गणित विषय चुना। पंजाब में इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए होने वाली पंजाब कामन एंट्रेंस टेस्ट में रामगोपाल गर्ग का 38 वा रैंक आया था। उन्होंने थापर इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग किया। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते उनके पिता ने उन्हें पढ़ाने के लिए लोन भी लिया था। हालांकि प्रतिभावान रामगोपाल गर्ग को अच्छे मार्क्स लाने पर स्कॉलरशिप मिल गई। स्कॉलरशिप से कॉलेज की फीस तो चुका दी जाती थी,पर अन्य खर्चों के लिए लोन की राशि काम आई है।

इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही राम गोपाल गर्ग का केंपस सलेक्शन मोटरोला कंपनी में हो गया। अपने पैरों पर खड़ा होने व पिता का लोन चुकाने के लिए उन्होंने बेंगलुरु में जाकर मोटोरोला कंपनी में ज्वाइन कर लिया और 2 सालों तक वहां जॉब किया। इस दौरान उन्होंने पिता का लोन चुका दिया।

यूपीएससी में चयन:–

रामगोपाल वापस पंजाब के भटिंडा में घर लौट कर अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू की। यूपीएससी मेंस में उनका एक सब्जेक्ट मैथ्स तो वही दूसरा सब्जेक्ट पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन था। शुरुआत की दो असफलताओं के बाद तीसरे प्रयास में उन्हें 152 वा रैंक प्राप्त हुआ। और वे आईपीएस के लिए चुने गए। उन्हें छत्तीसगढ कैडर अलॉट हुआ। रामगोपाल गर्ग ने मास्टर डिग्री ऑफ पुलिसमैन की डिग्री उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से की। पीजी साइबर लॉ की डिग्री उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन प्राप्त की।

गर्ग 2008 में राजनांदगांव जिले में प्रशिक्षु आईपीएस थे। गरियाबंद में 2011 में नक्सली हमले में पुलिस जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद उन्हें गरियाबंद जिले का एसपी बनाकर भेजा गया। यह उनका पहला जिला था। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि हमले में शहीद जवानों के अलावा एक जवान मिसिंग था जिससे खोजना। वह जवान सकुशल बरामद कर लिया गया। यहां रामगोपाल गर्ग ने 23 माह बिताए। अपने पोस्टिंग के दौरान रामगोपाल गर्ग ने जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में 6 नए थाने खोलें। व नक्सल गतिविधियों में अंकुश लगाया। गरियाबंद के बाद कोरिया जिले में 6 माह एसपी रहे। फिर बालोद जिले में 3 माह एसपी रहे। बालोद के बाद एक साल तक पीएचक्यू में एसआईबी के एसपी रहे। राम गोपाल गर्ग एक साल तक राज्यपाल बलरामजी दास टंडन की परिसहाय भी रहे।

2015 में आईपीएस गर्ग केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में एसपी के पद पर चले गए। इस दौरान वह दिल्ली व चंडीगढ़ में पदस्थ रहे। उन्होंने कई आर्थिक अपराध व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर सीबीआई को सौंपी गये केसों की जांच की। सीबीआई में रहने के दौरान डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले की जांच कर उसकी कुंडली निकाल ऐसी तगडी चालान आईपीएस रामगोपाल गर्ग ने बनाई कि सबूतों और जांच रिपोर्ट के आधार पर पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया। प्रतिनियुक्ति से छत्तीसगढ़ कैडर लौटने के बाद रामगोपाल गर्ग अंबिकापुर रेंज के आईजी बने।

अंबिकापुर में आईजी रहने की समय क्राइम कंट्रोल के लिए रामगोपाल गर्ग ने विशेष प्रयास किए। कोरिया व मनेंद्रगढ़ चिरमिरी जिलों में चोरी में उन्होंने लगाम लगाई। साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए साइबर प्रहरी अभियान चलाया। अंबिकापुर के बाद नवगठित रायगढ़ उप रेंज के डीआईजी बने। रायगढ़ रेंज में रहते हुए उन्होंने दो प्रधानमंत्री विजिट व कई वीवीआईपी के दौरे निपटाए। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे की सभा, राहुल गांधी की सभा भी सुरक्षात्मक रूप से संपन्न करवाई। रायगढ़ में उनके पदस्थ रहने के दौरान एक्सिस बैंक में 2 करोड़ 40 लाख रुपए की डकैती हो गई थी। सारे डकैतों को बलरामपुर पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर डकैती की सारी रकम रिकवरी की। गिरफ्तार डकैतों को गेट पैटर्न टेक्नोलॉजी से पैदल चलवाया। इसमें डकैतों के डकैती के समय के सीसीटीवी में रिकॉर्ड चाल– ढाल को डकैतों के द्वारा फिर से घटना स्थल पर नाट्य रूपांतरण करवाया जाता है। फिर डकैतों के चाल ढाल का परीक्षण किया जाता है। इस रिकॉर्डेड वीडियो व फुटेज को गुजरात के लैब से टेस्ट करवाया गया ताकि आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत तैयार हो सके।

रायगढ़ के बाद तीन माह तक वे राजनांदगांव के डीआईजी रहे हैं। इस दौरान को नए जिलों को सेटअप करवाना और भेंट– मुलाकात कार्यक्रम सुरक्षा व्यवस्था के साथ संपन्न करवाया।

रायगढ़ के बाद रामगोपाल गर्ग को चुनाव आयोग ने दुर्ग जिले के एसएसपी बन कर भेजा। दुर्गा वीवीआईपी जिला था। यह तत्कालीन मुख्यमंत्री, गृहमंत्री का गृह जिला होने के साथ ही उनका विधानसभा क्षेत्र भी था। दुर्ग जिले में एसएसपी रहते हुए उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव निपटाया। वीवीआईपी दौरे निपटाए। क्राइम डिटेक्शन किया। 13 चोरियों का खुलासा कर 60 लाख के चोरी के गहने बरामद किए। नशे के खिलाफ अभियान चलाते हुए नशे में प्रयुक्त होने वाले डेढ़ करोड़ रुपए के नशे की टेबलेट बरामद किए। टैबलेट बनाने वाली राजस्थान की फैक्ट्री में भी 25 दिन ऑपरेशन चला कर रेड करवाया। इसमें उनकी टीम ने भी काफी मेहनत की। त्रि नैन एप लांच करवाया। इस एप में प्रदेश भर के 16 हजार कैमरे विथ लोकेशन के एड है। कही पर भी घटना घटित होने पर पुलिस इस एप से तत्काल यह जान सकती है कि घटनास्थल के आस पास और उस रूट में कहा कहा किन किन जगहों पर कैमरे लगे है। पूर्व में कोई घटना घटित होने पर पुलिस को आसपास कैमरे तलाशने में ही घंटों मेहनत लगते थे। मार्च 2024 में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिए है।

साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए गूगल को नोटिस देखकर विभिन्न पाठ करने वाले नंबरों को बंद करवाने के निर्देश दिए। इसके बाद गूगल ने अपना एल्गोरिथम सुधारा परफेक्ट नंबरों को हटाकर फिर से वेरीफाइड नंबर जोड़े। लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाया।

जीवन साथी:–

रामगोपाल गर्ग ने डॉक्टर तरल गर्ग से शादी की है। डॉक्टर तरल गर्ग एमबीबीएस डॉक्टर हैं। वे बठिंडा से ही बिलांग करती हैं। गर्ग दंपत्ति का एक चार साल का बेटा अगस्त्या हैं।

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